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कानपुर में बढ़ रहा वायरल फीवर का प्रकोप: दो और लोगों ने तोड़ा दम, बुखार की दहशत में रिश्तेदारों के यहां भाग रहे लोग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 30 Aug 2021 05:59 PM IST
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सार
सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि कम प्लेटलेट्स मिलने पर मरीज को डेंगू संक्रमित बताकर इलाज करना पूरी तरह गलत है।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
कानपुर में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ रहा है। खासतौर पर जो पहले से रोगी हैं, उनके लिए जानलेवा है। रोगियों को सांस की तकलीफ बढ़ रही है। प्लेटलेट्स और आक्सीजन लेवल दोनों नीचे आ जा रहा है। सोमवार को दो रोगियों की मौत हो गई।
इसके साथ ही बहुत से रोगी गंभीर हालत में अस्पतालों में झोलाछाप डाक्टरों के यहां इलाज कराकर खतरा मोल ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग न तो रोगियों की सुध ले रहा है और न ही झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। तीन दिन से बुखार की चपेट में रहने के बाद रामेश्वर आर्य (52) की मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि बुखार के बाद उन्हें ठसका लगने लगा और सांस में दिक्कत बढ़ गई। उनके चकेरी स्थित आवास से लोग कांशीराम अस्पताल दिखाने गए। बाद में मौत हो गई। इसी तरह अस्थमा रोगी वीरेंद्र कुमार (49) की मौत हो गई।
उन्हें तीन-चार दिन से बुखार आ रहा था। सांस में दिक्कत हुई तो परिजन कार्डियोलॉजी ले गए। एंबुलेंस में ही सांसें थम गईं। इसके अलावा हैलट में ग्रामीण इलाकों से रोगी इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। क्षेत्र के अधिकांश रोगी झोलाछाप डाक्टरों के यहां इलाज करा रहे हैं।
सीबीसी कराने के बाद जब प्लेटलेट्स काउंट घटा हुआ आता है तो उसे डेंगू का रोगी बता दे रहे हैं। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि कम प्लेटलेट्स मिलने पर मरीज को डेंगू संक्रमित बताकर इलाज करना पूरी तरह गलत है।
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इसके साथ ही बहुत से रोगी गंभीर हालत में अस्पतालों में झोलाछाप डाक्टरों के यहां इलाज कराकर खतरा मोल ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग न तो रोगियों की सुध ले रहा है और न ही झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। तीन दिन से बुखार की चपेट में रहने के बाद रामेश्वर आर्य (52) की मौत हो गई।
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परिजनों ने बताया कि बुखार के बाद उन्हें ठसका लगने लगा और सांस में दिक्कत बढ़ गई। उनके चकेरी स्थित आवास से लोग कांशीराम अस्पताल दिखाने गए। बाद में मौत हो गई। इसी तरह अस्थमा रोगी वीरेंद्र कुमार (49) की मौत हो गई।
उन्हें तीन-चार दिन से बुखार आ रहा था। सांस में दिक्कत हुई तो परिजन कार्डियोलॉजी ले गए। एंबुलेंस में ही सांसें थम गईं। इसके अलावा हैलट में ग्रामीण इलाकों से रोगी इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। क्षेत्र के अधिकांश रोगी झोलाछाप डाक्टरों के यहां इलाज करा रहे हैं।
सीबीसी कराने के बाद जब प्लेटलेट्स काउंट घटा हुआ आता है तो उसे डेंगू का रोगी बता दे रहे हैं। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि कम प्लेटलेट्स मिलने पर मरीज को डेंगू संक्रमित बताकर इलाज करना पूरी तरह गलत है।
बुखार की दहशत में रिश्तेदारों के यहां भाग रहे लोग
कुरसौली में 10 दिन से वायरल फीवर का प्रकोप है। एक किशोरी की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक गांव में फॉगिंग तक नहीं कराई है। इससे दहशत में ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। 15 रोगी कल्याणपुर और नौबस्ता के नर्सिंगहोमों में भर्ती हैं।
इसके अलावा झोलाछाप डॉक्टरों से रोगी इलाज करा रहे हैं। ग्राम प्रधान अमित कुमार सिंह ने बताया कि मशीन खरीद ली है, मंगलवार से फॉगिंग कराएंगे। कुरसौली गांव के 25 रोगी झोलाछाप डाक्टरों के सहारे हैं। एयरफोर्स कर्मी रामभरोसे प्रजापति की पत्नी और बेटियों का इलाज काकादेव के अस्पताल में चल रहा है।
अभिषेक प्रजापति, राम सजीवन गौतम, अतीक प्रजापति, ऋतिक गौतम, सेजल, बउवा तिवारी, पंकज ठाकुर क्षेत्र के नर्सिंगहोम में इलाज करा रहे हैं। ग्राम प्रधान अमित कुमार सिंह का कहना है कि सीएचसी की टीम ने शिविर लगाकर सैंपल लिए थे, लेकिन किसी की जांच रिपोर्ट नहीं मिली। तन्नू की मौत का कारण भी नहीं बताया गया। खंड विकास अधिकारी अनिरुद्ध सिंह चौहान ने बताया कि गांव में फॉगिंग और सफाई कराई जाएगी।
कुरसौली में 10 दिन से वायरल फीवर का प्रकोप है। एक किशोरी की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक गांव में फॉगिंग तक नहीं कराई है। इससे दहशत में ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। 15 रोगी कल्याणपुर और नौबस्ता के नर्सिंगहोमों में भर्ती हैं।
इसके अलावा झोलाछाप डॉक्टरों से रोगी इलाज करा रहे हैं। ग्राम प्रधान अमित कुमार सिंह ने बताया कि मशीन खरीद ली है, मंगलवार से फॉगिंग कराएंगे। कुरसौली गांव के 25 रोगी झोलाछाप डाक्टरों के सहारे हैं। एयरफोर्स कर्मी रामभरोसे प्रजापति की पत्नी और बेटियों का इलाज काकादेव के अस्पताल में चल रहा है।
अभिषेक प्रजापति, राम सजीवन गौतम, अतीक प्रजापति, ऋतिक गौतम, सेजल, बउवा तिवारी, पंकज ठाकुर क्षेत्र के नर्सिंगहोम में इलाज करा रहे हैं। ग्राम प्रधान अमित कुमार सिंह का कहना है कि सीएचसी की टीम ने शिविर लगाकर सैंपल लिए थे, लेकिन किसी की जांच रिपोर्ट नहीं मिली। तन्नू की मौत का कारण भी नहीं बताया गया। खंड विकास अधिकारी अनिरुद्ध सिंह चौहान ने बताया कि गांव में फॉगिंग और सफाई कराई जाएगी।