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UP: 'जरा जंग के नतीजे देखिए...', 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर आजम खां ने तोड़ी चुप्पी; जिला प्रशासन पर कही ये बात

एएनआई, रामपुर Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 21 Oct 2025 12:59 PM IST
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सार

'आई लव मोहम्मद' विवाद पर आजम खां का बयान आया है। उन्होंने कहा कि यह भाईचारा खत्म करने का षड्यंत्र था, जिला प्रशासन ने इसे बढ़ने दिया। अगर प्रशासन चाहता तो बातचीत से मामला सुलझ सकता था। 

Samajwadi Party leader Azam Khan statement on I Love Muhammad in Rampur
azam khan - फोटो : ANI
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हुए बवाल के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर चुप्पी तोड़ी है। पूर्व मंत्री आजम खां ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला संवाद से हल हो सकता था लेकिन जानबूझकर इसे तूल दिया गया।
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उन्होंने कहा कि अगर मैं इसे चिंगारी भी कहूं तो सवाल यह है कि यह छोटी-सी बात इतनी बड़ी आग कैसे बन गई। अगर जिला प्रशासन चाहता तो यह विवाद बातचीत से सुलझाया जा सकता था। इतिहास गवाह है कि चाहे हालात कितने भी बिगड़े हों समाधान आखिरकार बातचीत की मेज पर ही निकाला जाता है।
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उन्होंने आगे कहा कि यह देश की गंगा-जमुनी तहजीब को चोट पहुंचाने की साजिश थी। जिला प्रशासन चाहता तो बातचीत से मसला सुलझा सकता था। बात चाहे जितनी भी बिगड़ जाए, बातचीत से ही हल निकलता है। जंग के नतीजे देखिए... ये तो सद्भाव बिगाड़ने की साजिश थी। जाहिर है, अगर कोई किसी से प्यार करता है, तो ये उसका जन्मसिद्ध अधिकार है।

गौरतलब है कि हाल ही में रामपुर समेत अन्य जगहों पर आई लव मोहम्मद लिखे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। 
 

क्या था 'आई लव मोहम्मद' विवाद
दरअसल, कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' बैनर को लेकर विवाद चार सितंबर 2025 को शुरू हुआ था, बारावफात (ईद-मिलादुन्नबी) के जुलूस के दौरान रावतपुर के सैयद नगर में रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने एक टेंट पर यह बैनर लगाया था। यह जगह परंपरागत जुलूस मार्ग से हटकर थी, इसका हिंदू संगठनों ने विरोध जताया। साथ ही बैनर फाड़ने की घटना भी हुई थी, इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने स्थिति को संभाला और बैनर हटवाया। साथ ही दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया। पांच सितंबर को जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों पर दूसरे समुदाय के धार्मिक पोस्टर फाड़ने का आरोप लगा, इसके बाद विवाद और बढ़ गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद पूरे प्रदेश और देश के कुछ हिस्सों में माहौल बिगड़ गया था।
 

दीये जलते नहीं.. रोशन होते हैं: मुलाकात करने वालों को पता है मेरे साथ बुरा हुआ, आजम बोले- हमदर्दी दवा जैसी
इससे पहले, सपा नेता आजम खां ने दिवाली के मौके पर कहा कि दीये जलते नहीं है बल्कि रोशन किए जाते हैं। जो लोग दीये जलाते हैं वह कुछ भी जला सकते हैं। रोशन किए गए दीये लोगों को ठंडक पहुंचाते हैं। सपा नेता ने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो दीये रोशन किए जाते हैं उनका मकसद उजाला देना होता है।  
 

ठंडक देना होता हैं। नफरत मिटाना है। वही लोग काबिल ए तारीफ हैं।  कहा कि वह काफी दिनों से घर से नहीं निकले हैं। इसके बाद  भी लोग उनसे मिलने काफी लोग आ रहे हैं। जो लोग उनसे मिलने आ रहे हैं  वह समझते हैं कि उनके साथ गलत हुआ है।


 

यह लोग शायद पहली बार इतनी अकीदत से पहली बार मिले हैं। वह लोग पूरी तरह संतुष्ट हैं। मैं समझता हूं इसके पीछे लंबी कुर्बानी है। मैं तो सीधे भुक्तभोगी हूं। वह लोग काफी दुखी हैं जो यह समझते हैं कि उनके साथ बुरा हुआ है। उनकी हमदर्दी मेरे लिए दवा का काम कर रही है।
 
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