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सपा को लगा जोर का झटका
अमर उजाला ब्यूरो/मेरठ
Updated Thu, 17 Mar 2016 01:41 AM IST
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चुुनाव में वोट डालने आई महिला।
- फोटो : अमर उजाला
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जिला योजना समिति के चुनाव में भाजपा ने सपा को तगड़ा झटका दिया। सधी हुई रणनीति और एकजुटता के चलते भाजपा अपने सभी पांचों प्रत्याशियों को निर्वाचित कराने में कामयाब रही। वहीं एक समर्थित को भी जीत दिला दी। बसपा के भी चार सदस्य निर्वाचित हुए, लेकिन सपा के मात्र दो ही सदस्य चुने गये।
सपा ने इस चुनाव में 14 नामांकन कराये थे। लेकिन नामांकन वापसी न होने के कारण वह अपने ही जाल में फंस गई। इसके बाद बसपा से जीत कर आए सदस्य सपा से नहीं मिल पाए, तो निर्दलियों ने भी अपनी अलग रणनीति बनाई। इस चुनाव में भाजपा जहां संयुक्त रूप से रणनीति तैयार करने में जुटी रही, तो सपा खेमे के साथ आए सदस्य बिखर गये।
बुधवार सुबह 8 बजे भाजपा जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्रीय मंत्री सतेंद्र भराला और जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा के नेतृत्व में चौधरी चरण सिंह पार्क में इकट्ठा हुए। यहां शिवकुमार राणा ने सभी सदस्यों के साथ रणनीति बनाई। इसके बाद सभी एकसाथ मतदान करने पहुंचे। वहीं सपा-बसपा खेमे से भी भाजपाइयों ने रणनीति के तहत गोपनीय समर्थन प्राप्त किया।
चुनाव परिणाम
अनारक्षित पांच पदों पर शफीक (23), शमशाद (23), सुबोध (21), मनोज अधाना (17) और सत्यपाल (17) निर्वाचित हुए। वहीं अंजू (15), हेमलता (12) और तनु (10) को हार का सामना करना पड़ा। पिछड़ा वर्ग पुरुष के दो पदों पर मुकेश को 23, रोहताश को 17 और रविंद्र को 17 वोट मिले। रोहताश और रविंद्र के बीच लॉटरी से फैसला हुआ, जिसमें रोहताश गुर्जर विजयी रहे। अनुसूचित जाति महिला के एक पद पर रीना (21) ने कुसुम (10) को हराया।
निर्वाचित सदस्यों की दलीय स्थिति
भाजपा से डा. मीनाक्षी भराला, सत्यपाल सिंह, रोहताश गुर्जर, नितिन खटिक और अनुज वाल्मीकि, बसपा से मुकेश, शमशाद, सुबोध और मनोज अधाना, सपा से रजनी सोम और शफीक, निर्दलीय अनिता और सपना हुड्डा जबकि रालोद से रीना निर्वाचित हुईं।
कुसुम को हराकर भाजपा ने लिया बदला
कुसुम प्रधान भाजपा से जिला पंचायत का चुनाव लड़कर निर्वाचित हुई थीं। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान कुसुम प्रधान के पति संदीप प्रधान सपा में शामिल हो गये और कुसुम प्रधान ने सपा के पक्ष में वोट किया। जिला योजना समिति चुनाव में सपा ने कुसुम प्रधान को पर्चा भरवाया, तो रालोद की रीना ने भी पर्चा भरा। इस चुनाव में भाजपा सदस्यों ने रीना के पक्ष में वोट किया, जिससे रीना ने कुसुम को हरा दिया। लेकिन कुसुम को मात्र 10 वोट मिलना चौंका रहा है। क्योंकि सपा प्रत्याशी शफीक को 23 वोट मिले हैं। ऐसे में साफ है कि कुसुम प्रधान के पक्ष में सपाइयों ने कोई मेहनत नहीं की।
सुमन भदौड़ा ने नहीं डाला वोट
जिला योजना समिति के चुनाव में कुल 34 में से 33 वोट पड़े। इनमें सुमन भदौड़ा वोट डालने नहीं आईं। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान सबसे अंत में वोट डालने आईं।
सामान्य सीट पर तीनों महिलाएं हारीं
जिला योजना समिति में पांच पद अनारक्षित थे। जिन पर तीन महिलाओं हेमलता, अंजू और तनु ने नामांकन किया था। लेकिन एक भी महिला जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तरह थी तैयारी
जिला प्रशासन ने जिला योजना समिति के चुनाव की तैयारी भी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तरह की थी। हालांकि बचत भवन के स्थान पर मतदान डीएम कोर्ट में हुआ। लेकिन किसी भी प्रत्याशी या वोटर को मतदान कक्ष में मोबाइल लेकर नहीं जाने दिया गया। इसके साथ ही उपजिला निर्वाचन अधिकारी और अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश चंद्र पूरे समय मौजूद रहे। वहीं बाहर की व्यवस्था एसडीएम सदर दिव्या मित्तल ने संभाली।
