{"_id":"61438abd8ebc3ea80b2dbe15","slug":"worrying-anemia-in-48-pregnant-women-pratapgarh-news-ald3159460166","type":"story","status":"publish","title_hn":"चिंताजनक : 48 फीसदी गर्भवती महिलाओं में खून की कमी, कैसे सुरक्षित रहे नवजात","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
चिंताजनक : 48 फीसदी गर्भवती महिलाओं में खून की कमी, कैसे सुरक्षित रहे नवजात
अमर उजाला नेटवर्क, प्रतापगढ़
Published by: इलाहाबाद ब्यूरो
Updated Fri, 17 Sep 2021 04:09 PM IST
सार
प्रतापगढ़ में मेडिकल जांच में पता चला है कि 48 फीसदी गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लबीन की कमी है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पर चिंता जताते हुए आशाओं और स्वास्थ्यकर्मियों को गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की जानकारी देने का निर्देश जारी किया है।
विज्ञापन
blood
विज्ञापन
विस्तार
जिले की 48 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन (खून) सामान्य स्तर से कम है। दिसंबर से अब तक 70573 गर्भवती महिलाओं के हिमोग्लोबिन की जांच की गई। जिसमें 33381 महिलाओं में सामान्य से कम ब्लड पाया गया है। इसमें करीब सात हजार महिलाओं में हिमोग्लोबिन का स्तर सात डेसीलीटर से भी कम पाया गया है। उन्हें तत्काल खून की जरूरत है।
सुरक्षित प्रसव व शिशु मृत्युदर कम करने के लिए शासन तमाम योजनाएं संचालित कर रहा है। गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कर स्वास्थ्य की जांच की जाती है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है और बचाव की जानकारी भी दी जाती है। लेकिन तमाम योजनाओं के बाद भी जिले में गर्भवती महिलाएं स्वस्थ नहीं हैं। वह खून की कमी से जूझ रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक नौ माह के भीतर जिले की 705713 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इसमें 33381 महिलाओं में खून की कमी पाई गई। इनमें से 7058 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके शरीर में खून सात प्वाइंट से भी कम है। चिकित्सकों ने प्रसव से पहले उन्हें ब्लड चढ़ाने की सलाह दी है। कई गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क की श्रेणी में चिह्नित की गई हैं। इससे गर्भवती महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं की हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
दस रहता है सामान्य हीमोग्लोबिन
मेडिकल कॉलेज की सीनियर डॉ. नीलमा सोनकर ने बताया कि सामान्य महिला के शरीर में 11.5 से 15 ग्राम प्रति डेसीलीटर रक्त होता है। खून की लगातार कमी के कारण अब 10 ग्राम डेसीलीटर तक रक्त की मात्रा को सामान्य मान लिया जा रहा है। इससे कम खतरनाक है। कई ऐसी महिलाएं आती हैं, जिनमें रक्त की मात्रा 10 ग्राम डेसीलीटर से भी कम रहती है।
कम हिमोग्लोबिन मां एवं गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिए भी घातक है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के सामान्य तौर पर स्वास्थ्य रहने के लिए अच्छा खानपान जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त खाना खाना चाहिए। शरीर में फॉलिक एसिड की कमी और विटामिन बी और आयरन की कमी से खून की कमी हो जाती है। महिलाएं संक्रमित होने पर एनेमिक हो जाती हैं। इसलिए प्रोटीन, हरी सब्जियां और आयरन लेना चाहिए।
इस तरह बरतें सावधानी
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज के साथ ही किसी भी सीएचसी में महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण जांच की जाती है। गर्भवती महिलाएं अस्पताल जाकर जांच करा सकती हैं। जांच के बाद खून की कमी से जूझ रहीं महिलाओं को चिह्नित किया जाता है। साथ ही उपचार किया जाता है। बचाव की जानकारी दी जाती है।
Trending Videos
सुरक्षित प्रसव व शिशु मृत्युदर कम करने के लिए शासन तमाम योजनाएं संचालित कर रहा है। गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कर स्वास्थ्य की जांच की जाती है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है और बचाव की जानकारी भी दी जाती है। लेकिन तमाम योजनाओं के बाद भी जिले में गर्भवती महिलाएं स्वस्थ नहीं हैं। वह खून की कमी से जूझ रही हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक नौ माह के भीतर जिले की 705713 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इसमें 33381 महिलाओं में खून की कमी पाई गई। इनमें से 7058 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके शरीर में खून सात प्वाइंट से भी कम है। चिकित्सकों ने प्रसव से पहले उन्हें ब्लड चढ़ाने की सलाह दी है। कई गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क की श्रेणी में चिह्नित की गई हैं। इससे गर्भवती महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं की हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
दस रहता है सामान्य हीमोग्लोबिन
मेडिकल कॉलेज की सीनियर डॉ. नीलमा सोनकर ने बताया कि सामान्य महिला के शरीर में 11.5 से 15 ग्राम प्रति डेसीलीटर रक्त होता है। खून की लगातार कमी के कारण अब 10 ग्राम डेसीलीटर तक रक्त की मात्रा को सामान्य मान लिया जा रहा है। इससे कम खतरनाक है। कई ऐसी महिलाएं आती हैं, जिनमें रक्त की मात्रा 10 ग्राम डेसीलीटर से भी कम रहती है।
कम हिमोग्लोबिन मां एवं गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिए भी घातक है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के सामान्य तौर पर स्वास्थ्य रहने के लिए अच्छा खानपान जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त खाना खाना चाहिए। शरीर में फॉलिक एसिड की कमी और विटामिन बी और आयरन की कमी से खून की कमी हो जाती है। महिलाएं संक्रमित होने पर एनेमिक हो जाती हैं। इसलिए प्रोटीन, हरी सब्जियां और आयरन लेना चाहिए।
इस तरह बरतें सावधानी
- विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार लें
- आयरन व अन्य गोलियां नियम से लें
- गर्भावस्था के समय लोहे की कढ़ाई आदि में सब्जी पकाएं
- प्रचुर मात्रा में सब्जी, पालक आदि का सेवन करें
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज के साथ ही किसी भी सीएचसी में महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण जांच की जाती है। गर्भवती महिलाएं अस्पताल जाकर जांच करा सकती हैं। जांच के बाद खून की कमी से जूझ रहीं महिलाओं को चिह्नित किया जाता है। साथ ही उपचार किया जाता है। बचाव की जानकारी दी जाती है।
