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मथुरा: यम द्वितीया से पहले यमुना के घाट होंगे साफ: अनुनय
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मथुरा। यमुना घाटों पर सफाई व्यवस्था के निरीक्षण में मथुरा-वृंदावन नगर निगम के आयुक्त संतुष्ट नजर आए। इस दौरान यमुना घाटों पर सीढ़ियों के नीचे जमुना जी में सिल्ट हटाने की बात पर नगर आयुक्त ने कहा कि जल कम होते ही यम द्वितीया से पहले बीते साल की भांति जेसीबी और पॉकलेन मशीन से सिल्ट को निकलवा दिया जाएगा।
बुधवार की प्रात: नगर आयुक्त अनुनय झा, महापौर डॉ. मुकेश आर्य बंधु के साथ बंगाली घाट पहुंचे। यहां से उन्होंने विश्राम घाट तक घाटों की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। नमामि गंगे के स्टाफ ने बताया कि नल कनेक्शन न होने के कारण श्याम घाट पर सीढ़ियों से जमी काई आदि को साफ करने में दिक्कत आती है। इसके लिए यहां नल कनेक्शन हो जाए तो सुविधा रहेगी, जिस पर नगर आयुक्त ने जलकल अभियंता को तत्काल पानी के कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए।
विश्राम घाट पर नागरिकों ने शिकायत की कि गली टूटी होने से श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इसकी जानकारी पर पता चला कि पूर्व नगर आयुक्त ने गली निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन वह स्थानांतरित हो जाने के कारण स्टीमेट स्वीकृत नहीं कर सके। नगर आयुक्त ने मौके पर ही स्वीकृति प्रदान करते हुए आगामी एक माह में 2 लाख की लागत से सड़क निर्माण कराए जाने का आश्वासन दिया।
चतुर्वेद समाज के लोगों ने बताया कि विश्रामघाट पर पूजा पाठ के वक्त फूलमाला, पॉलिथीन आदि से गंदी हो जाती है। लोगों को पीने के पानी की
व्यवस्था नहीं है। इस पर डस्टबिन और पेयजल के लिए टंकी लगवाने के आदेश दिए।

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बुधवार की प्रात: नगर आयुक्त अनुनय झा, महापौर डॉ. मुकेश आर्य बंधु के साथ बंगाली घाट पहुंचे। यहां से उन्होंने विश्राम घाट तक घाटों की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। नमामि गंगे के स्टाफ ने बताया कि नल कनेक्शन न होने के कारण श्याम घाट पर सीढ़ियों से जमी काई आदि को साफ करने में दिक्कत आती है। इसके लिए यहां नल कनेक्शन हो जाए तो सुविधा रहेगी, जिस पर नगर आयुक्त ने जलकल अभियंता को तत्काल पानी के कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए।
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विश्राम घाट पर नागरिकों ने शिकायत की कि गली टूटी होने से श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इसकी जानकारी पर पता चला कि पूर्व नगर आयुक्त ने गली निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन वह स्थानांतरित हो जाने के कारण स्टीमेट स्वीकृत नहीं कर सके। नगर आयुक्त ने मौके पर ही स्वीकृति प्रदान करते हुए आगामी एक माह में 2 लाख की लागत से सड़क निर्माण कराए जाने का आश्वासन दिया।
चतुर्वेद समाज के लोगों ने बताया कि विश्रामघाट पर पूजा पाठ के वक्त फूलमाला, पॉलिथीन आदि से गंदी हो जाती है। लोगों को पीने के पानी की
व्यवस्था नहीं है। इस पर डस्टबिन और पेयजल के लिए टंकी लगवाने के आदेश दिए।