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तैयारी : पुलिस लाइन में हुआ मॉकड्रिल, आकस्मिक परिस्थिति से निपटने का कराया गया पूर्वाभ्यास
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- पुलिस, स्वास्थ्य और राहत टीमों ने दिखाई तत्परता, आमलोगों को दिए दिशा निर्देश
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। पाकिस्तान से तनाव के बीच मिसाइल, राकेट हमलों या हवाई/आतंकवादी हमला होने की स्थिति में आमलोगों की सुरक्षा के लिए बुधवार को पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में पुलिस लाइन में डिफेंस मॉकड्रिल का अभ्यास कराकर जागरुक किया गया। जिसमें सायरन की आवाज सुनते ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने सहित फायर टीम ने आग लगने की स्थिति में राहत और बचाव का अभ्यास किया।
बुधवार की शाम को पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में आपात स्थितियों में सुरक्षा को लेकर पुलिस ने डिफेंस मॉकड्रिल की गई। ड्रिल में शामिल हुई सिविल पुलिस, फायर सर्विस, पीएसी, एनसीसी, होमगार्ड, आपदा मित्र, संगठन और स्वयंसेवी समूह के लोगों को आपस में बांटकर अभ्यास कराया गया। जिसमें हमला होने पर लोग अपनी जान को किस प्रकार से बचाए और किसकी क्या भूमिका रही इसको अभ्यास करके बताया गया। आपात स्थिति में सायरन बजने पर क्या करना चाहिए इसके बारे में अभ्यास के जरिए जानकारी दी गई। एसपी ने बताया कि बताया गया कि हवाई हमले या युद्ध का सायरन बजते ही तत्काल घर के अंदर चले जाए, नजदीकी बंकर, सुरक्षित आश्रय या पक्के मकान के बेसमेंट, बाथरूम या सीढ़ियों के नीचे शरण लें। रेडियो या आधिकारिक संचार चैनल को सुनते रहें। महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूरी बनाकर रखे, यह संभावित टारगेट हो सकते हैं।.पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, रेडियो, मोबाइल चार्जर, पावर बैंक, सूखा भोजन और जरूरी दस्तावेज हर समय अपने पास रखे। यह भी बताया कि बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगों और जानवरों की भी मदद करें उन्हे अपने साथ सुरक्षित रहने दें। हमले के समय खुले स्थल पर है तो जमीन पर लेट जाए और अपना सिर हाथ को ढक लें। हवाई हमले की स्थिति में शांत रहे, भयभीत न हो, सुरक्षित स्थान पर रहें। प्रशासनिक एजेंसियों द्वारा बताए सुरक्षित स्थल व रास्तों की जानकारी रखें, जरूरत पड़ने पर वहां पहुंचे। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. मतलूब हुसैन, क्षेत्राधिकारी पाली सुनील भारद्वाज सहित पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य विभाग की टीम, आपदा मित्र सहित अन्य लोग शामिल रहे। इसी क्रम में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में भी मॉक ड्रिल का आयोजित किया गया। छात्रों को भी इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया। जिससे कि वह अपने संपर्क के लोगों और सोसाइटी को जागरूक कर सकें।
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बिल्डिंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने की दी गई ट्रेनिंग
मॉकड्रिल के दौरान पुलिस लाइन में स्थित एक बिल्डिंग की छत पर पुलिस टीमों में से कुछ लोगों को आमलोग बनाकर भेजा गया। उनकी मदद के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने सीढि़यां लगाकर और अन्य उपाय अपनाकर वहां फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
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गैस सिलिंडर में आग लगने पर सुरक्षित रहने का कराया अभ्यास
गैस सिलेंडर में आग लगने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें। इसके बारे में जानकारी देकर अभ्यास कराया गया। जिसमें बताया गया कि घबराए नहीं, शांत रहें। तत्काल मुख्य गैस वॉल्व बंद करें (यदि संभव हो और बिना खतरे के पहुंचा जा सके) तब ही जाएं। आग बुझाने के लिए सीओ-टू या ड्राई केमिकल फायर एक्सटिंग्विशर का प्रयोग करें।
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घायलों तक एंबुलेंस पहुंचने के लिए बनाया ग्रीन कॉरीडोर
मॉक ड्रिल में शामिल एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने और यहां से घायलों को सुरक्षित शीघ्र अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उनके आने और जाने का अभ्यास कराया गया। एंबुलेंस में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को भी आवश्यक जानकारी दी गई।
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मॉक ड्रिल में सिखाया गया
- घायलों का घटना स्थल पर प्राथमिक उपचार करना।
- बिल्डिंग पर हमला होने पर वहां फंसे लोगों को बाहर निकालना।
- अग्निकांड होने पर उसे कैसे नियंत्रण करें।
- अग्निकांड होने पर क्या सावधानी बरतनी है।
