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UP: 'मैंने तो जी ली जिंदगी…' दादा के आखिरी शब्द, जलती बस से नाती को धकेला, धधकती आग में खुद जल गए

संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Thu, 18 Dec 2025 09:06 AM IST
सार

यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण सड़क हादसे में बसों में लगी आग के बाद जहां लोग अपनी-अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे, वहीं एक दादा ने अपने नाती को बचाने के लिए खुद की कुर्बानी दे दी। दादा ने नाती को ये कहते हुए बस से धकेल दिया कि 'मैंने तो जी ली ज़िंदगी, तू अपनी जान बचा'।

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Yamuna Expressway accident Grandfather Pushes Grandson to Safety Dies in Bus Fire
मथुरा हादसा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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 यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में आग का गोला बनी बस में फंसे एक दादा ने अपनी जान की परवाह किए बिना नाती को बचा लिया।
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आजमगढ़ निवासी 75 वर्षीय रामपाल अपने नाती गुलाब के साथ दिल्ली जा रहे थे। अचानक बस की टक्कर के बाद अफरा-तफरी मच गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि रामपाल के दोनों पैर सीट के नीचे बुरी तरह फंस गए। इसी बीच बस में आग लग गई और कुछ ही पलों में लपटें उठने लगीं। धुआं भरने लगा, लोग चीख-पुकार करने लगे। आग फैलती देख रामपाल ने पूरी ताकत जुटाई। उन्होंने अपने नाति गुलाब को पास बुलाया और कांपती आवाज़ में कहा मैंने तो अपनी ज़िंदगी जी ली है, तू अपनी जान बचा।

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 इसके बाद उन्होंने नाती को जबरन बस से बाहर धकेल दिया। गुलाब किसी तरह नीचे कूद गया और सुरक्षित निकल आया। बस से बाहर निकलते ही गुलाब ने पीछे मुड़कर देखा तो उसका दिल दहल गया। आग की लपटों में घिरी बस के भीतर उसका दादा मदद के लिए पुकार भी नहीं पा रहा था। कुछ ही पलों में बस धू-धू कर जल उठी और रामपाल जिंदा आग में समा गए।

 

सीएमएस कक्ष में डटे रहे प्रशासनिक अधिकारी
दुर्घटना के दूसरे दिन प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला अस्पताल में डेरा डाल दिया। सीएमएस कार्यालय में बैठकर उन्होंने मरीजों के घर जाने की व्यवस्था कराई। बुधवार को सुबह से ही एसडीएम सदर अभिनव जे जैन, एडीएम नमामि गंगे राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र यादव, ऊषा समेत अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए। सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल के कक्ष में सभी अधिकारी बैठे रहे और घायलों के परिजन से बातचीत की। बातचीत के बाद जिन मरीजों की हालत ठीक थी उनको घर जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की।
 
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