{"_id":"6901d0ffe65a45c1f8050863","slug":"promises-dried-up-farah-s-7-year-old-water-scheme-still-incomplete-2025-10-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"UP: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी फरह की पेयजल योजना, 7 करोड़ रुपये और सात साल...फिर भी न हो सकी पूरी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी फरह की पेयजल योजना, 7 करोड़ रुपये और सात साल...फिर भी न हो सकी पूरी
प्रदीप कुमार, संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 29 Oct 2025 02:01 PM IST
विज्ञापन
सार
मथुरा के फरह में पेयजल योजना सात साल से वहीं की वहीं है। फरह के लोगों को मीठे पानी का इंतजार है। अब परियोजना के लिए 14 करोड़ का पुनरीक्षित बजट तैयार किया गया है।
पेयजल लाइन। संवाद
विज्ञापन
विस्तार
फरह पेयजल पुर्नगठन योजना शुरू हुए सात साल बीते गए। इन वर्षों में सात करोड़ का बजट भी पार हो गया, लेकिन लोगों को मीठे पानी के बजाय इंतजार नसीब हुआ। वहीं अब परियोजना को पूरा करने के लिए दोगुनी धनराशि यानी 14 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट तैयार कर शासन को भेजा है। इससे सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
कस्बा फरह में पेयजल की किल्लत को दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया। इस योजना के तहत जल निगम द्वादश खंड ने भूजल शोधित करके पाइपलाइनों के माध्यम से फरह में जलापूर्ति कराने का प्रस्ताव बनाया। इस कार्य के लिए करीब सात करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसमें कस्बे में पाइपलाइन बिछाने के साथ-साथ भूमिगत और अवर जलाशय बनाए जाने के साथ अन्य कार्य शामिल थे। मगर, यह कार्य लापरवाही की भेंट चढ़ गया। सात साल का समय बीतने के बाद भी ये परियोजना पूरी नहीं हो सकी। अधिकांश कार्य जहां शुरू नहीं हो सका तो वहीं जिन क्षेत्रों में कार्य कराया भी गया वह अधूरा है।
लोगों का आरोप कि जिम्मेदारों ने मिलीभगत से मानकों को ताक पर रखकर काम कराया और कुछ ही हिस्सों में भूमिगत पाइपलाइन डाली गई है। लोग इसी उम्मीद में रहे कि अब उन्हें पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी, लेकिन उनकी यह आज आज तक अधूरी है। 2018 की योजना को पूरी तरह विफल मानते हुए, अब उसी कार्य को नए सिरे से कराने के लिए जल निगम शहरी ने 14 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। यह प्रस्ताव इस बात का भी प्रमाण दे रहा कि सात करोड़ रुपये से कराया गया कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। हलांकि नए प्रस्ताव पर शासन ने जल निगम शहरी से सात करोड़ रुपये खर्च होने की रिपोर्ट मांगी है। ब्योरा रिपोर्ट सौंपने के बाद ही शासन से प्रस्ताव पर मंजूरी मिलेगी।
ये प्रस्तावित हैं कार्य
-एक उच्च जलाशय का निर्माण 800 किलोलीटर क्षमता का
-एक भूमिगत जलाशय का निर्माण 200 किलोलीटर क्षमता का
-तीन पंप हाउसों का निर्माण
-10250 मीटर पाइपलाइन डालने का कार्य व अन्य
टंकी हादसे में लिप्त जिम्मेदारों ने ही फरह में कराया था कार्य
सूत्रों के अनुसार मथुरा की कृष्ण विहार कॉलोनी में जुलाई 2024 में हुए टंकी हादसे के मामले में लिप्त अधिकारियों ने ही फरह में पेयजल पुनर्गठन योजना का कार्य कराया था। इसमें तीन अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और दो का यहां से अन्य जिलों में तबादला हो चुका है। लेकिन टंकी हादसे के बाद अब नए मामले में इन अधिकारियों की विभागीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं फरह के निवासी चंद्रशेखर वर्मा व राजेश उदयवाल का कहना है कि टंकी हादसे में लिप्त अधिकारियों द्वारा कराए सभी प्रोजेक्ट्स की जांच कराई जाए, ताकि इनके काले कारनामों का चिठ्ठा खुल सके।
