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Mau News: जिले में 250 से ज्यादा पैथाेलाॅजी सेंटरों में से मात्र 13 पंजीकृत, आज तक 1 पर भी नहीं हुई कार्रवाई
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नगर स्थित मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय।संवाद
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मऊ। जिले में अवैध अस्पतालों के साथ-साथ पैथाेलाॅजी केंद्रों की भी भरमार है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सूची के मुताबिक जिले में 250 से ज्यादा पैथाेलाॅजी सेंटरों में से मात्र 13 ही पंजीकृत हैं। आज तक एक पर भी सेंटर पर कार्रवाई नहीं हुई। यह धड़ल्ले से चल रहे हैं।
बृहस्पतिवार को पंजीकृत पैथालॉजी केंद्रों की सूची जारी की गई, इसमें केवल 12 तो नगर क्षेत्र में हैं, जबकि एक मुहम्मदाबाद गोहना में हैं। उधर बीते कई सालों से नगर क्षेत्र में ही 70 से अधिक पैथाेलाॅजी केंद्र बिना पंजीकरण के ही चल रहे हैं।
वहीं जिले के तीन तहसील मधुबन, मुहम्मदाबाद गोहना और घोसी में यह संख्या मिला दें तो इनकी संख्या 250 से भी अधिक है। आज तक इन पर कार्रवाई का न होना स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर सवालिया निशान उठा रहा है।
विभागीय उदासीनता के कारण यह सेंटर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। नगर के गाजीपुर तिराहा से भीटी, आजमगढ़ मोड़, बहादुरगंज मोड़, सदर चौक तक कई पैथोलॉजी सेंटरों के बोर्ड नजर आ जाएंगे।
इन अवैध पैथोलाॅजी केंद्रों पर लोग जांच कराने पहुंच जाते हैं, लेकिन यह बोर्ड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नहीं दिखते। उधर, अगर विभागीय सूत्रों पर यकीन करें तो बिना पंजीकरण वाले पैथालाॅजी लैब पर डाॅक्टर नहीं होते। आजमगढ़, बलिया, देवरिया और गोरखपुर के चिकित्सकों के नामों और दस्तावेजों पर यह पैथाेलाॅजी केंद्र चलते हैं। ज्यादातर पैथोलॉजी केंद्रों का यह हाल है कि दूर बैठे चिकित्सक डिजिटल हस्ताक्षर कर रिपोर्ट जारी कर देते हैं। कुछ पर केवल हस्ताक्षर के लिए ही आते हैं। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाली इन पैथोलॉजी लैब की कभी जांच नहीं होती।

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बृहस्पतिवार को पंजीकृत पैथालॉजी केंद्रों की सूची जारी की गई, इसमें केवल 12 तो नगर क्षेत्र में हैं, जबकि एक मुहम्मदाबाद गोहना में हैं। उधर बीते कई सालों से नगर क्षेत्र में ही 70 से अधिक पैथाेलाॅजी केंद्र बिना पंजीकरण के ही चल रहे हैं।
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वहीं जिले के तीन तहसील मधुबन, मुहम्मदाबाद गोहना और घोसी में यह संख्या मिला दें तो इनकी संख्या 250 से भी अधिक है। आज तक इन पर कार्रवाई का न होना स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर सवालिया निशान उठा रहा है।
विभागीय उदासीनता के कारण यह सेंटर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। नगर के गाजीपुर तिराहा से भीटी, आजमगढ़ मोड़, बहादुरगंज मोड़, सदर चौक तक कई पैथोलॉजी सेंटरों के बोर्ड नजर आ जाएंगे।
इन अवैध पैथोलाॅजी केंद्रों पर लोग जांच कराने पहुंच जाते हैं, लेकिन यह बोर्ड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नहीं दिखते। उधर, अगर विभागीय सूत्रों पर यकीन करें तो बिना पंजीकरण वाले पैथालाॅजी लैब पर डाॅक्टर नहीं होते। आजमगढ़, बलिया, देवरिया और गोरखपुर के चिकित्सकों के नामों और दस्तावेजों पर यह पैथाेलाॅजी केंद्र चलते हैं। ज्यादातर पैथोलॉजी केंद्रों का यह हाल है कि दूर बैठे चिकित्सक डिजिटल हस्ताक्षर कर रिपोर्ट जारी कर देते हैं। कुछ पर केवल हस्ताक्षर के लिए ही आते हैं। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाली इन पैथोलॉजी लैब की कभी जांच नहीं होती।