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गड़बड़ी : अनुपस्थित शिक्षक के इंचार्ज प्रधानाध्यापक करती रही फर्जी हस्ताक्षर
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- मानव संपदा पोर्टल पर उपस्थित भेजकर वेतन भी कराया आहरित, निरीक्षण में खुली पोल तो बीएसए ने किया निलंबित
- ब्लॉक महरौनी अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय लहरन का है मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। परिषदीय विद्यालयों मेें तैनात कुछ शिक्षक किस तरह से खेल करते हैं इसका खुलासा बीएसए के निरीक्षण के दौरान हुआ। जिसमें पाया कि एक शिक्षक बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित चल रहा था और विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापक उपस्थिति रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर करती रही। मानव संपदा पोर्टल पर उपस्थिति भेजकर वेतन भी आहरित कराया। वित्तीय अनियमितता करने पर बीएसए ने इंचार्ज प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह ने अप्रैल माह के अंत में ब्लॉक महरौनी अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय लहरन का निरीक्षण किया था। जिसमें यहां तैनात सहायक अध्यापक योगेंद्र सिंह यादव बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता से पूछा तो बताया कि वह अवकाश पर है। लेकिन आॅनलाइन अवकाश नहीं मिला। इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा उनके चिकित्सकीय अवकाश का दिनांक रहित प्रार्थना पत्र दिखाया गया। जिसमें यह भी अंकित नहीं था कि अध्यापक किस दिन का अवकाश लिए है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा बीएसए के समक्ष ही उस पर निरीक्षण तिथि की दिनांक अंकित कर दी। विद्यालय के बच्चों और उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि सहायक अध्यापक योगेंद्र यादव को विद्यालय में कभी नहीं देखा, न ही उनके द्वारा कोई शिक्षण कार्य किया गया। अध्यापक उपस्थिति पंजिका में शिक्षक के संपूर्ण हस्ताक्षर अंकित थे। जबकि अंकित हस्ताक्षरों के मिलान में भिन्नता पाई गई। विद्यालय में कार्यरत पूरे स्टाफ की ऑनलाइन उपस्थिति प्रत्येक माह इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता द्वारा भरी जाती है। इसी आधार पर पूरे स्टाफ का नियमित वेतन का भुगतान आॅनलाइन मानव संपदा पोर्टल से किया गया। योगेंद्र यादव के अनुपस्थित रहने के बावजूद पूर्ण उपस्थिति प्रेषित कर अनियमित वेतन भुगतान कराया गया। इसके बाद बीएसए ने इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और जांच अधिकारी खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र को नामित कर दिया।
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विद्यालय में यह भी मिली थी गड़बड़ियां
- विद्यालय विकास के लिए मिलने वाली धनराशि का दुरुपयोग करना।
- नामांकित 88 के सापेक्ष 10 बच्चे उपस्थित मिले थे, मध्याह्न भोजन रजिस्टर में अधिक बच्चे अंकित थे।
- विद्यालय में खाद्यान्न नहीं मिला, मसाले के पैकट नहीं मिले, किचन के पास व परिसर में गंदगी मिली।
- बर्तनों के लिए मिलने वाली ग्रांट से बर्तन को नहीं खरीदा गया।
- कंपोजिट ग्रांट व खेल सामग्री के लिए मिलने वाली धनराशि को निकाला गया, लेकिन कोई सामग्री नहीं खरीदी गई।
- रंगाई-पुताई मानक अनुसार नहीं थी, विद्यालय में लेखन का कार्य नहीं किया गया।
- वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा (बालिका प्रशिक्षण) का प्रशिक्षण नहीं कराया, प्रशिक्षण को मिलने वाली धनराशि स्वयं ने निकाली।
- स्मार्ट क्लास को विद्यालय में स्थापित करने में बाधा डाली गई, बच्चों को उक्त योजना के लाभ से वंचित करना।
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सहायक शिक्षक की पत्नी के नाम कर दिया आठ हजार रुपये का भुगतान
विद्यालय में गड़बड़ी करने का आलम यह था कि ईको क्लब सामग्री नहीं खरीदी गई। जबकि इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा प्राप्त आठ हजार रुपये का उपभोग कर लिया गया था। नल फिटिंग व लाइट फिटिंग के लिए 12500 रुपये का बिल प्रस्तुत किया गया। जबकि यह काम नहीं कराया गया। इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने सहकर्मी सहायक अध्यापक योगेंद्र सिंह यादव की पत्नी रजनी यादव के नाम आठ हजार रुपये का भुगतान किया गया। विद्यालय में क्रय की गई सामग्री का अवलोकन कराने को बीएसए ने कहा, लेकिन अवलोकन नहीं कराया गया और न ही कोई सामग्री से संबंधित अभिलेख दिखाए गए।
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इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे सहायक अध्यापक के उपस्थिति रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर किए और ऑनलाइन उपस्थिति मानव संपदा पोर्टल पर भरकर उपस्थिति प्रेषित कर अनियमित तरीके से वेतन भुगतान कराया। इसके साथ उनके द्वारा अनियमित और नियम विरुद्ध कार्य किए। इंचार्ज प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जांच अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र को नामित किया है। - रणवीर सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