हमने इस चुनाव में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मिली जीत ने पहले ही पार्टी की ताकत का अहसास करा दिया था। भाजपा के माने जा रहे पांच जीते सदस्यों के अलावा सभी सदस्य हमसे जुड़े हुए ही हैं। - जयवीर सिंह, सपा जिलाध्यक्ष

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सपा ने इस चुनाव में 14 नामांकन कराये थे। लेकिन नामांकन वापसी न होने के कारण वह अपने ही जाल में फंस गई। इसके बाद बसपा से जीत कर आए सदस्य सपा से नहीं मिल पाए, तो निर्दलियों ने भी अपनी अलग रणनीति बनाई। इस चुनाव में भाजपा जहां संयुक्त रूप से रणनीति तैयार करने में जुटी रही, तो सपा खेमे के साथ आए सदस्य बिखर गये।
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बुधवार सुबह 8 बजे भाजपा जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्रीय मंत्री सतेंद्र भराला और जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा के नेतृत्व में चौधरी चरण सिंह पार्क में इकट्ठा हुए। यहां शिवकुमार राणा ने सभी सदस्यों के साथ रणनीति बनाई। इसके बाद सभी एकसाथ मतदान करने पहुंचे। वहीं सपा-बसपा खेमे से भी भाजपाइयों ने रणनीति के तहत गोपनीय समर्थन प्राप्त किया।
चुनाव परिणाम
अनारक्षित पांच पदों पर शफीक (23), शमशाद (23), सुबोध (21), मनोज अधाना (17) और सत्यपाल (17) निर्वाचित हुए। वहीं अंजू (15), हेमलता (12) और तनु (10) को हार का सामना करना पड़ा। पिछड़ा वर्ग पुरुष के दो पदों पर मुकेश को 23, रोहताश को 17 और रविंद्र को 17 वोट मिले। रोहताश और रविंद्र के बीच लॉटरी से फैसला हुआ, जिसमें रोहताश गुर्जर विजयी रहे। अनुसूचित जाति महिला के एक पद पर रीना (21) ने कुसुम (10) को हराया।
निर्वाचित सदस्यों की दलीय स्थिति
भाजपा से डा. मीनाक्षी भराला, सत्यपाल सिंह, रोहताश गुर्जर, नितिन खटिक और अनुज वाल्मीकि, बसपा से मुकेश, शमशाद, सुबोध और मनोज अधाना, सपा से रजनी सोम और शफीक, निर्दलीय अनिता और सपना हुड्डा जबकि रालोद से रीना निर्वाचित हुईं।
कुसुम को हराकर भाजपा ने लिया बदला
कुसुम प्रधान भाजपा से जिला पंचायत का चुनाव लड़कर निर्वाचित हुई थीं। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान कुसुम प्रधान के पति संदीप प्रधान सपा में शामिल हो गये और कुसुम प्रधान ने सपा के पक्ष में वोट किया। जिला योजना समिति चुनाव में सपा ने कुसुम प्रधान को पर्चा भरवाया, तो रालोद की रीना ने भी पर्चा भरा। इस चुनाव में भाजपा सदस्यों ने रीना के पक्ष में वोट किया, जिससे रीना ने कुसुम को हरा दिया। लेकिन कुसुम को मात्र 10 वोट मिलना चौंका रहा है। क्योंकि सपा प्रत्याशी शफीक को 23 वोट मिले हैं। ऐसे में साफ है कि कुसुम प्रधान के पक्ष में सपाइयों ने कोई मेहनत नहीं की।
सुमन भदौड़ा ने नहीं डाला वोट
जिला योजना समिति के चुनाव में कुल 34 में से 33 वोट पड़े। इनमें सुमन भदौड़ा वोट डालने नहीं आईं। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान सबसे अंत में वोट डालने आईं।
सामान्य सीट पर तीनों महिलाएं हारीं
जिला योजना समिति में पांच पद अनारक्षित थे। जिन पर तीन महिलाओं हेमलता, अंजू और तनु ने नामांकन किया था। लेकिन एक भी महिला जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तरह थी तैयारी
जिला प्रशासन ने जिला योजना समिति के चुनाव की तैयारी भी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तरह की थी। हालांकि बचत भवन के स्थान पर मतदान डीएम कोर्ट में हुआ। लेकिन किसी भी प्रत्याशी या वोटर को मतदान कक्ष में मोबाइल लेकर नहीं जाने दिया गया। इसके साथ ही उपजिला निर्वाचन अधिकारी और अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश चंद्र पूरे समय मौजूद रहे। वहीं बाहर की व्यवस्था एसडीएम सदर दिव्या मित्तल ने संभाली।
हमने इस चुनाव में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मिली जीत ने पहले ही पार्टी की ताकत का अहसास करा दिया था। भाजपा के माने जा रहे पांच जीते सदस्यों के अलावा सभी सदस्य हमसे जुड़े हुए ही हैं। - जयवीर सिंह, सपा जिलाध्यक्ष