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Shahjahanpur News: महिला डॉक्टर व ग्राम पंचायत अधिकारी पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी, शाहजहाँपुर
Updated Fri, 09 May 2025 01:06 AM IST
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शाहजहांपुर। राजकीय मेडिकल कॉलेज की डॉ. अंकिता वर्मा और उनके पति कांट ब्लॉक के ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल वर्मा पर कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जलालाबाद के मोहल्ला महाजनान निवासी देवेश पाल सिंह ने नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है।
देवेश सिंह ने बताया कि वह बेरोजगार है। घर पर ही रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात अनिल वर्मा व डॉ. अंकिता वर्मा से हुई। वर्ष 2019 में दोनों ने कहा कि इस समय राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए लोगों की जरूरत है। नौकरी लगवा देंगे। बातों में आकर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए दो लाख रुपये दे दिए।
कुछ दिन बाद तीन रिश्तेदारों से भी डेढ़-डेढ़ लाख रुपये उनके साथ जाकर अनिल वर्मा के घर पर दिए। काफी समय बीतने पर दो युवकों को वार्ड बाॅय के पद पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी दिलवाई थी। सात माह काम करने पर मात्र एक-एक माह का वेतन उनके बैंक खाते में 10 अप्रैल 2020 को आया। इसके बाद कोविड-19 के लॉकडाउन के चलते उन्हें ड्यूटी पर आने से मना कर दिया गया। इसके बाद कोई काम नहीं मिला।
रुपये मांगने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल वर्मा ने बताया कि लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन लोगाें का इस मामले से कोई भी लेना-देना नहीं है। उनकी प्रतिष्ठा के कारण ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है।
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देवेश सिंह ने बताया कि वह बेरोजगार है। घर पर ही रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात अनिल वर्मा व डॉ. अंकिता वर्मा से हुई। वर्ष 2019 में दोनों ने कहा कि इस समय राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए लोगों की जरूरत है। नौकरी लगवा देंगे। बातों में आकर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए दो लाख रुपये दे दिए।
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कुछ दिन बाद तीन रिश्तेदारों से भी डेढ़-डेढ़ लाख रुपये उनके साथ जाकर अनिल वर्मा के घर पर दिए। काफी समय बीतने पर दो युवकों को वार्ड बाॅय के पद पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में नौकरी दिलवाई थी। सात माह काम करने पर मात्र एक-एक माह का वेतन उनके बैंक खाते में 10 अप्रैल 2020 को आया। इसके बाद कोविड-19 के लॉकडाउन के चलते उन्हें ड्यूटी पर आने से मना कर दिया गया। इसके बाद कोई काम नहीं मिला।
रुपये मांगने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल वर्मा ने बताया कि लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन लोगाें का इस मामले से कोई भी लेना-देना नहीं है। उनकी प्रतिष्ठा के कारण ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है।