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Kushinagar News: लछिया देवरिया के प्रधान का वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार बहाल
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पिपरा कनक। तमकुहीराज क्षेत्र की ग्राम पंचायत लछिया देवरिया के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को जिलाधिकारी द्वारा बहाल कर दिया गया है। हालांकि गांव के वित्तीय भुगतान की निगरानी एडीओ पंचायत की ओर से की जाएगी। प्रधान पूर्व की भांति अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
ग्राम पंचायत लछिया देवरिया के कृष्णकांत सिंह उर्फ गुड्डू ने प्रधान श्रीराम यादव पर गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत डीएम से की गई थी। डीएम की ओर से प्रधान को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद सीडीओ ने 26 अक्तूबर 2023 को प्रधान के स्पष्टीकरण की जांच परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एवं जिला पंचायत राज अधिकारी की संयुक्त टीम से कराने का आदेश दिया।
इसके साथ ही सीडीओ ने मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार आख्या प्रस्तुत करने की आदेश दिया। संयुक्त जांच टीम ने प्रधान के स्पष्टीकरण व आख्या को भ्रामक व संतोषजनक नहीं बताया। इसके बाद प्रधान श्रीराम यादव के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार पर 26 अगस्त 2025 को रोक लगा दिया गया। अंतिम जांच के लिए जिला विकास अधिकारी व अधिशासी अभियंता ग्रामीण को नामित किया गया था।
जांच आख्या में यह स्पष्ट हुआ कि प्रधान ने कोई वित्तीय अनियमितता तो नहीं की, लेकिन मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार कार्य नहीं कराया। डीएम ने भविष्य के लिए कठोर चेतावनी देते हुए प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को पूर्व की भांति बहाल कर दिया है, लेकिन उनके वित्तीय भुगतान की निगरानी की जिम्मेदारी एडीओ पंचायत तमकुहीराज को दी है।
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ग्राम पंचायत लछिया देवरिया के कृष्णकांत सिंह उर्फ गुड्डू ने प्रधान श्रीराम यादव पर गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत डीएम से की गई थी। डीएम की ओर से प्रधान को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद सीडीओ ने 26 अक्तूबर 2023 को प्रधान के स्पष्टीकरण की जांच परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण एवं जिला पंचायत राज अधिकारी की संयुक्त टीम से कराने का आदेश दिया।
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इसके साथ ही सीडीओ ने मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार आख्या प्रस्तुत करने की आदेश दिया। संयुक्त जांच टीम ने प्रधान के स्पष्टीकरण व आख्या को भ्रामक व संतोषजनक नहीं बताया। इसके बाद प्रधान श्रीराम यादव के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार पर 26 अगस्त 2025 को रोक लगा दिया गया। अंतिम जांच के लिए जिला विकास अधिकारी व अधिशासी अभियंता ग्रामीण को नामित किया गया था।
जांच आख्या में यह स्पष्ट हुआ कि प्रधान ने कोई वित्तीय अनियमितता तो नहीं की, लेकिन मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार कार्य नहीं कराया। डीएम ने भविष्य के लिए कठोर चेतावनी देते हुए प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को पूर्व की भांति बहाल कर दिया है, लेकिन उनके वित्तीय भुगतान की निगरानी की जिम्मेदारी एडीओ पंचायत तमकुहीराज को दी है।