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एक अप्रैल से प्रभावी है स्वकर प्रणाली व्यवस्था : अरशद जमाल
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मऊ। नगर पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने स्वकर प्रणाली को लेकर अपने कक्ष में साभासदों और कर विभाग के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की। इस बैठक में चर्चा के दौरान स्वकर को सहज बनाने वाली प्रक्रिया अपनाने पर विचार विमर्श किया गया।
पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बताया कि मऊ नगर पालिका क्षेत्र में स्वकर प्रणाली एक अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है। बैठक में कई निर्णय लिए गए। जिसमें विशेष रूप से यह तय हुआ कि नई कर प्रणाली के अनुसार आम सर्वे के माध्यम से मकानों पर कर लगाए जाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाए।
नगर पालिका द्वारा स्वकर आवेदन के लिए फार्म नगर पालिका द्वारा मुफ्त दिया जाए। सर्वे के दौरान जो आवेदक अपने आवेदन पत्र में अध्यासित भवन के स्वामित्व के कागजात संलग्न करें उन्हें स्वामी एवं जो कागजात संलग्न नहीं कर पाएं उनका नाम अध्यासी के कालम में दर्ज किया जाए।
बताया कि किसी भी भवन पर स्वकर निर्धारण के लिए अध्यासी आवेदक की तरफ से स्वतः जो जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी उन्हीं के अनुसार मूल्यांकन करने के बाद नगरपालिका की तरफ से संबंधित भवन पर कर निर्धारित कर दिया जाएगा। बताया कि स्वकर प्रणाली के अनुसार कर निर्धारण के लिए आवदेन के 15 दिनों के भीतर कर विभाग द्वारा कर निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण कर आवेदक को कर जमा करने के लिए डिमांड स्लिप उपलब्ध करा दी जाएगी।
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि बैठक में सभासदों के सुझाव पर यह भी तय हुआ कि वरासत वाले मामलों में नामांतरण के लिए वार्ड सभासदों द्वारा बनाया गया वारिस प्रमाण-पत्र ही मान्य हो, इसके लिए बोर्ड की अगली बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। इस दौरान कर अधीक्षक संतोष कुमार, राजस्व निरीक्षक अमृता राय, निर्माण लिपिक धर्मेंद्र कुमार आदि शामिल रहे।
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पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने बताया कि मऊ नगर पालिका क्षेत्र में स्वकर प्रणाली एक अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है। बैठक में कई निर्णय लिए गए। जिसमें विशेष रूप से यह तय हुआ कि नई कर प्रणाली के अनुसार आम सर्वे के माध्यम से मकानों पर कर लगाए जाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाए।
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नगर पालिका द्वारा स्वकर आवेदन के लिए फार्म नगर पालिका द्वारा मुफ्त दिया जाए। सर्वे के दौरान जो आवेदक अपने आवेदन पत्र में अध्यासित भवन के स्वामित्व के कागजात संलग्न करें उन्हें स्वामी एवं जो कागजात संलग्न नहीं कर पाएं उनका नाम अध्यासी के कालम में दर्ज किया जाए।
बताया कि किसी भी भवन पर स्वकर निर्धारण के लिए अध्यासी आवेदक की तरफ से स्वतः जो जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी उन्हीं के अनुसार मूल्यांकन करने के बाद नगरपालिका की तरफ से संबंधित भवन पर कर निर्धारित कर दिया जाएगा। बताया कि स्वकर प्रणाली के अनुसार कर निर्धारण के लिए आवदेन के 15 दिनों के भीतर कर विभाग द्वारा कर निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण कर आवेदक को कर जमा करने के लिए डिमांड स्लिप उपलब्ध करा दी जाएगी।
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि बैठक में सभासदों के सुझाव पर यह भी तय हुआ कि वरासत वाले मामलों में नामांतरण के लिए वार्ड सभासदों द्वारा बनाया गया वारिस प्रमाण-पत्र ही मान्य हो, इसके लिए बोर्ड की अगली बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। इस दौरान कर अधीक्षक संतोष कुमार, राजस्व निरीक्षक अमृता राय, निर्माण लिपिक धर्मेंद्र कुमार आदि शामिल रहे।