प्रतापगढ़ : पुलिस की गोली से मरे बदमाश का शव पहुंचा तो मचा कोहराम, पुलिस के प्रति भारी आक्रोश
बाबूतारा में सपा नेताओं समेत ग्रामीण डटे, बवाल की आशंका में कई थानों की फोर्स पहुंची, शव देखते ही बेहोश हो गई पत्नी आलिया, एएसपी पश्चिमी परिजनों को मनाने में जुटे।

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लालगंज कोतवाली के बाबूतारा गांव में शनिवार की आधी रात पुलिस की गोली से शातिर बदमाश तौफीक की मौत हो गई थी। पुलिस का दावा था कि पुलिस की उससे मुठभेड़ हुई थी और दो सिपाहियों को भी गोली लगी है। इस मामले में लालगंज कोतवाल की ओर से सिपाहियों पर जानलेवा हमला करने के मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। घटना के बाद बवाल की आशंका को देखते हुए रात से ही पुलिस सतर्क रही। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक रोहित मिश्रा फोर्स लेकर लालगंज से सगरासुंदरपुर तक चक्रमण करते रहे। देर शाम तौफीक का शव लेकर परिजन लखनऊ से घर पहुंचे। जिसके बाद कोहराम मच गया।
पत्नी आलिया व भतीजा रोते हुए बेहोश हो गए। यह देख लोग आक्रोशित हो उठे। मौके पर मौजूद पुलिस अफसर शव को सुपुर्दे खाक करने के लिए परिवार के लोगों से बातचीत करने का प्रयास करने लगी। एएसपी पश्चिमी भी परिवार के लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश करते रहे, मगर कोई उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था। ग्रामीणों ने बर्फ मंगाकर शव को उस पर रख दिया। बाबूतारा में कई थानों की फोर्स लेकर एएसपी पश्चिमी रोहित मिश्रा, अपर जिलाधिकारी पंकज शुक्ला समेत अन्य पुलिस अफसर डटे रहे। दूसरी ओर सपा नेताओं समेत आसपास के ग्रामीण भी पुलिस पर जुल्म का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
सगरा बाजार छावनी में तब्दील, चप्पे-चप्पे पर पुलिस
बाबूतारा में पुलिस की मुठभेड़ के दौरान बदमाश तौफीक की मौत के बाद से पुलिस सतर्क रही। सुबह ही सगरासुंदरपुर बाजार में एक कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई। उधर, लालगंज में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी रोहित मिश्रा व एसडीएम राहुल यादव के साथ दो सीओ व आधा दर्जन थानों की फोर्स जुटी थी। लखनऊ से तौफीक के शव को घर लाने के लिए कोतवाली के दो दरोगा लगाए गए थे। कोतवाली पुलिस की छह टीमें शांतिपूर्ण अंतिम संस्कार के लिए तैनात की गईं।
सपाइयों का आरोप, मुठभेड़ की कहानी झूठी, तौफीक की हुई हत्या
लालगंज कोतवाली के बाबूतारा में तौफीक उर्फ बब्बू की पुलिस की गोली से हुई मौत की जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक श्याद अली के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को परिवार से मिलने पहुंचा। सपाइयों ने मृतक की पत्नी आलिया को ढांढस बंधाया और दुख की घड़ी में परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही। सपा नेता व पूर्व विधायक श्याद अली ने बाबूतारा में पुलिस की मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए कहा कि प्रदेश में पुलिस पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि बाबूतारा में मुठभेड़ में तौफीक की मौत नहीं हुई, बल्कि उसकी पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है। जब तक मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, पचास लाख की आर्थिक सहायता व दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होता, तब तक शव को सुपुर्दे खाक नहीं किया जाएगा। सपा के प्रतिनिधि मंडल में जिला महासचिव अब्दुल कादिर जिलानी, वासिक खान, इरफान अली, साबिर अली, इंद्रदेव तिवारी, पूर्व अध्यक्ष भइयाराम पटेल, पूर्व ब्लाक प्रमुख शांति सिंह, राहुल सिंह, अहमद अली, जय नारायण आदि मौजूद रहे।