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Raebareli News: चंदापुर थाने के बाहर दो घंटे हंगामा
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Tue, 08 Jul 2025 01:25 AM IST
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महिला की हत्या के बाद चंदापुर थाने के सामने हंगामा करते लोगों को समझाती पुलिस।
महराजगंज (रायबरेली)। पोस्टमार्टम के बाद सोमवार को परिजनों ने विवाहिता सुनीता यादव का शव चंदापुर थाने ले जाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने परिजनों को थाने के अंदर जाने से रोक दिया। गुस्साए परिजन व क्षेत्रीय लोगों ने करीब दो घंटे तक थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ हंगामा किया।
इस दौरान पुलिस से लोगों की तीखी कहासुनी भी हुई। क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया और शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजन एक करोड़ की सरकारी मदद और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। एएसपी ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर सभी को शांत कराया।
चंदापुर थाना क्षेत्र के गुरदत्त सिंह मजरे ज्योना गांव की रहने वाली और मायके आई सुनीता यादव (28) की रविवार को भूमि विवाद में विपक्षियों ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। दो भाइयों राजेंद्र (42), सुरेंद्र (25) के अलावा रामू (22) पर हमलाकर घायल कर दिया था।
जिला मुख्यालय पर सुनीता के शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद परिजन शव वाहन पर लादकर गांव रवाना हुए। विवाहिता की हत्या से लोगों में आक्रोश था। शाम करीब तीन बजे परिजन व क्षेत्रीय लोग शव लेकर चंदापुर थाने के अंदर जाने लगे। सभी का थाने के अंदर शव रखकर प्रदर्शन करने का इरादा था।
थाने के बाहर पहले से ही एएसपी संजीव कुमार सिन्हा, सीओ महराजगंज प्रदीप कुमार, निरीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शव को थाने के अंदर ले जाने से रोक दिया। इससे परिजनों व क्षेत्रीय लोगों से पुलिस अफसरों की तीखी बहस हुई।
एएसपी के समझाने पर परिजन शांत तो हुए, लेकिन शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजन शव लेकर गांव पहुंच गए। यहां पर भी लोगों ने हंगामा किया। परिजनों ने पुलिस प्रशासन के सामने दो मांगें रखीं। एएसपी ने दोनों मांगों को पूरा कराने का भरोसा दिया। इसके बाद परिजन विवाहिता का शव उनके ससुराल कसरैला गांव लेकर चले गए।
पांच वर्षीय अंश से छिना मां का साया
पांच वर्षीय अंश से मां का साया छिन गया है। अब अंश की परवरिश कौन करेगा, यही सोचकर हर कोई गमगीन दिखा। गुरदत्त सिंह मजरे ज्योना गांव की रहने वाली सुनीता की शादी चंदापुर थाना क्षेत्र के कसरैला गांव निवासी सौरभ के साथ मई 2018 में शादी हुई थी। सुनीता को बेटा अंश हुआ था। पति सौरभ की चंदापुर मार्केट में कपड़े की दुकान है। सुनीता की हत्या से व्यापारियों में भी गहरी नाराजगी दिखी।
18 हमलावरों पर एफआईआर, तीन गिरफ्तार
विवाहिता की हत्या के मामले में चंदापुर थाने पर 18 हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मृतक सुनीता के भतीजे मोहित यादव की तहरीर पर जनई चंदापुर निवासी शैलेंद्र सिंह, दीपक सिंह, राहुल सिंह उर्फ बाहुबली, अनवरगंज लामी निवासी हौसिला प्रसाद, अखिलेश, विकास, अशराफाबाद निवासी रणविजय सिंह पुत्र रामसुमेर सिंह, रणविजय सिंह पुत्र अज्ञात और 10 अज्ञात हमलावरों पर केस दर्ज किया गया है। आरोपी हौसला प्रसाद, रणविजय सिंह और अखिलेश को गिरफ्तार किया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगाई गई हैं।
चंदापुर थाना प्रभारी निलंबित, उठे सवाल
शिथिलता बरतने पर एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने चंदापुर थाना प्रभारी प्रशांत द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात उप निरीक्षक अरविंद सिंह को चंदापुर थाने की कमान सौंपी गई है। इस कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहे हैं कि हल्का दरोगा व सिपाही भी घटना के लिए दोषी थे, आखिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पुलिस के साथ घटना के लिए राजस्वकर्मी कम जिम्मेदार नहीं हैंं, क्योंकि मामला भूमि विवाद से जुड़ा। करीब 10 माह से दोनों पक्षों के बीच यह विवाद चल रहा है। थाने के अलावा कई दफा यह मामला तहसील तक पहुंचा था। बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
