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श्रीबांकेबिहारी मंदिर काॅरिडोर और ट्रस्ट: सेवायतों से मिले मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, बोले- सहमति से होगा काम
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 08 Jun 2025 02:11 PM IST
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सार
बांकेबिहारी मंदिर काॅरिडोर और ट्रस्ट को लेकर सेवायत पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को लेकर रविवार को प्रदेश सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने उनसे मुलाकात की।

सेवायतों के साथ बैठक करते मंत्री।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
मथुरा के वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर न्यास अध्यादेश और प्रस्तावित गलियारे के विरोध के बीच उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने रविवार को मंदिर सेवायतों से मुलाकात की। सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया। यह बैठक विरोध प्रदर्शनों की बढ़ती श्रृंखला के बाद हुई है।
चौधरी लक्ष्मीनारायण ने इस अवसर पर कहा कि सेवायतों और सरकार का साझा लक्ष्य देश-दुनिया से आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं में वृद्धि करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई विरोध नहीं है और मंदिर न्यास की व्यवस्था हो या गलियारे का मसला, सभी मामलों में आपसी सहमति बनाकर ही काम पूरे किए जाएंगे। मंत्री ने दोहराया कि सरकार और सेवायतों का लक्ष्य एक ही है कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
जब गोस्वामी समाज द्वारा मंदिर की मर्यादा, परंपरा, कुंज गलियों और आस-पास के मंदिरों के नष्ट होने की आशंका पर विरोध दर्ज करवाने के बारे में पूछा गया तो चौधरी लक्ष्मीनारायण ने आश्वासन दिया कि पूरी सहमति के साथ ही सारा काम होगा। विवाद किसी प्रकार का नहीं रहेगा। इस मुलाकात को सरकार द्वारा सेवायतों की चिंताओं को दूर करने और कॉरिडोर परियोजना पर आम सहमति बनाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, सेवायत समाज का एक बड़ा वर्ग अभी भी इस परियोजना को लेकर अपनी आपत्तियों पर कायम है, विशेषकर मंदिर के आसपास के घनी आबादी वाले क्षेत्रों और पारंपरिक गलियों पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री के इन आश्वासनों का सेवायतों के रुख पर कितना असर होता है।
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चौधरी लक्ष्मीनारायण ने इस अवसर पर कहा कि सेवायतों और सरकार का साझा लक्ष्य देश-दुनिया से आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं में वृद्धि करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई विरोध नहीं है और मंदिर न्यास की व्यवस्था हो या गलियारे का मसला, सभी मामलों में आपसी सहमति बनाकर ही काम पूरे किए जाएंगे। मंत्री ने दोहराया कि सरकार और सेवायतों का लक्ष्य एक ही है कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
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जब गोस्वामी समाज द्वारा मंदिर की मर्यादा, परंपरा, कुंज गलियों और आस-पास के मंदिरों के नष्ट होने की आशंका पर विरोध दर्ज करवाने के बारे में पूछा गया तो चौधरी लक्ष्मीनारायण ने आश्वासन दिया कि पूरी सहमति के साथ ही सारा काम होगा। विवाद किसी प्रकार का नहीं रहेगा। इस मुलाकात को सरकार द्वारा सेवायतों की चिंताओं को दूर करने और कॉरिडोर परियोजना पर आम सहमति बनाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, सेवायत समाज का एक बड़ा वर्ग अभी भी इस परियोजना को लेकर अपनी आपत्तियों पर कायम है, विशेषकर मंदिर के आसपास के घनी आबादी वाले क्षेत्रों और पारंपरिक गलियों पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री के इन आश्वासनों का सेवायतों के रुख पर कितना असर होता है।