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सहारनपुर में सात मौत: पसलियां टूटने से बॉडी में फैला खून, दम घुटने से मौत, साढ़े तीन घंटे में हुआ पोस्टमार्टम

अमर उजाला नेटवर्क, सहारनपुर Published by: मोहम्मद मुस्तकीम Updated Sun, 30 Nov 2025 11:52 AM IST
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सार

Saharanpur News: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बजरी से भरा ट्रक एक कार पर पलटने से परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। दो डॉक्टरों के पैनल में साढ़े तीन घंटे में सात शवों का पोस्टमार्टम किया। वहीं जो बजरी कार पर गिरी, उसका वजन 54 हजार किलो था। 

Seven deaths in Saharanpur: Blood spread in the body due to broken ribs, death due to suffocation
हादसे में मारे गए सात लोगों के फाइल फोटो। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के अंडरपास पर सड़क हादसे में जान गंवाने वालों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। सभी की मौत दम घुटने से हुई है। उनकी पसलियां टूट गई थीं। इसके चलते उनके इंटरनल ऑर्गेन डैमेज से शरीर में खून फैल गया था। सातों शवों का शुक्रवार देर शाम तक पोस्टमार्टम चला था।
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Seven deaths in Saharanpur: Blood spread in the body due to broken ribs, death due to suffocation
कार का ये हाल हो गया। - फोटो : अमर उजाला
शुक्रवार को गागलहेड़ी थाना क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के अंडरपास पर बजरी से भरा डंपर कार पर पलट गया था। इसमें कार सवार संदीप, उनकी मां रानी, बहन जूली, जीजा शेखर, भांजे अनिरुद्ध और मौसी के बेटे विपिन की मौके पर ही मौत हो गई थी। 
 
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Seven deaths in Saharanpur: Blood spread in the body due to broken ribs, death due to suffocation
बजरी में दबी कार। - फोटो : अमर उजाला
इसके बाद दो पैनल के चिकित्सकों ने सातों शवों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। एक शव का पोस्टमार्टम करने में करीब 30 से 40 मिनट का समय लगा। शनिवार को सातों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। 
 

इसमें आया कि डंपर का भारी भरकम वजन और बजरी गिरने से कार दब गई थी। इसके चलते सभी लोग कार में दबे रहे। जब तक बजरी हटाई जाती है, तब तक वह दम तोड़ चुके थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दम घुटने से मौत होने का कारण आया है। 
इसके अलावा सबसे अधिक चोट उनकी छाती में आई है। पसलियां टूट गई थीं, जिसने इंटरनल ऑर्गेन डैमेज किए। इसकी वजह से ही शरीर में खून फैल गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अधिकारियों और संबंधित थाने को भेज दी है।
 

हादसे ने छीने सपने, दिल में दर्द, आंखों में आंसू
सड़क हादसे में पत्नी, बेटा, बेटी, दामाद और मासूम नाती सहित सात परिजनों को खोने वाले महेंद्र सैनी की सिसकियां थम नहीं रही हैं। आसपास के घरों की महिलाएं पीड़ित परिवार की महिलाओं को ढांढस बंधा रही हैं। दर्द इतना है कि हादसे का नाम लेते ही पीड़ित परिजन सिहर उठते हैं। उनके दिल में दर्द और आंखों में आंसू हैं। महेंद्र रुंधे गले से कहते हैं कि हादसे ने उनके सारे सपने छीन लिए।

शनिवार को हादसे के दूसरे दिन गांव सोना सैयद माजरा में महेंद्र सैनी के घर सांत्वना देने पहुंचने वालों का दिन भर तांता लगा रहा। महेंद्र के बड़े बेटे प्रदीप की पत्नी कोमल बार-बार बेसुध हुई जा रही थी। उसकी आंखों के आंसू थम नहीं रहे थे। ढांढस बंधाने पहुंचीं महिलाएं उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थीं। 
 

परिवार का दामाद शेखर अपनी कार से आया था, जिसे वह यहीं खड़ी करके परिजनों संग मामा की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहा था कि पत्नी जूली और मासूम बेटे सहित मौत का शिकार हो गया। उनकी कार को देखकर ससुर महेंद्र बार-बार सिसक पड़ते हैं। बोलते हैं इसे तो कोई चलाने वाला भी घर में नहीं बचा है। 
 

केवल पांच साल का नाती अभिनंदन घर पर अपनी दादी सुशीला के पास है। सुशीला भी बीमार है। चलने फिरने में भी दिक्कत है। महेंद्र ने बताया कि उसकी बेटी, दामाद और नाती की रस्म पगड़ी रविवार (आज) छांगामजरी में कर दी जाएगी। आखिर वहां अब कौन बचा, जो 11 या 13 दिन तक धार्मिक रीति रिवाज पूरे करे।
 

इस दौरान पीड़ित परिवार के अन्य लोगों का दर्द जुबां पर आया तो बस इतना ही बोले कि हमारे तो चले गए, हमें किसी से कोई शिकायत नहीं। प्रशासन बस आश्रितों को आर्थिक मदद दिला दे। शेखर और जूली के अनाथ हुए बेटे अभिनंदन की परवरिश और उसके भविष्य की चिंता भी रिश्तेदारों के चेहरों पर साफ दिख रही थी।
 

सौंपी जांच रिपोर्ट, डंपर की तेज रफ्तार से हुआ हादसा
डंपर के नीचे दबने से सात लोगों की मौत के मामले में गठित की गई कमेटी ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दिया। कमेटी की जांच में सामने आया कि डंपर की रफ्तार काफी तेज थी। इससे अनियंत्रित होकर वह कार के ऊपर पलट गया, जिस कारण इतनी मौतें हुईं।
 

जिलाधिकारी मनीष बंसल ने हादसे के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन और एसपी यातायात को हादसे की जांच करने के आदेश दिए थे। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने हादसे की बारीकी से जांच की। मौका मुआयना, चश्मदीदों से बातचीत और सीसीटीवी देखने के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट को जिलाधिकारी को सौंप दी। सौंपी रिपोर्ट में बताया कि कार अंडरपास के पास कुछ सेकेंड के लिए रुकी हुई थी, तभी पीछे से आ रहे डंपर ने कार को टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद डंपर का कुंडा खुल गया और बजरी के साथ वह कार पर पलट गया।
 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यदि डंपर दूसरी ओर पलटा होता तो शायद जान न जाती। रिपोर्ट में अधिकारियों ने वाहन चालक और उसके मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करने की संस्तुति की है। यह भी सामने आया कि डंपर के पास सभी वैध दस्तावेज थे। प्रशासन ने डंपर से गिरी बजरी का भी वजन कराया, जो करीब 54 टन निकली है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि रिपोर्ट को सौंप दिया गया है। पीड़ितों को सहायता दिलाने के लिए भी शासन से पत्राचार किया जा रहा है। तीन मृतकों के परिजनों को कृषक दुर्घटना योजना के अलावा मुख्यमंत्री राहत योजना के तहत सहायता राशि दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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