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इस दौरान पुलिस से लोगों की तीखी कहासुनी भी हुई। क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया और शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजन एक करोड़ की सरकारी मदद और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। एएसपी ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर सभी को शांत कराया।
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चंदापुर थाना क्षेत्र के गुरदत्त सिंह मजरे ज्योना गांव की रहने वाली और मायके आई सुनीता यादव (28) की रविवार को भूमि विवाद में विपक्षियों ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। दो भाइयों राजेंद्र (42), सुरेंद्र (25) के अलावा रामू (22) पर हमलाकर घायल कर दिया था।
जिला मुख्यालय पर सुनीता के शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद परिजन शव वाहन पर लादकर गांव रवाना हुए। विवाहिता की हत्या से लोगों में आक्रोश था। शाम करीब तीन बजे परिजन व क्षेत्रीय लोग शव लेकर चंदापुर थाने के अंदर जाने लगे। सभी का थाने के अंदर शव रखकर प्रदर्शन करने का इरादा था।
थाने के बाहर पहले से ही एएसपी संजीव कुमार सिन्हा, सीओ महराजगंज प्रदीप कुमार, निरीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शव को थाने के अंदर ले जाने से रोक दिया। इससे परिजनों व क्षेत्रीय लोगों से पुलिस अफसरों की तीखी बहस हुई।
एएसपी के समझाने पर परिजन शांत तो हुए, लेकिन शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजन शव लेकर गांव पहुंच गए। यहां पर भी लोगों ने हंगामा किया। परिजनों ने पुलिस प्रशासन के सामने दो मांगें रखीं। एएसपी ने दोनों मांगों को पूरा कराने का भरोसा दिया। इसके बाद परिजन विवाहिता का शव उनके ससुराल कसरैला गांव लेकर चले गए।
पांच वर्षीय अंश से छिना मां का साया
पांच वर्षीय अंश से मां का साया छिन गया है। अब अंश की परवरिश कौन करेगा, यही सोचकर हर कोई गमगीन दिखा। गुरदत्त सिंह मजरे ज्योना गांव की रहने वाली सुनीता की शादी चंदापुर थाना क्षेत्र के कसरैला गांव निवासी सौरभ के साथ मई 2018 में शादी हुई थी। सुनीता को बेटा अंश हुआ था। पति सौरभ की चंदापुर मार्केट में कपड़े की दुकान है। सुनीता की हत्या से व्यापारियों में भी गहरी नाराजगी दिखी।
18 हमलावरों पर एफआईआर, तीन गिरफ्तार
विवाहिता की हत्या के मामले में चंदापुर थाने पर 18 हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मृतक सुनीता के भतीजे मोहित यादव की तहरीर पर जनई चंदापुर निवासी शैलेंद्र सिंह, दीपक सिंह, राहुल सिंह उर्फ बाहुबली, अनवरगंज लामी निवासी हौसिला प्रसाद, अखिलेश, विकास, अशराफाबाद निवासी रणविजय सिंह पुत्र रामसुमेर सिंह, रणविजय सिंह पुत्र अज्ञात और 10 अज्ञात हमलावरों पर केस दर्ज किया गया है। आरोपी हौसला प्रसाद, रणविजय सिंह और अखिलेश को गिरफ्तार किया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगाई गई हैं।
चंदापुर थाना प्रभारी निलंबित, उठे सवाल
शिथिलता बरतने पर एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने चंदापुर थाना प्रभारी प्रशांत द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात उप निरीक्षक अरविंद सिंह को चंदापुर थाने की कमान सौंपी गई है। इस कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहे हैं कि हल्का दरोगा व सिपाही भी घटना के लिए दोषी थे, आखिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पुलिस के साथ घटना के लिए राजस्वकर्मी कम जिम्मेदार नहीं हैंं, क्योंकि मामला भूमि विवाद से जुड़ा। करीब 10 माह से दोनों पक्षों के बीच यह विवाद चल रहा है। थाने के अलावा कई दफा यह मामला तहसील तक पहुंचा था। बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हैं।