{"_id":"69470093ed0289f40609319f","slug":"anganwadi-workers-have-demanded-a-monthly-honorarium-of-30000-rupees-saharanpur-news-c-30-1-smrt1014-165435-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Saharanpur News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने की 30 हजार मानदेय दिलाने की मांग","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Saharanpur News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने की 30 हजार मानदेय दिलाने की मांग
विज्ञापन
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
तीतरों। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से पुरजोर तरीके से मानदेय में बढ़ोतरी किए जाने की मांग की है। प्रदेश सरकार को भेजे प्रार्थना पत्र में कहा कि वह लोग सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में मुश्तैदी से लगी रहती है। बावजूद इसके पिछले कई सालों से मामूली मेहनताने पर कार्य कर रही है।
आंगनबाड़ी सुनीता, अनिता, ममतेश, अंजू देवी, सविता, बबीता, सोनिया, उषा रानी, पुष्पा आदि का कहना है कि प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभिन्न कार्य करती हैं। इनमें पुष्टाहार वितरण, सर्वे सारांश की रिपोर्ट, गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांचें, बीएलओ का कार्य, टीकाकरण का कार्य, पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम आदि शामिल हैं।
इसके बावजूद सरकार उन्हे मनरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दे रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में मामूली मानदेय से उनके परिवारों को आर्थिक तंगी से जुझना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से 30 हजार रुपये मासिक वेतन के साथ ही राज्यकर्मचारियों का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
Trending Videos
तीतरों। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से पुरजोर तरीके से मानदेय में बढ़ोतरी किए जाने की मांग की है। प्रदेश सरकार को भेजे प्रार्थना पत्र में कहा कि वह लोग सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में मुश्तैदी से लगी रहती है। बावजूद इसके पिछले कई सालों से मामूली मेहनताने पर कार्य कर रही है।
आंगनबाड़ी सुनीता, अनिता, ममतेश, अंजू देवी, सविता, बबीता, सोनिया, उषा रानी, पुष्पा आदि का कहना है कि प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभिन्न कार्य करती हैं। इनमें पुष्टाहार वितरण, सर्वे सारांश की रिपोर्ट, गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांचें, बीएलओ का कार्य, टीकाकरण का कार्य, पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम आदि शामिल हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसके बावजूद सरकार उन्हे मनरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दे रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में मामूली मानदेय से उनके परिवारों को आर्थिक तंगी से जुझना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से 30 हजार रुपये मासिक वेतन के साथ ही राज्यकर्मचारियों का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
