Meerut News:CBI की छापेमारी, पूर्व MLC डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी शिवानी की बढ़ीं मुश्किलें, पढ़ें पूरा मामला
NCR Medical College News: एनसीआर मेडिकल कॉलेज की मान्यता में फर्जीवाड़े और घूसखोरी के आरोप में सीबीआई ने डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी डॉ. शिवानी सहित 35 लोगों पर केस दर्ज कर छापेमारी की।


विस्तार
CBI Raid NCR Medical College: सीबीआई की ओर से पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी शिवानी अग्रवाल पर केस दर्ज होने के बाद उनकी मुश्किलेें बढ़ेंगी। उन पर एनसीआर मेडिकल कॉलेज की मान्यता में घूसखोरी का आरोप है। शिवानी मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रबंध निदेशक हैं।
खरखौदा स्थित नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेज की तरफ से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में आवेदन किया गया था।
यह भी पढ़ें: Meerut News Today Live: मेरठ और आसपास की ताजा और अहम खबरें, पढ़ें 3 जुलाई को आपके शहर में क्या हुआ
पहले रिपोर्ट दर्ज की, फिर मारा छापा
सीबीआई ने 30 जून को डॉ. सरोजिनी की बेटी डॉ. शिवानी समेत 35 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद मंगलवार को लखनऊ में सीबीआई द्वारा मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर घूसखोरी में तीन डॉक्टरों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।
40 स्थानों पर छापा मारा, जिनमें इनमें डॉ. सरोजिनी का बेगमपुल के पास आवास और खरखौदा में उनका मेडिकल काॅलेज भी शामिल रहा। यहां नौ घंटे तक जांच की गई। इस दाैरान मेडिकल कॉलेज से संबंधित पत्रावलियां कब्जे में लीं गईं।

पूर्व एमएलसी डाॅ. सरोजिनी अग्रवाल का कहना है कि एनसीआर मेडिकल कॉलेज में डेढ़ सौ सीट हैं। 50 सीटें बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। दो दिन पहले निरीक्षण करने एनएमसी की टीम पहुंची थी। उन्होंने दावा किया कि टीम रिपोर्ट लिखकर गई कि सब मानक ठीक पाए गए हैं। डॉ. सरोजिनी ने दावा किया कि सीबीआई को भी सब कुछ आवास पर सही मिला।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को फर्जी फैकल्टी और नकली छात्रों के सहारे मान्यता दिलाने का खेल चल रहा था। इस पूरी साजिश को स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, निजी मेडिकल कॉलेज और दलालों का नेटवर्क अंजाम देता था।
सीबीआई ने बताया कि नेवटर्क के सदस्य मेडिकल कॉलेज को मान्यता के लिए होने वाले निरीक्षण से पहले ही इसकी जानकारी दे देते थे। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण के दौरान फर्जी फैकल्टी, मेडिकल के नकली छात्रों को खड़ा कर दिया जाता था। कॉलेज का मूल्यांकनकर्ताओं के नाम भी बता दिए जाते थे।

ये हैं आरोपी
मयूर रावल, रजिस्ट्रार, गीतांजलि विश्वविद्यालय उदयपुर-राजस्थान, आर रणदीप नायर, परियोजना प्रमुख, मेसर्स टेकन्फी सॉल्यूशन्स प्रा. लि. नई दिल्ली, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर-छत्तीसगढ़, रवि शंकर महाराज, अध्यक्ष, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, रायपुर-छत्तीसगढ़, अतुल कुमार तिवारी, निदेशक, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, नवा रायपुर-छत्तीसगढ़, डीपी सिंह, कुलाधिपति, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, मुंबई, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट के डॉ. अतिन कुंडू, लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, अकाउंटेंट व संजय शुक्ला, डॉ. मंजप्पा सीएन, प्रोफेसर एवं हड्डी रोग विभागाध्यक्ष, मांड्या इंस्टीट्यूट, मांड्या-कर्नाटक, डॉ. सतीश, बंगलूरू, एनएमसी की निरीक्षण टीम की सदस्य डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. पी. रजनी रेड्डी व डॉ. अशोक शेल्के, डॉ. बी हरि प्रसाद, अनंतपुर-आंध्रप्रदेश, डॉ. ए रामबाबू, श्रीनगर कॉलोनी, हैदराबाद-तेलंगाना, डॉ. कृष्ण किशोर ललिता नगर, विशाखापत्तनम-आंध्र प्रदेश, श्रीवेंकट-निदेशक, गायत्री मेडिकल कॉलेज, विशाखापत्तनम, जोसफ कोमारेड्डी, फादर कोलंबो इंस्टीट्यूट, वारंगल, शिवानी अग्रवाल, सहायक प्रबंध निदेशक, एनसीआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मेरठ, स्वामी भक्तवत्सल दास, स्वामीनारायण इंस्टीट्यूट कलोल, गांधीनगर-गुजरात समेत अन्य अज्ञात संस्थान व लोग।