शाहजहांपुर में बाढ़: खन्नौत और गर्रा नदी का बढ़ रहा जलस्तर, घरों को छोड़कर लोगों ने आश्रय स्थल में ली शरण
शाहजहांपुर में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। गर्रा व खन्नौत नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खन्नौत नदी किनारे बसे लोधीपुर के घरों में पानी घुस गया है। कई लोगों ने घर छोड़कर आश्रय स्थल में शरण ली है।

विस्तार
लगातार बारिश और बैरोजों से पानी छोड़े जाने के कारण शाहजहांपुर में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खन्नौत नदी में पानी बढ़ने से आसपास के मकान खाली कर दिए गए हैं। लोगों ने प्रशासन की ओर से बनाए गए आश्रय स्थलों में शरण ली है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है।

पिछले वर्ष जुलाई में पहले खन्नौत और बाद में गर्रा नदी में आई बाढ़ ने आधे शहर को चपेट में ले लिया था। लोगों को घरों को छोड़कर जाना पड़ा था। लोगों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। इस बार जुलाई तो सुरक्षित निकल गई लेकिन अगस्त के पहले हफ्ते में ही 280 एमएम के आसपास बारिश हो चुकी है। ऐसे में खन्नौत नदी का पानी लोधीपुर क्षेत्र में घुस गया है।
यह भी पढ़ें- बरेली में मुठभेड़: दो इनामी बदमाश गिरफ्तार, गोली लगने से घायल, बोले- लूट करते थे, अब कभी नहीं करेंगे
नदी के किनारे बने मकानों को छोड़कर लोगों ने एनटीआई में बनाए गए शरणालय में आश्रय लिया है। यहां पर प्रशासन की ओर से रहने और और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। कई परिवार नदी का पानी बढ़ने के बाद भी घरों में रुके हुए हैं। लोधीपुर स्थित एनटीआई में बने शरणालय में 10 से 12 लोग शरण ले चुके हैं।
गर्रा नदी में भी तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
गर्रा नदी में भी तेजी से जलस्तर बढ़ने लगा है। हालांकि अब भी तक गर्रा नदी का पानी मोहल्लों में नहीं पहुंचा है। पानी का बहाव काफी तेज हो गया है। गर्रा नदी में पानी बुधवार की रात में और बढ़ने की आशंका है। प्रशासन की ओर से गर्रा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है कि वे अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जा सकें। अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों को सतर्क कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- UP Floods: बदायूं में गंगा किनारे के 11 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, 14 हजार से अधिक लोग फंसे; तस्वीरें
गर्रा में 25,977 क्यूसेक पानी और छोड़ा
सिंचाई विभाग के मुताबिक, पहाड़ों पर हुई अधिक वर्षा के चलते गर्रा नदी में उत्तराखंड और पीलीभीत से 25,977 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे गर्रा नदी का जलस्तर अधिक बढ़ने की संभावनाएं है। बाढ़ की आशंका के मद्देनजर पुलिस भी प्रभावित स्थानों पर सतर्क रहेगी। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि जनपद के 13 थाना क्षेत्रों में 120 गांव-मोहल्ले चिह्नित किए गए हैं।

डीएम ने किया तटबंध का निरीक्षण
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को खन्नौत नदी के हनुमत धाम एवं गर्रा नदी के अजीजगंज तटबंध का निरीक्षण किया। डीएम ने बताया कि खन्नौत नदी में बृहस्पतिवार को तीन फुट जलस्तर बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आसपास निवास कर रहे लोग सतर्कता बरतें और अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करें।
डीएम ने मौके पर जाकर बढ़ रहे जलस्तर का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। उन्होंने राहत शिविर, बाढ़ चौकी, नाव एवं चिकित्सा सहित आदि व्यवस्थाओं की जानकारी ली। अधिकारियों से कहा कि सभी टीमें सतर्क रहें और अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करके स्थिति का जायजा लेते रहे। इस दौरान नगर आयुक्त डॉ. बिपिन कुमार मिश्र, एडीएम एफआर अरविंद कुमार, एसडीएम सदर संजय पांडेय, तहसीलदार सदर सत्येंद्र कटियार आदि मौजूद रहे।
गर्रा नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए रौसर कोठी गांव के पास अटल बिहारी वाजपेयी इंटर कॉलेज में राहत शिविर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए बुधवार को 26 सफाई कर्मचारियों की टीम ने कॉलेज परिसर में गहन सफाई अभियान चलाया।
गत वर्ष गर्रा और खन्नौत नदियों में आई बाढ़ के दौरान शहबाजपुर, बिजलापुर, दनियापुर आदि कई गांव पानी से घिरकर टापू बन गए थे। उस दौरान प्रशासन ने ग्रामीणों को मोटर बोट के जरिये गांवों से बाहर निकालकर इसी कॉलेज में ठहरने की जगह दी थी। मंगलवार को एडीएम वित्त अरविंद कुमार ने तटीय गांवों के निरीक्षण के दौरान बाढ़ से प्रभावित होने वाले परिवारों के लिए इसी कॉलेज में राहत शिविर बनाने की मंशा जाहिर की थी।
इस पर कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी संजय कुमार मिश्रा ने भी सहमति जताई थी। सफाई अभियान के दौरान पूर्व एमएलसी समेत संजीव मिश्रा, दीपक मिश्रा, मुकेश कुमार, रघुवीर आदि मौजूद रहे।
जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे पर बढ़ा गंगा का पानी
कलान क्षेत्र में भैंसार बांध पर गंगा में पिछले 48 घंटे से उफान जारी रहने के कारण जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे पर बुधवार को पानी दो फुट से बढ़कर ढाई फुट हो गया। बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर पैदल, साइकिल और बाइकों से निकल रहे हैं।
पुलिस भी ऐसे लोगों को बाढ़ के पानी में घुसने से नहीं रोक रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से मिर्जापुर क्षेत्र के ढाई, आजादनगर, इस्लामनगर, कमतरी, चितार, पैलानी उत्तरी, बांसखेड़ा, कटेला नगला आदि एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है।