मुरादाबाद में अरबों का जमीन घोटाला: मायानगर सहकारी समिति भंग, अपर आयुक्त ने की कार्रवाई, ऐसे उजागर हुआ खेल
अरबों रुपये के घोटाले के आरोपों में घिरी मायानगर सहकारी आवास समिति को अपर आयुक्त आवास ने भंग कर दिया है। समिति सदस्य शीशपाल की शिकायत पर हुई जांच में जमीनों की हेराफेरी, फर्जी डीड और सदस्यों को बदलकर जमीन बेचने के तथ्य सामने आए। शुरुआती जांच में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले के संकेत मिले हैं।
विस्तार
अरबों रुपये के घोटालों के आरोपों से घिरी मायानगर सहकारी आवास समिति को भंग कर दिया गया है। यह कार्रवाई अपर आयुक्त आवास ने की है। समिति को संचालित करने के लिए अब डीएम अपर नगर मजिस्ट्रेट या तहसीलदार की नियुक्ति करेंगे।
मायानगर सहकारी आवास समिति के समिति के सदस्य शीशपाल की शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच कराई गई। इस जांच में पता चला कि जमीन का काफी गोलमाल किया गया है। समिति के सदस्यों को बदलकर दूसरों को जमीनें बेची गई हैं। इसमें फर्जी डीड भी बनाए गए हैं।
शुरुआती जांच में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया था। जांच में छह स्थानीय प्रापर्टी डीलरों के नाम सामने आए। इसकी जानकारी होने पर तत्कालीन अपर आयुक्त आवास एवं अपर निबंधन विनय कुमार मिश्रा ने समिति पर शिकंजा कसना शुरू किया।
उनके निर्देश पर एआईजी स्टॉप ने समिति की जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी। साथ ही समिति के खातों को सशर्त फ्रीज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद अपर आयुक्त आवास के निर्देश पर डीएम अनुज सिंह ने जमीनेां की ऑडिट करने के लिए एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी।
सहकारी समिति भंग कर दी
इस बीच एडीएम प्रशासन गुलाब चंद्र का तबादला हो गया। इस कार्य की जिम्मेदारी अब वर्तमान एडीएम प्रशासन संगीता गौतम के कंधों पर है। वहीं अपर आयुक्त एवं निबंधन ने मायानगर सहकारी आवास समिति को भंग कर दिया। इस संबंध में बृहस्पतिवार को आवास विकास विभाग की ओर से जारी पत्र पहुंच गया।
डीएम अनुज सिंह ने बताया कि मायानगर सहकारी समिति भंग कर दी गई हैं। इस मामले में वह शीघ्र ही किसी तहसीलदार या अपर नगर मजिस्ट्रेट को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करेंगे। अभी जमीन की ऑडिट रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है। रिपोर्ट आने पर समिति के कुछ लोगों के खिलाफ विभाग की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इधर वर्षों पहले रजिस्ट्री करा चुके लोगों को अभी तक प्लाट या फ्लैट भी नहीं मिल सका है।
समिति के सभापति के खिलाफ पारित हुआ था अविश्वास प्रस्ताव
घोटाले की प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद 10 अक्तूबर को समिति के सदस्यों ने विनायक अपार्टमेंट में बैठक की थी। इस दौरान मायानगर सहकारी समिति के सदस्यों ने अध्यक्ष फूलकुंवर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया। इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई थी लेकिन जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया था।
इस मामले में अपर आयुक्त ने घोटालों के लिए समिति के पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए भंग करने का निर्णय लिया। अब जिला प्रशासन की तरफ से नियुक्त अध्यक्ष समिति का पूरा हिसाब लेंगे।
एसडीएम कोर्ट के आदेश पर भारतीय बाल विद्या मंदिर की समिति भंग
मुरादाबाद में कानून गोयान स्थित भारतीय बाल विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल की प्रबंध समिति को भंग करने का आदेश एसडीएम कोर्ट ने दिया है। मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन था। वादी अंजीव शर्मा ने प्रबंध समिति के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद फरवरी में हाईकोर्ट ने एसडीएम सदर की कोर्ट को आदेश दिए कि तीन माह के भीतर मामले का निस्तारण करें।
15 दिसंबर को एसडीएम सदर मुरादाबाद की कोर्ट ने फैसला दिया है। इसमें कहा गया है कि प्रबंध समिति पूरी तरह भंग की जाती है। वर्तमान में किसी व्यक्ति के पास प्रबंध समिति का कोई पद नहीं रहेगा। प्रबंध समिति के चुनाव की कथित कार्रवाइयों को निरस्त कर दिया गया। सहायक रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि तीन माह के भीतर चुनाव कराएं और नई प्रबंध समिति का गठन करें।
संजय सिंह को प्रबंधक पदनाम से पत्राचार न किए जाने का आदेश दिया है। कोई व्यक्ति संस्था के खातों का गलत इस्तेमाल न कर पाए, इसके लिए वादी ने संयुक्त शिक्षा निदेशक से अपील की है कि विद्यालय के संचालन के लिए नियंत्रक की नियुक्ति की जाए।