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मॉकड्रिल में युद्ध या अन्य आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षा देने व हवाई हमले से स्वयं को सुरक्षित रखने, प्राथमिक चिकित्सा देने, बिजली आपूर्ति सहित अन्य रणनीतियों के बारे में जानकारी और बचाव के तरीके के बारे में अभ्यास करके बताया गया।
मोहम्मद मुश्ताक, पुलिस अधीक्षक
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ललितपुर। पाकिस्तान से तनाव के बीच मिसाइल, राकेट हमलों या हवाई/आतंकवादी हमला होने की स्थिति में आमलोगों की सुरक्षा के लिए बुधवार को पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में पुलिस लाइन में डिफेंस मॉकड्रिल का अभ्यास कराकर जागरुक किया गया। जिसमें सायरन की आवाज सुनते ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने सहित फायर टीम ने आग लगने की स्थिति में राहत और बचाव का अभ्यास किया।
बुधवार की शाम को पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में आपात स्थितियों में सुरक्षा को लेकर पुलिस ने डिफेंस मॉकड्रिल की गई। ड्रिल में शामिल हुई सिविल पुलिस, फायर सर्विस, पीएसी, एनसीसी, होमगार्ड, आपदा मित्र, संगठन और स्वयंसेवी समूह के लोगों को आपस में बांटकर अभ्यास कराया गया। जिसमें हमला होने पर लोग अपनी जान को किस प्रकार से बचाए और किसकी क्या भूमिका रही इसको अभ्यास करके बताया गया। आपात स्थिति में सायरन बजने पर क्या करना चाहिए इसके बारे में अभ्यास के जरिए जानकारी दी गई। एसपी ने बताया कि बताया गया कि हवाई हमले या युद्ध का सायरन बजते ही तत्काल घर के अंदर चले जाए, नजदीकी बंकर, सुरक्षित आश्रय या पक्के मकान के बेसमेंट, बाथरूम या सीढ़ियों के नीचे शरण लें। रेडियो या आधिकारिक संचार चैनल को सुनते रहें। महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूरी बनाकर रखे, यह संभावित टारगेट हो सकते हैं।.पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, रेडियो, मोबाइल चार्जर, पावर बैंक, सूखा भोजन और जरूरी दस्तावेज हर समय अपने पास रखे। यह भी बताया कि बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगों और जानवरों की भी मदद करें उन्हे अपने साथ सुरक्षित रहने दें। हमले के समय खुले स्थल पर है तो जमीन पर लेट जाए और अपना सिर हाथ को ढक लें। हवाई हमले की स्थिति में शांत रहे, भयभीत न हो, सुरक्षित स्थान पर रहें। प्रशासनिक एजेंसियों द्वारा बताए सुरक्षित स्थल व रास्तों की जानकारी रखें, जरूरत पड़ने पर वहां पहुंचे। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. मतलूब हुसैन, क्षेत्राधिकारी पाली सुनील भारद्वाज सहित पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य विभाग की टीम, आपदा मित्र सहित अन्य लोग शामिल रहे। इसी क्रम में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में भी मॉक ड्रिल का आयोजित किया गया। छात्रों को भी इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया। जिससे कि वह अपने संपर्क के लोगों और सोसाइटी को जागरूक कर सकें।
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बिल्डिंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने की दी गई ट्रेनिंग
मॉकड्रिल के दौरान पुलिस लाइन में स्थित एक बिल्डिंग की छत पर पुलिस टीमों में से कुछ लोगों को आमलोग बनाकर भेजा गया। उनकी मदद के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने सीढि़यां लगाकर और अन्य उपाय अपनाकर वहां फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
गैस सिलिंडर में आग लगने पर सुरक्षित रहने का कराया अभ्यास
गैस सिलेंडर में आग लगने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें। इसके बारे में जानकारी देकर अभ्यास कराया गया। जिसमें बताया गया कि घबराए नहीं, शांत रहें। तत्काल मुख्य गैस वॉल्व बंद करें (यदि संभव हो और बिना खतरे के पहुंचा जा सके) तब ही जाएं। आग बुझाने के लिए सीओ-टू या ड्राई केमिकल फायर एक्सटिंग्विशर का प्रयोग करें।
घायलों तक एंबुलेंस पहुंचने के लिए बनाया ग्रीन कॉरीडोर
मॉक ड्रिल में शामिल एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने और यहां से घायलों को सुरक्षित शीघ्र अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उनके आने और जाने का अभ्यास कराया गया। एंबुलेंस में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को भी आवश्यक जानकारी दी गई।
मॉक ड्रिल में सिखाया गया
- घायलों का घटना स्थल पर प्राथमिक उपचार करना।
- बिल्डिंग पर हमला होने पर वहां फंसे लोगों को बाहर निकालना।
- अग्निकांड होने पर उसे कैसे नियंत्रण करें।
- अग्निकांड होने पर क्या सावधानी बरतनी है।
मॉकड्रिल में युद्ध या अन्य आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षा देने व हवाई हमले से स्वयं को सुरक्षित रखने, प्राथमिक चिकित्सा देने, बिजली आपूर्ति सहित अन्य रणनीतियों के बारे में जानकारी और बचाव के तरीके के बारे में अभ्यास करके बताया गया।
मोहम्मद मुश्ताक, पुलिस अधीक्षक