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Mau News: माॅकड्रिल में बचने के तरीके बताए
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दोहरीघाट के आवारादान गांव में बाढ़ आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल करती आपदा राहत टीम और एनडीआरएफ
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दोहरीघाट/घोसी। रामनगर पुलिस चौकी के बगल में आवारादान ग्राम मे बाढ़ आपदा से बचाव के लिए आपदा राहत टीम और एनडीआरएफ टीम ने शुक्रवार को मॉक ड्रिल अभ्यास किया। एनडीआरएफ टीम, मॉक ड्रिल कर लोगों को बताया आपदा से कैसे जान बचाया जा सकता है।
इससे पहले शुक्रवार सुबह 11.45 बजे मॉक ड्रिल 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में एनडीआरफ के उपकमांडेंट कुलदीप सिंह के नेतृत्व में सरयू नदी में 5 तरह की आपदाओं पर मॉकड्रिल किया। इसमें जिला प्रशासन व एनडीआरएफ ने हिस्सा लिया।
मॉकड्रिल का संचालन निरीक्षक सुधीर कुमार और समन्वय आपदा विशेषज्ञ शशि गुप्ता ने किया। एनडीआरएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल में सबसे दर्शाया गया की सरयू नदी में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण 10 नागरिक गांव में फंस गये हैं।
एनडीआरएफ के जवानों ने दो नावों की मदद से उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद दूसरे दृश्य में एक नाव में सवार दो यात्री आपस में हाथापाई कर नदी में गिर जाते हैं और डूबने लगते हैं।
इस स्थिति में एनडीआरएफ की एक बोट वहां पहुंचती है और दो जवान उन डूबते लोगों को बचाते हैं। इसके बाद उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी जाती है। इस ड्रिल में डूबते व्यक्ति को कैसे बचाना है व उन्हे कैसे सीपीआर देना है इसका प्रदर्शन जवानों ने किया है ।
सीपीआर का वैज्ञानिक तरीका भी बताया जाता है। इसके बाद नदी में डूबे एक व्यक्ति की खोज एनडीआरएफ के गोताखोरों द्वारा की जाती है, चौथे दृश्य में एक सिविल बोट क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाते वक्त दुर्घटना का शिकार हो जाती है तब एनडीआरएफ के जवानों द्वारा त्वरित सहायता उपलब्ध कराकर डूबते व्यक्तियों को बचाया जाता है। एनडीआरएफ के जवानों द्वारा ग्रामीणों को घरेलू सामानों का उपयोग कर लाइफ जैकेट बनाने और जान बचाने की भी जानकारी दी गई।
पानी के पीपे और बांस से नाव व थर्माकोल और बांस के फट्टे से नाव बनाकर नदी में तैराकर दिखाया।
इस अवसर पर इंस्पेक्टर आरके सिंह दोहरीघाट, लेखपाल मनीष कुमार सरोज समेत एनडीआरएफ से निरीक्षक सुधीर कुमार ,उप निरीक्षक अखंड प्रताप वर्मा 30 जवानों व सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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इससे पहले शुक्रवार सुबह 11.45 बजे मॉक ड्रिल 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में एनडीआरफ के उपकमांडेंट कुलदीप सिंह के नेतृत्व में सरयू नदी में 5 तरह की आपदाओं पर मॉकड्रिल किया। इसमें जिला प्रशासन व एनडीआरएफ ने हिस्सा लिया।
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मॉकड्रिल का संचालन निरीक्षक सुधीर कुमार और समन्वय आपदा विशेषज्ञ शशि गुप्ता ने किया। एनडीआरएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल में सबसे दर्शाया गया की सरयू नदी में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण 10 नागरिक गांव में फंस गये हैं।
एनडीआरएफ के जवानों ने दो नावों की मदद से उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद दूसरे दृश्य में एक नाव में सवार दो यात्री आपस में हाथापाई कर नदी में गिर जाते हैं और डूबने लगते हैं।
इस स्थिति में एनडीआरएफ की एक बोट वहां पहुंचती है और दो जवान उन डूबते लोगों को बचाते हैं। इसके बाद उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी जाती है। इस ड्रिल में डूबते व्यक्ति को कैसे बचाना है व उन्हे कैसे सीपीआर देना है इसका प्रदर्शन जवानों ने किया है ।
सीपीआर का वैज्ञानिक तरीका भी बताया जाता है। इसके बाद नदी में डूबे एक व्यक्ति की खोज एनडीआरएफ के गोताखोरों द्वारा की जाती है, चौथे दृश्य में एक सिविल बोट क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाते वक्त दुर्घटना का शिकार हो जाती है तब एनडीआरएफ के जवानों द्वारा त्वरित सहायता उपलब्ध कराकर डूबते व्यक्तियों को बचाया जाता है। एनडीआरएफ के जवानों द्वारा ग्रामीणों को घरेलू सामानों का उपयोग कर लाइफ जैकेट बनाने और जान बचाने की भी जानकारी दी गई।
पानी के पीपे और बांस से नाव व थर्माकोल और बांस के फट्टे से नाव बनाकर नदी में तैराकर दिखाया।
इस अवसर पर इंस्पेक्टर आरके सिंह दोहरीघाट, लेखपाल मनीष कुमार सरोज समेत एनडीआरएफ से निरीक्षक सुधीर कुमार ,उप निरीक्षक अखंड प्रताप वर्मा 30 जवानों व सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।