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'कार्यालय से बाहर जाइए': सांसद इकरा हसन से अभद्रता मामले की जांच पूरी...अफसर को क्लीन चिट; साबित नहीं हुए आरोप
अमर उजाला नेटवर्क, सहारनपुर
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 06 Aug 2025 11:44 AM IST
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सार
समाजवादी पार्टी से कैराना से सांसद इकरा हसन से अभद्रता की जांच पूरी हो गई है। अफसर पर आरोप साबित नहीं हुए हैं। मंडलायुक्त की तरफ से सभी अधिकारियों को यह आदेश जारी किए गए हैं।

Iqra Hassan
- फोटो : ANI
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विस्तार
कैराना सांसद इकरा हसन की तरफ से फरवरी माह में की गई सदर तहसील के तत्कालीन एसडीएम की शिकायत के मामले में जांच पूरी हो गई है। जांच में एसडीएम की तरफ से अवैध कब्जे की कार्रवाई को निष्पक्ष बताते हुए उन्हें क्लीन चिट दी गई। अभद्रता का मामला भी साबित नहीं हो सका।
हालांकि इस रिपोर्ट के बाद मंडलायुक्त की तरफ से सभी अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। वहीं, सांसद इकरा हसन ने पिछले दिनों एडीएम प्रशासन की तरफ से किए गए अभद्र व्यवहार का मामला संसद में उठाया है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया था और कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा था। इस मामले में अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बता दें, कि सांसद इकरा हसन ने मंडलायुक्त को शिकायत भेजी थी, जिसमें बताया था कि वह छुटमलपुर चेयरपर्सन के साथ एडीएम कार्यालय पहुंचीं थीं। वहां पर एडीएम का व्यवहार अशोभनीय था।

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हालांकि इस रिपोर्ट के बाद मंडलायुक्त की तरफ से सभी अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। वहीं, सांसद इकरा हसन ने पिछले दिनों एडीएम प्रशासन की तरफ से किए गए अभद्र व्यवहार का मामला संसद में उठाया है।
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उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया था और कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा था। इस मामले में अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बता दें, कि सांसद इकरा हसन ने मंडलायुक्त को शिकायत भेजी थी, जिसमें बताया था कि वह छुटमलपुर चेयरपर्सन के साथ एडीएम कार्यालय पहुंचीं थीं। वहां पर एडीएम का व्यवहार अशोभनीय था।
मंडलायुक्त के आदेश पर हुई जांच
मंडलायुक्त ने इस मामले में डीएम को जांच के आदेश दिए। डीएम के आदेश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने मामले की जांच की। जांच पूरी होने के बाद मंडलायुक्त के पास पूरे मामले की रिपोर्ट पहुंची। इसमें बताया गया कि तालाब पर अवैध कब्जे की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी।
मंडलायुक्त ने इस मामले में डीएम को जांच के आदेश दिए। डीएम के आदेश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने मामले की जांच की। जांच पूरी होने के बाद मंडलायुक्त के पास पूरे मामले की रिपोर्ट पहुंची। इसमें बताया गया कि तालाब पर अवैध कब्जे की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी।
जांच में आया कि मकान नहीं गिराया गया, बल्कि तालाब की जगह दीवार बनाकर अस्थाई अवैध कब्जा किया गया था, जिसमें गेहूं व चारा काटने की मशीन खड़ी थी। उन्हें बाहर निकलवाकर अतिक्रमण हटवाया गया।
जांच में आया कि तालाब की भूमि से नियमानुसार व निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जा हटवाया गया। इसके साथ ही सांसद के साथ फोन पर उनकी गरिमा के अनुरूप मर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। उधर, मंडलायुक्त अटल कुमार राय ने बताया कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों के मर्यादित एवं सम्मानजनक व्यवहार करें।
ये हुई थी शिकायत
कैराना सांसद इकरा हसन की तरफ से फरवरी में मंडलायुक्त के यहां पर उस समय सदर एसडीएम रहे अंकुर वर्मा को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि गांव बरथा कायस्थ में तालाब पर अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रभावित परिवार ने दो दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन एसडीएम ने दो घंटे की मोहलत दी और फिर मकान को गिरवा दिया।
कैराना सांसद इकरा हसन की तरफ से फरवरी में मंडलायुक्त के यहां पर उस समय सदर एसडीएम रहे अंकुर वर्मा को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि गांव बरथा कायस्थ में तालाब पर अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रभावित परिवार ने दो दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन एसडीएम ने दो घंटे की मोहलत दी और फिर मकान को गिरवा दिया।
सांसद का आरोप था कि इस संबंध में एसडीएम से फोन पर वार्ता हुई। आरोप है कि एसडीएम ने व्यंगात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि सांसद महोदय, आप कैसे लोगों की सिफारिश करते हैं। यहां तक मकान गिराने के बाद पीड़ित परिवार पर मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया।