Kanpur: जीएसटी दरों में असमंजस…तीन दिन का ही स्टाक ले रहे रिटेलर, होलसेलर भेज रहे हैं ज्यादा से ज्यादा सामान
Kanpur News: सरकार ने पूर्व-पैकेज्ड वस्तुओं के अप्रयुक्त स्टॉक पर संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) संबंध में नौ सितंबर को निर्देश जारी किए हैं। निर्देश दिए गए हैं कि जीएसटी दरों में परिवर्तन के कारण, निर्माता, पैकर आयातक को यह अनुमति दी जाती है कि वे अपने अप्रयुक्त स्टॉक पर संशोधित एमआरपी को घोषित कर सकें।

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कानपुर में जीएसटी काउंसिल ने दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर जीएसटी की दरें शून्य की हैं या कम कर दी हैं। ये दरें 22 सितंबर से प्रभावी होनी हैं। इस बीच होलसेलरों-रिटेलरों में विवाद भी शुरू हो गया है। रिटेलर केवल तीन दिन का ही स्टाक ले रहे हैं, जबकि होलसेलर पुराना स्टाक जल्द से जल्द खत्म करने के लिए ज्यादा सामान भेज रहे हैं। शेविंग ब्लेड पर जीएसटी दर को लेकर असमंजस हो गया है।

खाद्य तेल कंपनियों ने पैकिंग का वजन घटाना शुरू किया। कीमतों में फिलहाल राहत नहीं है। किराना व्यापारी राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि खाद्य तेल कंपनी ने 840 ग्राम पैकिंग पाउच में खाद्य तेल बाजार में ला दिया है। इसकी एमआरपी 160 रुपये रखी गई है। कुछ दुकानदार इसे इसी दाम पर बेचेंगे, जबकि अन्य कम मूल्य पर देते हैं। पहले कंपनी 910 ग्राम वजन पैकिंग में खाद्य तेल दे रही थी।
नई दर के मुताबिक सात प्रतिशत का अंतर आया
अब वजन कम कर दिया है। अब ग्राहक जब नई दर पर पर उत्पाद मांगेगा, तो कैसे दे पाएंगे। होलसेलर भी कुछ बता नहीं पा रहे हैं। नयागंज मर्चेंट एसोसिएशन के महामंत्री रोशन लाल ने बताया कि दैनिक उपयोग की अलग-अलग वस्तुओं पर पहले 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी था। अब 12 प्रतिशत दर को कम करके पांच प्रतिशत कर दिया गया है। अब जो माल स्टाक में है, उस पर नई दर के मुताबिक सात प्रतिशत का अंतर आ गया है।
तीन-तीन दिन का ही स्टाक ले रहे हैं व्यापारी
इसी तरह शेविंग उत्पादों पर भी दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है, लेकिन शेविंग उत्पादों की सूची में ब्लेड को नहीं दिखाया गया है। इससे ये माना जा रहा है कि इस पर 18 प्रतिशत ही जीएसटी रहेगी। उन्होंने बताया कि अपना घाटा कम करने के लिए रिटेलर केवल तीन-तीन दिन का ही स्टाक ले रहा है, जबकि पहले 10-15 दिन का स्टाक हर व्यापारी रखता था। ब्लेड पर सरकार स्थिति स्पष्ट कर दे, तो असमंजस खत्म हो जाएगा।
एमआरपी में कर सकेंगे संशोधन
सरकार ने पूर्व-पैकेज्ड वस्तुओं के अप्रयुक्त स्टॉक पर संशोधित खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) संबंध में 9 सितंबर को निर्देश जारी किए हैं। सभी राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रधान सचिव, कानूनी माप विज्ञान विभाग, कानूनी माप विज्ञान नियंत्रक को निर्देश दिए गए हैं कि जीएसटी दरों में परिवर्तन के कारण, निर्माता, पैकर आयातक को यह अनुमति दी जाती है कि वे अपने अप्रयुक्त स्टॉक पर संशोधित एमआरपी को घोषित कर सकें। यह अनुमति केवल उन्हीं वस्तुओं पर लागू होगी जो पहले से पैक की जा चुकी है और जिनकी बिक्री अभी नहीं हुई है। संशोधित एमआरपी को स्पष्ट रूप से स्टीकर, स्टांप या प्रिंट के माध्यम से दर्शाया जाएगा। संबंधित विभागों को देखना होगा कि संशोधित मूल्य उचित हों और उपभोक्ता को भ्रमित न किया जाए।