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कर्नाटक विधानसभा में घृणास्पद भाषण के विरुद्ध कानून की मंजूरी स्वागत योग्य : मदनी
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:29 AM IST
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मौलाना महमूद मदनी।
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देवबंद(सहारनपुर)। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कर्नाटक विधानसभा द्वारा घृणास्पद भाषण (हेट स्पीच) और नफरत पर आधारित अपराधों की रोकथाम के लिए कानून की मंजूरी दिए जाने का स्वागत किया है।
मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने भी बार-बार यह टिप्पणी की है कि देश में नफरत का माहौल बना हुआ है, जो समाज की शांति, भाईचारे और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में कर्नाटक सरकार का यह कदम सामाजिक सद्भाव और भारतीय संविधान में निहित मूल्यों की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण पहल है।
मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत लंबे समय से नफरत फैलाने वाली गतिविधियों के विरुद्ध प्रभावी कानून बनाने की मांग करती आ रही है। इस संबंध में जमीयत ने अदालत के भीतर और बाहर कई स्तरों पर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि घृणास्पद भाषण के विरुद्ध कार्रवाई करना राज्य मशीनरी की संवैधानिक जिम्मेदारी है और इसके लिए किसी औपचारिक शिकायत का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए।
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मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने भी बार-बार यह टिप्पणी की है कि देश में नफरत का माहौल बना हुआ है, जो समाज की शांति, भाईचारे और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में कर्नाटक सरकार का यह कदम सामाजिक सद्भाव और भारतीय संविधान में निहित मूल्यों की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण पहल है।
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मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत लंबे समय से नफरत फैलाने वाली गतिविधियों के विरुद्ध प्रभावी कानून बनाने की मांग करती आ रही है। इस संबंध में जमीयत ने अदालत के भीतर और बाहर कई स्तरों पर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि घृणास्पद भाषण के विरुद्ध कार्रवाई करना राज्य मशीनरी की संवैधानिक जिम्मेदारी है और इसके लिए किसी औपचारिक शिकायत का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए।
