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हुलासनगरा क्रॉसिंग से कटरा तक सुधारा लखनऊ-दिल्ली हाईवे
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मीरानपूर कटरा के हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग के निकट गड्ढ़ों में पत्थर डालकर रोड को समतल किए जाने क?
- फोटो : SHAHJAHANPUR
शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री की जनसभा के मद्देनजर लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-24) पर यातायात सामान्य बनाए रखने के लिए एनएचएआई की कार्यदायी संस्थाओं के कर्मचारी शुक्रवार को दिन भर क्षेत्र में हाईवे की दशा संवारने में जुटे रहे। उन्होंने हाईवे पर जाम का पर्याय बन चुकी हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग के आसपास दोनों ओर भारी वाहनों के दबाव से बने गड्ढों को मिट्टी और पत्थर डालकर सड़क को समतल बनाने का काम किया। लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में गंगा एक्सप्रेस-वे के साथ लखनऊ-दिल्ली हाईवे के अधूरे हिस्से का केवल उल्लेख कर दें तो भी क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण में तेजी आ जाएगी।
करीब एक दशक पहले इस हाईवे को फोरलेन बनाने का काम शुरू कराया गया था। एनएचएआई ने काम की शुरुआत नोएडा की ऐरा इंफ्रा कंस्ट्रक्शंस कंपनी से कराई थी। इस कंपनी ने कुछ समय तक काम किया, लेकिन बाद में उसके इंजीनियर और श्रमिक यहां स्थित डिपो से सारा सामान उठा ले गए। इससे कई वर्ष तक बरेली-सीतापुर के बीच 176 किमी हिस्से में फोरलेन समेत कई जगह ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने का काम अधर में लटका रहा। बाद में एनएचएआई ने आरपीएल समेत अन्य कई कंपनियों को यह काम सौंपा। तब से फोरलेन समेत कई पुलों का काम पूरा करके उन्हेें यातायात के लिए खोला जा चुका है, लेकिन हुलासनगरा क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज अभी तक नहीं बन सका।
दरअसल, क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने को मंगाए गए गार्डर तकनीकी जांच में रेलवे के अधिकारियों ने फेल कर दिए। एनएचएआई ने दोबारा गार्डर तैयार कराए, लेकिन इस झमेले में हुलासनगरा क्रासिंग पर जाम की समस्या आए दिन पैदा होने लगी। ट्रेनों के आवागमन के कारण हर दस मिनट के अंतराल पर क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर कई किमी लंबा जाम लगना आम बात हो चुकी है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से लौटने वालों को क्रॉसिंग पर जाम से नहीं जूझना पड़े, इसीलिए वहां गड्ढे भराने का काम दिन भर चला। यही नहीं, नगर में हाईवे के किनारे जहां कहीं गंदगी दिखी, वहां सफाई करने के बाद मिट्टी डालकर जेसीबी से उसे समतल किया।
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करीब एक दशक पहले इस हाईवे को फोरलेन बनाने का काम शुरू कराया गया था। एनएचएआई ने काम की शुरुआत नोएडा की ऐरा इंफ्रा कंस्ट्रक्शंस कंपनी से कराई थी। इस कंपनी ने कुछ समय तक काम किया, लेकिन बाद में उसके इंजीनियर और श्रमिक यहां स्थित डिपो से सारा सामान उठा ले गए। इससे कई वर्ष तक बरेली-सीतापुर के बीच 176 किमी हिस्से में फोरलेन समेत कई जगह ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने का काम अधर में लटका रहा। बाद में एनएचएआई ने आरपीएल समेत अन्य कई कंपनियों को यह काम सौंपा। तब से फोरलेन समेत कई पुलों का काम पूरा करके उन्हेें यातायात के लिए खोला जा चुका है, लेकिन हुलासनगरा क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज अभी तक नहीं बन सका।
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दरअसल, क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने को मंगाए गए गार्डर तकनीकी जांच में रेलवे के अधिकारियों ने फेल कर दिए। एनएचएआई ने दोबारा गार्डर तैयार कराए, लेकिन इस झमेले में हुलासनगरा क्रासिंग पर जाम की समस्या आए दिन पैदा होने लगी। ट्रेनों के आवागमन के कारण हर दस मिनट के अंतराल पर क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर कई किमी लंबा जाम लगना आम बात हो चुकी है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से लौटने वालों को क्रॉसिंग पर जाम से नहीं जूझना पड़े, इसीलिए वहां गड्ढे भराने का काम दिन भर चला। यही नहीं, नगर में हाईवे के किनारे जहां कहीं गंदगी दिखी, वहां सफाई करने के बाद मिट्टी डालकर जेसीबी से उसे समतल किया।
मोदी जी के आगमन से पूर्व नेशनल हाईवे किनारे डाले गए कूड़े को समतल कर मिट्टी से ढके जाने की हो रही त?- फोटो : SHAHJAHANPUR