जल निगम शहरी एक्सईएन विशाल सिंह ने बताया कि पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत फरह में पेयजल आपूर्ति के लिए की नई योजना बनाई है। करीब 14 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। हालांकि इस योजना के तहत फरह में 2018 में कार्य कराया गया है, लेकिन वह किसी कारण से पूरा नहीं हो सका है। इसलिए नया प्रस्ताव बनाया गया।
कस्बा फरह में पेयजल की किल्लत को दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया। इस योजना के तहत जल निगम द्वादश खंड ने भूजल शोधित करके पाइपलाइनों के माध्यम से फरह में जलापूर्ति कराने का प्रस्ताव बनाया। इस कार्य के लिए करीब सात करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। इसमें कस्बे में पाइपलाइन बिछाने के साथ-साथ भूमिगत और अवर जलाशय बनाए जाने के साथ अन्य कार्य शामिल थे। मगर, यह कार्य लापरवाही की भेंट चढ़ गया। सात साल का समय बीतने के बाद भी ये परियोजना पूरी नहीं हो सकी। अधिकांश कार्य जहां शुरू नहीं हो सका तो वहीं जिन क्षेत्रों में कार्य कराया भी गया वह अधूरा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
लोगों का आरोप कि जिम्मेदारों ने मिलीभगत से मानकों को ताक पर रखकर काम कराया और कुछ ही हिस्सों में भूमिगत पाइपलाइन डाली गई है। लोग इसी उम्मीद में रहे कि अब उन्हें पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी, लेकिन उनकी यह आज आज तक अधूरी है। 2018 की योजना को पूरी तरह विफल मानते हुए, अब उसी कार्य को नए सिरे से कराने के लिए जल निगम शहरी ने 14 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। यह प्रस्ताव इस बात का भी प्रमाण दे रहा कि सात करोड़ रुपये से कराया गया कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। हलांकि नए प्रस्ताव पर शासन ने जल निगम शहरी से सात करोड़ रुपये खर्च होने की रिपोर्ट मांगी है। ब्योरा रिपोर्ट सौंपने के बाद ही शासन से प्रस्ताव पर मंजूरी मिलेगी।
ये प्रस्तावित हैं कार्य
-एक उच्च जलाशय का निर्माण 800 किलोलीटर क्षमता का
-एक भूमिगत जलाशय का निर्माण 200 किलोलीटर क्षमता का
-तीन पंप हाउसों का निर्माण
-10250 मीटर पाइपलाइन डालने का कार्य व अन्य
टंकी हादसे में लिप्त जिम्मेदारों ने ही फरह में कराया था कार्य
सूत्रों के अनुसार मथुरा की कृष्ण विहार कॉलोनी में जुलाई 2024 में हुए टंकी हादसे के मामले में लिप्त अधिकारियों ने ही फरह में पेयजल पुनर्गठन योजना का कार्य कराया था। इसमें तीन अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और दो का यहां से अन्य जिलों में तबादला हो चुका है। लेकिन टंकी हादसे के बाद अब नए मामले में इन अधिकारियों की विभागीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं फरह के निवासी चंद्रशेखर वर्मा व राजेश उदयवाल का कहना है कि टंकी हादसे में लिप्त अधिकारियों द्वारा कराए सभी प्रोजेक्ट्स की जांच कराई जाए, ताकि इनके काले कारनामों का चिठ्ठा खुल सके।
जल निगम शहरी एक्सईएन विशाल सिंह ने बताया कि पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत फरह में पेयजल आपूर्ति के लिए की नई योजना बनाई है। करीब 14 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। हालांकि इस योजना के तहत फरह में 2018 में कार्य कराया गया है, लेकिन वह किसी कारण से पूरा नहीं हो सका है। इसलिए नया प्रस्ताव बनाया गया।