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Shahjahanpur News: पराली जला रहे दो किसानों पर 20 हजार रुपये जुर्माना
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शाहजहांपुर। धान कटाई के सीजन में पराली जलाने की घटनाएं सामने आना शुरू हो गईं हैं। जिले में अब तक पराली जलाने की छह घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दो किसानों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। निगरानी भी की जा रही है।
धान कटाई के दौरान किसान पराली को खेत में जला देते हैं। इससे वातावरण में प्रदूषण फैलता है। हर साल ही घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जाते हैं। सेटेलाइट की मदद से निगरानी की जाती है। कहीं भी पराली जलाने की सूचना मिलने पर क्षेत्र में तैनात टीम मौके पर पहुंच जाती है।
जिले में अब तक पराली जलाने की छह घटनाएं हुईं हैं। इसमें से चार सदर क्षेत्र, एक जलालाबाद में और एक पुवायां में हुई है। सदर और जलालाबाद क्षेत्र में एक-एक किसान पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
जुर्माना किया गया तय
उपकृषि निदेशक पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि पराली जलाने पर अब दो एकड़ जमीन पर पांच हजार रुपये, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक जमीन होने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही विधिक कार्रवाई करते हुए बिना एसएमएस कंबाइनों के चलाने पर सीज किए जाएगा। जो कृषक पराली जलाएंगे, उनको मिलने वाले समस्त सरकारी लाभों को रोके जाने की कार्रवाई करने के निर्देश डीएम ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
पिछले तीन वर्षों में पराली जलाने की हुईं घटनाएं
वर्ष घटनाएं
2022 327
2023 132
2024 163
वर्ष 2022 में प्रदेश में शाहजहांपुर रहा था पहले स्थान पर
वर्ष 2022 में जिले में 327 पराली जलाने की घटनाएं जिले में हुईं थीं। पराली जलाने के मामले में जनपद प्रदेश में पहले नंबर पर रहा था। इससे जनपद की काफी किरकिरी हुई थी। इसके बाद से प्रशासन ने सख्ती करनी शुरू की तो पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई थी।
तहसील और ब्लॉक स्तर पर निगरानी टीमें गठित की गईं हैं। ये टीमें किसानों को पराली जलाने से रोकेंगी। पराली जलाने की घटना सामने आने पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे पराली न जलाएं। - पुरुषोत्तम कुमार मिश्रा, उप कृषि निर्देशक

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धान कटाई के दौरान किसान पराली को खेत में जला देते हैं। इससे वातावरण में प्रदूषण फैलता है। हर साल ही घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जाते हैं। सेटेलाइट की मदद से निगरानी की जाती है। कहीं भी पराली जलाने की सूचना मिलने पर क्षेत्र में तैनात टीम मौके पर पहुंच जाती है।
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जिले में अब तक पराली जलाने की छह घटनाएं हुईं हैं। इसमें से चार सदर क्षेत्र, एक जलालाबाद में और एक पुवायां में हुई है। सदर और जलालाबाद क्षेत्र में एक-एक किसान पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
जुर्माना किया गया तय
उपकृषि निदेशक पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि पराली जलाने पर अब दो एकड़ जमीन पर पांच हजार रुपये, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक जमीन होने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही विधिक कार्रवाई करते हुए बिना एसएमएस कंबाइनों के चलाने पर सीज किए जाएगा। जो कृषक पराली जलाएंगे, उनको मिलने वाले समस्त सरकारी लाभों को रोके जाने की कार्रवाई करने के निर्देश डीएम ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
पिछले तीन वर्षों में पराली जलाने की हुईं घटनाएं
वर्ष घटनाएं
2022 327
2023 132
2024 163
वर्ष 2022 में प्रदेश में शाहजहांपुर रहा था पहले स्थान पर
वर्ष 2022 में जिले में 327 पराली जलाने की घटनाएं जिले में हुईं थीं। पराली जलाने के मामले में जनपद प्रदेश में पहले नंबर पर रहा था। इससे जनपद की काफी किरकिरी हुई थी। इसके बाद से प्रशासन ने सख्ती करनी शुरू की तो पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई थी।
तहसील और ब्लॉक स्तर पर निगरानी टीमें गठित की गईं हैं। ये टीमें किसानों को पराली जलाने से रोकेंगी। पराली जलाने की घटना सामने आने पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे पराली न जलाएं। - पुरुषोत्तम कुमार मिश्रा, उप कृषि निर्देशक