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Fatehpur: दहेज के लिए महिला को जिंदा जलाने वाले पति, सास-ससुर को उम्रकैद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, फतेहपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Sat, 06 Sep 2025 10:25 PM IST
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सार
महिला को जिंदा जलाने के मामले में पति, सास-ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। भाई का दावा था कि उसके सामने बहनोई ने बहन पर केरोसिन डाला था।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
फतेहपुर जिले में दहेज के लिए महिला को केरोसिन डालकर जिंदा जलाने के मामले में कोर्ट ने पति समेत तीन ससुरालियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायालय संख्या-2 की न्यायाधीश पूजा विश्वकर्मा ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए तीनों पर 70-70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर एक-एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
मामला ललौली थाना क्षेत्र के अकिलाबाद गांव का है। यहां के रामजीत सिंह ने अपनी बेटी रीता सिंह की शादी 2001 में गांव के ही अरुण उर्फ पप्पू सिंह से की थी। आरोप था कि शादी के बाद से रीता को ससुराल पक्ष से पति अरुण, सास शकुंतला, ससुर धर्मराज और दो देवर की ओर से दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जाता था।
25 अक्तूबर 2013 को रीता की जलाकर हत्या कर दी गई। रामजीत ने 27 अक्तूबर को दामाद, ससुर, सास और दोनों देवरों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार घटना के दिन रीता के भाई प्रदीप को उसके चचेरे भाई विनोद ने बहन की पिटाई की सूचना दी। प्रदीप मौके पर पहुंचा। यहां उसने देखा कि बहन के ऊपर अरुण ने केरोसिन डाला। सास-ससुर के उकसाने पर बहनोई ने उसे जिंदा आग लगा दी गई।
घटना के बाद परिवार मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी गई। विवेचना के दौरान देवर अखिलेश को साक्ष्य के अभाव में केस से बाहर कर दिया गया। एक नाबालिग देवर का मामला किशोर न्याय बोर्ड में अभी विचाराधीन है। पांच गवाहों की गवाही के आधार पर शनिवार को कोर्ट ने पति अरुण सिंह उर्फ पप्पू सिंह, ससुर धर्मराज सिंह, और सास शकुंतला देवी को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

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मामला ललौली थाना क्षेत्र के अकिलाबाद गांव का है। यहां के रामजीत सिंह ने अपनी बेटी रीता सिंह की शादी 2001 में गांव के ही अरुण उर्फ पप्पू सिंह से की थी। आरोप था कि शादी के बाद से रीता को ससुराल पक्ष से पति अरुण, सास शकुंतला, ससुर धर्मराज और दो देवर की ओर से दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जाता था।
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25 अक्तूबर 2013 को रीता की जलाकर हत्या कर दी गई। रामजीत ने 27 अक्तूबर को दामाद, ससुर, सास और दोनों देवरों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार घटना के दिन रीता के भाई प्रदीप को उसके चचेरे भाई विनोद ने बहन की पिटाई की सूचना दी। प्रदीप मौके पर पहुंचा। यहां उसने देखा कि बहन के ऊपर अरुण ने केरोसिन डाला। सास-ससुर के उकसाने पर बहनोई ने उसे जिंदा आग लगा दी गई।
घटना के बाद परिवार मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी गई। विवेचना के दौरान देवर अखिलेश को साक्ष्य के अभाव में केस से बाहर कर दिया गया। एक नाबालिग देवर का मामला किशोर न्याय बोर्ड में अभी विचाराधीन है। पांच गवाहों की गवाही के आधार पर शनिवार को कोर्ट ने पति अरुण सिंह उर्फ पप्पू सिंह, ससुर धर्मराज सिंह, और सास शकुंतला देवी को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।