Flood Alert: मिर्जापुर में चौथी बार आई बाढ़, सड़क पर पानी बहने से गांवों का टूटा संपर्क; नाव के सहारे आवागमन
UP Flood News: यूपी के प्रमुख जिलों में एक बाद फिर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। मिर्जापुर जिले में बाढ़ चौथी बार आने से लोग फिर से पलायन का मजबूर हैं।
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Flood in Mirzapur: अगस्त में दूसरी बार गुरुवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर गया है। एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। सुबह 8 बजे जलस्तर 76.780 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। दोपहर दो बजे तक जलस्तर 76.840 मीटर तक पहुंच गया। तटवर्ती क्षेत्रों में संपर्क मार्गों पर पानी बढ़ने से आवागमन बंद हो गया है।
अब नाव से आवागमन हो रहा है। चौथी बार बाढ़ आने के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हरसिंहपुर और मल्लेपुर के ग्रामीण हैं। इसके पहले तीन बार जब पानी बढ़ा तो प्रशासन की ओर से बड़े-बड़े दावे किए गए। व्यवस्था से असंतुष्ट होकर इस बार लोग पहले से सचेत हैं। वह घरों से जरूरी सामान लेकर अपने रिश्तेदारों के घर पहुंच गए हैं।
12 जुलाई से अब तक इस तरह घटता-बढ़ता रहा जलस्तर
इस वर्ष दो जुलाई से एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में पानी बढ़ना शुरू हुआ था। गंगा का जलस्तर 67.630 रिकॉर्ड किया गया। 15 बाद 16 जुलाई को गंगा का जलस्तर 74.430 मीटर पहुंच गया था। इसके बाद पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी घटने लगा। 17 जुलाई से फिर से पानी बढ़ने का क्रम शुरू हुआ।
20 जुलाई को 75.730 मीटर पहुंचकर गंगा का जल स्थिर हो गया। 26 जुलाई को सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 72.580 मीटर रिकॉर्ड किया गया था। 28 जुलाई को सुबह आठ बजे से 2.458 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तीसरी बार गंगा में पानी बढ़ना शुरू हुआ। जो खतरे के निशान को पार कर 78.350 मीटर तक जाकर थम गया। उसके बाद घटने का क्रम शुरू हुआ। 22 अगस्त तक पानी घटकर 72.130 मीटर पर स्थिर हो गया।
बीते 23 अगस्त की शाम छह बजे से चौथी बार एक सेंटीमीटर प्रति घंटे से शुरू हुआ बढ़ाव 25 अगस्त को सुबह आठ बजे दो सेंटीमीटर, इसी दिन शाम चार बजे सवा दस सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था। शाम छह बजे से पानी बढ़ने का रफ्तार 12 सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गया। 72 घंटे में गंगा 3.99 मीटर पानी बढ़कर चेतावनी बिंदु पार कर खतरे की निशान की तरफ बढ़ने लगा।
साहब, केतना पानी बढ़ल बा... यह जानने के लिए दिन कंट्रोल रूम में घनघनाती रहीं फोन की घंटियां
संवाद न्यूज एजेंसी मिर्जापुर। चौथी बार गंगा में आई बाढ़ को देखते हुए फतहां स्थित बाढ़ कंट्रोल रूम में बृहस्पतिवार को दिनभर फोन की घंटियां घनघना रही थीं। छानबे, कोन, मझवां, सीखड़, नरायनपुर, सिटी, पहाड़ी ब्लॉक के लोग बस यही पूछते रहे कि साहब, केतना पानी बढ़ल बा...। मिनट-मिनट पर आ रहे फोन से कर्मचारी परेशान रहे। बाढ़ कंट्रोल रूम में जेई पीके सिंह, जल लेखाकार शैलेंद्र कुमार सिंह, कनिष्ठ सहायक अश्वनी दुबे व सुनील तिवारी ड्यूटी पर मौजूद रहे।
