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जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, लगे अमर रहे के नारे
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गोंडे में शहीद सुधाकर सिंह का शव पहुंचने पर बिलखते परिजन।
- फोटो : PRATAPGARH
अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर प्राणों की आहुति देने वाले सेना के नायब सूबेदार सुधाकर सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम एंबुलेंस से घर पहुंचा। पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवार के लोगों के करुण क्रंदन ने इलाके का माहौल गमगीन कर दिया। बृहस्पतिवार को सुबह दस बजे गांव के शहीद स्थल पर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार होगा। जिसके लिए बुधवार को ही तैयारी पूरी कर ली गई।
असम में तैनात नगर कोतवाली के गोड़े निवासी सुधाकर सिंह की रविवार की रात ड्यूटी के दौरान चीन की सीमा पर बर्फबारी के दौरान तबियत बिगड़ गई। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
बुधवार को उनका पार्थिव शरीर हवाई जहाज से वाराणसी पहुंचा। उनके पार्थिव शरीर के साथ एंबुलेंस में पत्नी सुजाता सिंह व बेटी खुशी, बेटे मानस व उद्देश्य सिंह भी थे। प्रशासनिक अमले की मौजूदगी के बीच पार्थिव शरीर गोड़े स्थित घर पहुंचा।
जिसके बाद कोहराम मच गया। इस बीच वीर सुधाकर सिंह अमर रहे के नारे भी लगते रहे। दोपहर में सदर विधायक राजकुमार पाल, एसडीएम सदर मोहनलाल गुप्ता, बीडीओ सदर अकांक्षा, सीओ सिटी अभय पांडेय समेत अन्य लोग पहुंचकर परिवार के लोगों से संवेदना जताई। भाई प्रभाकर सिंह ने बताया कि गांव में बने शहीद स्थल पर बृहस्पतिवार को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार होगा।
तीन घंटे पहले मिली बेटे के प्राणों की आहुति देने की जानकारी
नायब सुबेदार सुधाकर सिंह द्वारा देश की रक्षा के दौरान प्राणों की आहुति देने की खबर उनकी मां कमला देवी को नहीं दी गई थी। उनकी कुछ दिनों से तबियत खराब है। तीन घंटे पहले कमला देवी को अपने बेटे सुधाकर सिंह के दुनिया से जाने की जानकारी मिली। पार्थिव शरीर पहुंचने पर लिपट रोती रही।
सेना के सूबेदार के पार्थिव शरीर का इंतजार करते रहे परिजन
सेना के सुबेदार श्यामलाल यादव के पार्थिव शरीर के इंतजार में परिजन टकटकी लगाए देखते रहे। खबर भेजे जाने तक उनका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचा था। जेठवारा के पूरनपुर खजूर सुखऊपुर निवासी श्यामलाल यादव (58) सेना में सुबेदार के पद असम के डिब्रूगढ़ में तैनात थे। 26 दिसंबर की रात वह अपने बिस्तर पर अचेत मिले। साथियों ने मेडिकल कालेज में भर्ती कराया।
खबर मिलने पर बड़ा बेटा अशोक कुमार डिब्रूगढ़ के आर्मी अस्पताल पहुंच गया। मगर चार फरवरी को सेना के जवान ने अंतिम सांस ली। खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। बुधवार को दिन भर श्यामलाल के पार्थोिव शरीर के इंतजार में परिजन टकटकी लगाए रास्ते को निहारते रहे। खबर भेजे जाने तक सेना के जवान उनका पार्थिव शरीर लेकर नहीं पहुंचे थे।
उनकी पत्नी सूर्यकली का रो-रोकर बुरा हाल था। बड़ा बेटा अशोक कुमार पशु मित्र है और बेटेे शोभा यादव की शादी हो चुकी है। छोटा बेटा आलोक किसानी करता है। उनकी मां लघु देवी रोते हुए अचेत हो जा रहीं थीं। बृहस्पतिवार को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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असम में तैनात नगर कोतवाली के गोड़े निवासी सुधाकर सिंह की रविवार की रात ड्यूटी के दौरान चीन की सीमा पर बर्फबारी के दौरान तबियत बिगड़ गई। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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बुधवार को उनका पार्थिव शरीर हवाई जहाज से वाराणसी पहुंचा। उनके पार्थिव शरीर के साथ एंबुलेंस में पत्नी सुजाता सिंह व बेटी खुशी, बेटे मानस व उद्देश्य सिंह भी थे। प्रशासनिक अमले की मौजूदगी के बीच पार्थिव शरीर गोड़े स्थित घर पहुंचा।
जिसके बाद कोहराम मच गया। इस बीच वीर सुधाकर सिंह अमर रहे के नारे भी लगते रहे। दोपहर में सदर विधायक राजकुमार पाल, एसडीएम सदर मोहनलाल गुप्ता, बीडीओ सदर अकांक्षा, सीओ सिटी अभय पांडेय समेत अन्य लोग पहुंचकर परिवार के लोगों से संवेदना जताई। भाई प्रभाकर सिंह ने बताया कि गांव में बने शहीद स्थल पर बृहस्पतिवार को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार होगा।
तीन घंटे पहले मिली बेटे के प्राणों की आहुति देने की जानकारी
नायब सुबेदार सुधाकर सिंह द्वारा देश की रक्षा के दौरान प्राणों की आहुति देने की खबर उनकी मां कमला देवी को नहीं दी गई थी। उनकी कुछ दिनों से तबियत खराब है। तीन घंटे पहले कमला देवी को अपने बेटे सुधाकर सिंह के दुनिया से जाने की जानकारी मिली। पार्थिव शरीर पहुंचने पर लिपट रोती रही।
सेना के सूबेदार के पार्थिव शरीर का इंतजार करते रहे परिजन
सेना के सुबेदार श्यामलाल यादव के पार्थिव शरीर के इंतजार में परिजन टकटकी लगाए देखते रहे। खबर भेजे जाने तक उनका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचा था। जेठवारा के पूरनपुर खजूर सुखऊपुर निवासी श्यामलाल यादव (58) सेना में सुबेदार के पद असम के डिब्रूगढ़ में तैनात थे। 26 दिसंबर की रात वह अपने बिस्तर पर अचेत मिले। साथियों ने मेडिकल कालेज में भर्ती कराया।
खबर मिलने पर बड़ा बेटा अशोक कुमार डिब्रूगढ़ के आर्मी अस्पताल पहुंच गया। मगर चार फरवरी को सेना के जवान ने अंतिम सांस ली। खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। बुधवार को दिन भर श्यामलाल के पार्थोिव शरीर के इंतजार में परिजन टकटकी लगाए रास्ते को निहारते रहे। खबर भेजे जाने तक सेना के जवान उनका पार्थिव शरीर लेकर नहीं पहुंचे थे।
उनकी पत्नी सूर्यकली का रो-रोकर बुरा हाल था। बड़ा बेटा अशोक कुमार पशु मित्र है और बेटेे शोभा यादव की शादी हो चुकी है। छोटा बेटा आलोक किसानी करता है। उनकी मां लघु देवी रोते हुए अचेत हो जा रहीं थीं। बृहस्पतिवार को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
भुपियामऊ में शहीद सुधाकर सिंह के पार्थिव शरीर के दर्शन को खड़े लोग।- फोटो : PRATAPGARH
शहीद जवान सुधाकर सिंह। फाइल फोटो- फोटो : PRATAPGARH