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Raebareli News: जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में ताला
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Wed, 17 Sep 2025 01:22 AM IST
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जिला अस्पताल में स्थापित डेंगू वार्ड में लटका ताला।
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रायबरेली। जिले में डेंगू का खतरा बढ़ गया है। लक्षण वाले मरीजों की तुरंत जांच के लिए अस्पतालों में रैपिड टेस्ट किट की आपूर्ति नहीं की गई है। जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बनाए गए 10 बेड के वार्ड में ताला डाल दिया गया है। मरीजों को डेंगू की जांच के लिए निजी पैथोलॉजी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ये हाल तब है जब जिले में अब तक डेंगू के 10 मरीज ही मिल चुके हैं।
जिले की कई सीएचसी में कार्ड न होने के कारण डेंगू की जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को डेंगू की जांच के लिए निजी पैथोलॉजी का सहाना लेना पड़ रहा है। सभी सीएचसी अधीक्षकों को आशंका होने पर मरीजों के ब्लड के सैंपलों को डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिला अस्पताल में वार्ड में ताला बंद कर दिया गया है।
सीएमएस डॉ. पुष्पेंद्र कुमार का कहना है कि डेंगू मरीज के आते ही संबंधित वार्ड में भर्ती करके इलाज किया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी रमेशचंद्र यादव ने बताया कि डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच अनिवार्य है। इसके लिए शासन से पत्र भी आया है। तेज बुखार वाले मरीजों की छह प्रकार की जांच के लिए सैंपल जिला अस्पताल के लैब को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मलेरिया सहित अन्य सभी प्रकार की जांच सीएचसी स्तर पर उपलब्ध हैं।
सीएचसी अधीक्षकों को किया गया अलर्ट
शहर के 16 मोहल्लों समेत 106 क्षेत्रों को हॉट स्पॉट चिह्नित करके नजर रखी जा रही है। वर्ष 2023 और 2024 में दो या दो अधिक डेंगू मरीज वाले गांवों व मोहल्लों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। इसमें शहर के तिलियाकोट, खालीसहाट, कहारों का अड्डा, छोटीबाजार, आचार्य द्विवेदी नगर, सत्य नगर, बहराना, विकास नगर, तुलसीनगर आदि को शामिल किया गया है। अमावां, नसीराबाद, बछरावां, ऊंचाहार, डलमऊ, राही, शिवगढ़ ब्लॉकों के 92 गांवों को भी हॉट स्पॉट चिह्नित किया है। सीएचसी अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है।
नौ सीएचसी में खोले गए ईटीसी
जिले में एईएस से निपटने के लिए नौ सीएचसी में इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) खोले गए हैं। तेज बुखार और डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए 19 सीएचसी में दो-दो बेड और जिला अस्पताल में 10 आरक्षित किए गए हैं। सीएचसी स्तर पर एईएस और जेई के मरीजों का तुरंत इलाज शुरू करने के लिए हरचंदपुर, महराजगंज, बछरावां, सलोन, जगतपुर, ऊंचाहार, डलमऊ, लालगंज और खीरों सीएचसी में ईटीसी सेंटर स्थापित किया गया है।
डेंगू के कारण, लक्षण व उपचार
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गौरव त्रिवेदी का कहना है कि पहले से संक्रमित व्यक्ति को यदि कोई मच्छर काटता है तो वायरस उस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
यही मच्छर अगर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को काट ले तो उसे डेंगू होने का खतरा रहता है। डेंगू के प्रमुख लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, कान की ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि हैं। डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें।
डेंगू पर नियंत्रण रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। 106 हॉट स्पॉट चिह्नित करके सतर्कता बढ़ा दी गई है। जागरूकता और डेंगू के लार्वा समय से खत्म होने से समस्या से बचा जा सकता है।
- डॉ. नवीनचंद्रा, सीएमओ

जिले की कई सीएचसी में कार्ड न होने के कारण डेंगू की जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को डेंगू की जांच के लिए निजी पैथोलॉजी का सहाना लेना पड़ रहा है। सभी सीएचसी अधीक्षकों को आशंका होने पर मरीजों के ब्लड के सैंपलों को डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिला अस्पताल में वार्ड में ताला बंद कर दिया गया है।
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सीएमएस डॉ. पुष्पेंद्र कुमार का कहना है कि डेंगू मरीज के आते ही संबंधित वार्ड में भर्ती करके इलाज किया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी रमेशचंद्र यादव ने बताया कि डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच अनिवार्य है। इसके लिए शासन से पत्र भी आया है। तेज बुखार वाले मरीजों की छह प्रकार की जांच के लिए सैंपल जिला अस्पताल के लैब को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मलेरिया सहित अन्य सभी प्रकार की जांच सीएचसी स्तर पर उपलब्ध हैं।
सीएचसी अधीक्षकों को किया गया अलर्ट
शहर के 16 मोहल्लों समेत 106 क्षेत्रों को हॉट स्पॉट चिह्नित करके नजर रखी जा रही है। वर्ष 2023 और 2024 में दो या दो अधिक डेंगू मरीज वाले गांवों व मोहल्लों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। इसमें शहर के तिलियाकोट, खालीसहाट, कहारों का अड्डा, छोटीबाजार, आचार्य द्विवेदी नगर, सत्य नगर, बहराना, विकास नगर, तुलसीनगर आदि को शामिल किया गया है। अमावां, नसीराबाद, बछरावां, ऊंचाहार, डलमऊ, राही, शिवगढ़ ब्लॉकों के 92 गांवों को भी हॉट स्पॉट चिह्नित किया है। सीएचसी अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है।
नौ सीएचसी में खोले गए ईटीसी
जिले में एईएस से निपटने के लिए नौ सीएचसी में इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) खोले गए हैं। तेज बुखार और डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए 19 सीएचसी में दो-दो बेड और जिला अस्पताल में 10 आरक्षित किए गए हैं। सीएचसी स्तर पर एईएस और जेई के मरीजों का तुरंत इलाज शुरू करने के लिए हरचंदपुर, महराजगंज, बछरावां, सलोन, जगतपुर, ऊंचाहार, डलमऊ, लालगंज और खीरों सीएचसी में ईटीसी सेंटर स्थापित किया गया है।
डेंगू के कारण, लक्षण व उपचार
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गौरव त्रिवेदी का कहना है कि पहले से संक्रमित व्यक्ति को यदि कोई मच्छर काटता है तो वायरस उस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
यही मच्छर अगर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को काट ले तो उसे डेंगू होने का खतरा रहता है। डेंगू के प्रमुख लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, कान की ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि हैं। डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास पानी एकत्र न होने दें।
डेंगू पर नियंत्रण रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। 106 हॉट स्पॉट चिह्नित करके सतर्कता बढ़ा दी गई है। जागरूकता और डेंगू के लार्वा समय से खत्म होने से समस्या से बचा जा सकता है।
- डॉ. नवीनचंद्रा, सीएमओ