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- ब्लॉक महरौनी अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय लहरन का है मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। परिषदीय विद्यालयों मेें तैनात कुछ शिक्षक किस तरह से खेल करते हैं इसका खुलासा बीएसए के निरीक्षण के दौरान हुआ। जिसमें पाया कि एक शिक्षक बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित चल रहा था और विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापक उपस्थिति रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर करती रही। मानव संपदा पोर्टल पर उपस्थिति भेजकर वेतन भी आहरित कराया। वित्तीय अनियमितता करने पर बीएसए ने इंचार्ज प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह ने अप्रैल माह के अंत में ब्लॉक महरौनी अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय लहरन का निरीक्षण किया था। जिसमें यहां तैनात सहायक अध्यापक योगेंद्र सिंह यादव बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता से पूछा तो बताया कि वह अवकाश पर है। लेकिन आॅनलाइन अवकाश नहीं मिला। इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा उनके चिकित्सकीय अवकाश का दिनांक रहित प्रार्थना पत्र दिखाया गया। जिसमें यह भी अंकित नहीं था कि अध्यापक किस दिन का अवकाश लिए है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा बीएसए के समक्ष ही उस पर निरीक्षण तिथि की दिनांक अंकित कर दी। विद्यालय के बच्चों और उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि सहायक अध्यापक योगेंद्र यादव को विद्यालय में कभी नहीं देखा, न ही उनके द्वारा कोई शिक्षण कार्य किया गया। अध्यापक उपस्थिति पंजिका में शिक्षक के संपूर्ण हस्ताक्षर अंकित थे। जबकि अंकित हस्ताक्षरों के मिलान में भिन्नता पाई गई। विद्यालय में कार्यरत पूरे स्टाफ की ऑनलाइन उपस्थिति प्रत्येक माह इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता द्वारा भरी जाती है। इसी आधार पर पूरे स्टाफ का नियमित वेतन का भुगतान आॅनलाइन मानव संपदा पोर्टल से किया गया। योगेंद्र यादव के अनुपस्थित रहने के बावजूद पूर्ण उपस्थिति प्रेषित कर अनियमित वेतन भुगतान कराया गया। इसके बाद बीएसए ने इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमलता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और जांच अधिकारी खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र को नामित कर दिया।
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विद्यालय में यह भी मिली थी गड़बड़ियां
- विद्यालय विकास के लिए मिलने वाली धनराशि का दुरुपयोग करना।
- नामांकित 88 के सापेक्ष 10 बच्चे उपस्थित मिले थे, मध्याह्न भोजन रजिस्टर में अधिक बच्चे अंकित थे।
- विद्यालय में खाद्यान्न नहीं मिला, मसाले के पैकट नहीं मिले, किचन के पास व परिसर में गंदगी मिली।
- बर्तनों के लिए मिलने वाली ग्रांट से बर्तन को नहीं खरीदा गया।
- कंपोजिट ग्रांट व खेल सामग्री के लिए मिलने वाली धनराशि को निकाला गया, लेकिन कोई सामग्री नहीं खरीदी गई।
- रंगाई-पुताई मानक अनुसार नहीं थी, विद्यालय में लेखन का कार्य नहीं किया गया।
- वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा (बालिका प्रशिक्षण) का प्रशिक्षण नहीं कराया, प्रशिक्षण को मिलने वाली धनराशि स्वयं ने निकाली।
- स्मार्ट क्लास को विद्यालय में स्थापित करने में बाधा डाली गई, बच्चों को उक्त योजना के लाभ से वंचित करना।
सहायक शिक्षक की पत्नी के नाम कर दिया आठ हजार रुपये का भुगतान
विद्यालय में गड़बड़ी करने का आलम यह था कि ईको क्लब सामग्री नहीं खरीदी गई। जबकि इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा प्राप्त आठ हजार रुपये का उपभोग कर लिया गया था। नल फिटिंग व लाइट फिटिंग के लिए 12500 रुपये का बिल प्रस्तुत किया गया। जबकि यह काम नहीं कराया गया। इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने सहकर्मी सहायक अध्यापक योगेंद्र सिंह यादव की पत्नी रजनी यादव के नाम आठ हजार रुपये का भुगतान किया गया। विद्यालय में क्रय की गई सामग्री का अवलोकन कराने को बीएसए ने कहा, लेकिन अवलोकन नहीं कराया गया और न ही कोई सामग्री से संबंधित अभिलेख दिखाए गए।
इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे सहायक अध्यापक के उपस्थिति रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर किए और ऑनलाइन उपस्थिति मानव संपदा पोर्टल पर भरकर उपस्थिति प्रेषित कर अनियमित तरीके से वेतन भुगतान कराया। इसके साथ उनके द्वारा अनियमित और नियम विरुद्ध कार्य किए। इंचार्ज प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जांच अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र को नामित किया है। - रणवीर सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी