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Sambhal News: सीटी स्कैन लिखने और हेपेटाइटिस-सी की जांच के नाम पर मरीजों से वसूली
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संभल। जिला अस्पताल और सीएचसी में सीटी स्कैन की जांच लिखने और हेपेटाइटिस-सी की जांच करने के नाम पर वसूली चल रही है। इसकी शिकायत जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेंद्र सैनी के सामने पहुंची तो उन्होंने पूछताछ शुरू की। सीएमएस ने बताया कि महिला से सीएचसी के एक चिकित्सक ने पांच सौ रुपये लिए थे, जो वापस करा दिए गए हैं। अब सवाल उठता है कि जब रुपये ही वापस दिला दिए गए तो जांच किन बिंदुओं पर की जाएगी। वहीं, जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस-सी की जांच के नाम पर भी रुपये मांगे गए। सीएमएस का कहना है कि इस आरोप की भी जांच कराई जाएगी। उसके बाद कार्रवाई होगी।
शनिवार को गांव रसूलपुर धतरा निवासी ऊषा जिला अस्पताल सीटी स्कैन कराने के लिए पहुंची थीं। सीएचसी के चिकित्सक ने सीटी कराने के लिए लिखा था। सत्यापन के लिए जब सीएमएस के पास पहुंचीं तो उन्होंने सीटी स्कैन की जरूरत नहीं होने की बात कही। इस पर महिला ने बताया कि सीटी स्कैन लिखने के लिए सीएचसी में 500 रुपये लिए गए हैं। इस जानकारी के बाद सीएमएस ने सीएचसी में पूछताछ कराई और महिला के 500 रुपये भी वापस करा दिए।
वहीं दूसरी चंदौसी निवासी महिला हेपेटाइटिस-सी से पीड़ित पहुंची और बताया कि उन्हें हेपेटाइटिस-सी की जांच करानी है लेकिन यूआईडी नहीं बनी है। अब आईडी बनाने के लिए 200 रुपये की मांग की जा रही है। सीएमएस ने रुपये मांगने वाले कर्मचारी की जांच कराने की बात कही है।
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70-80 हर दिन होते हैं सीटी स्कैन, 15 दिन में वायरल लोड की 100 जांच की जाती हैं
जिला अस्पताल में हर दिन 70-80 सीटी स्कैन होते हैं। इसमें जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा भी लिखे जाते हैं और जिले के दूसरे अस्पतालों से भी रेफर किए जाते हैं। इसी तरह हेपेटाइटिस-सी के वायरल लोड की जांच 15 दिन में 100 मरीजों की भेजी जाती है। क्योंकि यह जांच जिला अस्पताल में ही होती है। इसके अलावा हेपेटाइटिस-सी की दवाई और जांच की सुविधा जिला अस्पताल और पवांसा सीएचसी में ही उपलब्ध है।
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मैं हेपेटाइटिस-सी से पीड़ित हूं। मेरी दवाई चल रही है। समय-समय पर वायरल लोड यानी जांच कराई जाती है, जिससे शरीर में संक्रमण की जानकारी हो सके। इसकी जांच कराने के लिए जिला अस्पताल में यूआईडी बनाई जाती है। इस आईडी के बाद ही जांच होती। आईडी बनाने के लिए एक कर्मचारी ने 200 रुपये मांगे। इसकी शिकायत सीएमएस से की है। जांच के लिए नमूना भी नहीं लिया गया।
चंदौसी निवासी शिकायतकर्ता महिला
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मेरे शरीर के पिछले हिस्से में दर्द है। कई दिनों से खांसी, बलगम और दर्द की परेशानी है। इसलिए सीएचसी दवाई लेने पहुंची थी। वहां 500 रुपये लेकर सीटी स्कैन कराने के लिए लिखा था। जिला अस्पताल में सीटी स्कैन करने से मना कर दिया था। सीएमएस को बताया कि जांच लिखने के 500 रुपये दिए हैं, जो बाद में सीएमएस ने वापस करा दिए थे।
ऊषा, गांव रसूलपुर धतरा
