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काशी में 252 साल पुरानी प्रतिमा है श्रद्धा का केंद्र, कोई हिला भी नहीं सका इसे, जानिए खास वजह

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: गीतार्जुन गौतम Updated Sat, 05 Oct 2019 01:21 PM IST
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navratri 252 year old statue of durgabadi in devnathpura varanasi
बनारस शहर। - फोटो : अमर उजाला

वाराणसी के देवनाथपुरा में दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा हर किसी के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं। मां दुर्गा की यह प्रतिमा कुछ साल पहले की नहीं बल्कि 252 साल पुरानी है। इनकी आराधना मुखर्जी परिवार रोज करता है।

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मुखर्जी परिवार के मुखिया ने 1767 में महिषासुर मर्दिनी के रूप में माता की प्रतिमा स्थापित की थी। चार दिन पूजन पाठ के बाद जब इसको दशहरे पर विसर्जन की तैयार हुई तो प्रतिमा उठी ही नहीं।
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स्थानीय अमिताभ भट्टाचार्य ने बताया कि लगभग 50 से ज्यादा लोगों ने प्रतिमा को उठाने की कोशिश की लेकिन प्रतिमा नहीं हिल सकी और उस प्रतिमा को फि लहाल वहीं छोड़ दिया गया। इस दौरान रात में माता की आराधना करने वाले पुजारी को स्वप्न आया। जिसमें माता ने काशी वास की इच्छा जाहिर की और तब से लेकर अब तक माता इसी रूप में यहां विराजमान हैं।

100 साल से ज्यादा हो जाने की वजह से मुखर्जी परिवार का यह दुर्गाबाड़ी और प्रतिमा को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में अपनी निगरानी में भी रखा है।

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