प्रशासन का दावा टीमें सक्रिय, लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह
कोन ब्लॉक के हरसिंहपुर और मल्लेपुर गांव में एक महीने में दूसरी बार बाढ़ आने के बाद प्रशासन की टीमें लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दे रहे हैं। गांव के शिवशंकर, ब्रिजेश यादव, संतोष झगड़ु आदि ने बताया कि पिछले बार गांव के ज्यादातर लोग बाढ़ राहत शिविर में ठहरे थे।
अव्यवस्था के कारण इस बार रिश्तेदार के घर ठहर रहे हैं।सैकड़ों एकड़ सब्जी की फसल जलमग्न हो गई है। एसडीएम सदर गुलाबचंद ने बाढ़ प्रभावित इलाके का भ्रमण किया। लोगों से आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने की अपील की। एसडीएम ने सभी राजस्व निरीक्षकों और क्षेत्रीय लेखपालों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
कर्णावती नदी में चौथी बार बाढ़ से बढ़ी मुश्किलें, ब्लॉक प्रमुख का घर पानी से घिरा
जिगना, छानबे क्षेत्र में कर्णावती नदी में चौथी बार बाढ़ आने से प्रभावित गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। अकोढ़ी में छानबे ब्लॉक प्रमुख का आवास पानी से घिर चुका है। बृहस्पतिवार को रेलवे पुल के नीचे पानी भरने से आवागमन बंद हो गया है। अकोढ़ी बबुरा मार्ग, भटेवरा डेरवा विजयपुर मार्ग, अरगीसरपत्ती बरुआ महुआरी खुर्द मार्ग पर आवागमन बंद होने के साथ ही बाढ़ का पानी बिरोही में यादव व मुस्लिम बस्ती में पानी पहुंच गया है।
बची हुई मिर्च की खेती बर्बाद होने से किसान चिंतित
सीखड़ क्षेत्र में चौथी बार पानी बढ़ने से अब बची हुई फसल बर्बाद होने से सीखड़ क्षेत्र के किसान चिंतित हैं। क्षेत्र के ज्यादातर किसान मिर्च की खेती करते हैं। पानी कम होने के बाद किसान अगली खेती के लिए खेतों की जोताई कराकर ज्यादातर किसान मिर्च के पौधे लगा चुके थे। जो अब बाढ़ के पानी से फिर बर्बाद हो जाएगा। मेड़िया बाहा से पानी सोनवर्षा, खानपुर ताल तक पहुंच गया है।
चुनार क्षेत्र के लोगों को अस्पताल जाने के लिए अब नाव ही सहारा
चुनार के टम्मलगंज मोहल्ले में तो तीन दिन से नाव से लोग आवागमन कर रहे हैं। अब हालत यह है कि पानी नरायनपुर ब्लॉक के समसपुर व कजिया गांव में पहुंच चुका है। अब वहां भी आवागमन के लिए प्रशासन नाव चलवा रहा है। बुधवार की देर रात पानी लोवरलाइन से रैपुरिया गांव जाने वाले मार्ग पर स्थित पुलिया तक पहुंच गया।
अब लोगों को स्वास्थ्य केंद्र तक जाने के लिए भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो शुक्रवार से रैपुरिया गांव में भी नाव का परिचालन शुरू हो जाएगा। लाल दरवाजा मोहल्ले से जमुई जाने वाले मार्ग पर व भरपुर, नागरपुर से उसमानपुर जाने वाले मार्ग पर पहुंच गया है।
शवदाह गृह की सीढि़यों तक पहुंचा पानी
बाढ़ का पानी तटवर्ती क्षेत्रों में खेतों को डूबोते हुए अब बरैनी गांव की ओर बढ़ चला है। भटौली मार्ग के किनारे बने शवदाह गृह की सीढि़यां पानी में डूब गई हैं। इससे दाह संस्कार में परेशानी हो रही है। मझवां ब्लॉक व जलालपुर पंचायत भवन में बने बाढ़ चौकी को सक्रिय कर दिया गया है।