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सीएचसी के जिस चिकित्सक ने सीटी स्कैन लिखा है वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। महिला से जो रुपये लिए गए थे वह वापस करा दिए गए हैं। हेपेटाइटिस-सी की जांच कराने आई महिला से रुपये मांगने वाले कर्मचारी की भी जांच होगी। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल में मरीजों से कोई वसूली नहीं कर सकता है।
डॉ. राजेंद्र सैनी, सीएमएस, जिला अस्पताल संभल

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शनिवार को गांव रसूलपुर धतरा निवासी ऊषा जिला अस्पताल सीटी स्कैन कराने के लिए पहुंची थीं। सीएचसी के चिकित्सक ने सीटी कराने के लिए लिखा था। सत्यापन के लिए जब सीएमएस के पास पहुंचीं तो उन्होंने सीटी स्कैन की जरूरत नहीं होने की बात कही। इस पर महिला ने बताया कि सीटी स्कैन लिखने के लिए सीएचसी में 500 रुपये लिए गए हैं। इस जानकारी के बाद सीएमएस ने सीएचसी में पूछताछ कराई और महिला के 500 रुपये भी वापस करा दिए।
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वहीं दूसरी चंदौसी निवासी महिला हेपेटाइटिस-सी से पीड़ित पहुंची और बताया कि उन्हें हेपेटाइटिस-सी की जांच करानी है लेकिन यूआईडी नहीं बनी है। अब आईडी बनाने के लिए 200 रुपये की मांग की जा रही है। सीएमएस ने रुपये मांगने वाले कर्मचारी की जांच कराने की बात कही है।
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70-80 हर दिन होते हैं सीटी स्कैन, 15 दिन में वायरल लोड की 100 जांच की जाती हैं
जिला अस्पताल में हर दिन 70-80 सीटी स्कैन होते हैं। इसमें जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा भी लिखे जाते हैं और जिले के दूसरे अस्पतालों से भी रेफर किए जाते हैं। इसी तरह हेपेटाइटिस-सी के वायरल लोड की जांच 15 दिन में 100 मरीजों की भेजी जाती है। क्योंकि यह जांच जिला अस्पताल में ही होती है। इसके अलावा हेपेटाइटिस-सी की दवाई और जांच की सुविधा जिला अस्पताल और पवांसा सीएचसी में ही उपलब्ध है।
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मैं हेपेटाइटिस-सी से पीड़ित हूं। मेरी दवाई चल रही है। समय-समय पर वायरल लोड यानी जांच कराई जाती है, जिससे शरीर में संक्रमण की जानकारी हो सके। इसकी जांच कराने के लिए जिला अस्पताल में यूआईडी बनाई जाती है। इस आईडी के बाद ही जांच होती। आईडी बनाने के लिए एक कर्मचारी ने 200 रुपये मांगे। इसकी शिकायत सीएमएस से की है। जांच के लिए नमूना भी नहीं लिया गया।
चंदौसी निवासी शिकायतकर्ता महिला
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मेरे शरीर के पिछले हिस्से में दर्द है। कई दिनों से खांसी, बलगम और दर्द की परेशानी है। इसलिए सीएचसी दवाई लेने पहुंची थी। वहां 500 रुपये लेकर सीटी स्कैन कराने के लिए लिखा था। जिला अस्पताल में सीटी स्कैन करने से मना कर दिया था। सीएमएस को बताया कि जांच लिखने के 500 रुपये दिए हैं, जो बाद में सीएमएस ने वापस करा दिए थे।
ऊषा, गांव रसूलपुर धतरा
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सीएचसी के जिस चिकित्सक ने सीटी स्कैन लिखा है वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। महिला से जो रुपये लिए गए थे वह वापस करा दिए गए हैं। हेपेटाइटिस-सी की जांच कराने आई महिला से रुपये मांगने वाले कर्मचारी की भी जांच होगी। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल में मरीजों से कोई वसूली नहीं कर सकता है।
डॉ. राजेंद्र सैनी, सीएमएस, जिला अस्पताल संभल