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Siddharthnagar News: अव्यवस्था के बीच ठंड से कांप रहे मरीज और तीमारदार

संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर Updated Tue, 23 Dec 2025 12:01 AM IST
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Siddharthnagar News: Patients and attendants shivering in the cold amidst chaos
मेडिकल कॉलेज के नए भवन में भर्ती मरीज। संवाद
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सिद्धार्थनगर। तराई गलन और कोहरे की जद में है। घर के अंदर हो या फिर बाहर ठंड से कहीं सुकून नहीं है। सोमवार को अधिकतम 16 और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया। लगातार गिर रहे तापमान और बढ़ती गलन ने आमजन के साथ-साथ इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों और उनके तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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सुविधाओं के अभाव में कड़ाके की ठंड में लोग अव्यवस्थाओं के बीच अपनों का इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने सोमवार को जिला मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का जायजा लिया तो वहां ठंड से बचाव की बुनियादी व्यवस्थाएं नदारद नजर आईं। कड़ाके की ठंड के बीच मेडिकल कॉलेज परिसर में बचाव के इंतजाम नहीं मिले। अलाव की व्यवस्था नहीं थी और न ही कमरे को गर्म करने के लिए ब्लोअर का ही इंतजाम था, जिससे रात होते ही पूरा परिसर सर्द हवाओं की चपेट में आने से मरीज और तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ जा रही हैं। वहीं, इमरजेंसी के बाहर मामूली अलाव जलता मिला, जबकि नए भवन और महिला अस्पताल परिसर में वह भी नहीं दिखा। सोमवार को व्यवस्थाओं की हकीकत जानने की कोशिश की गई तो यह तस्वीर सामने आई।
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मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का स्थाई रैन बसेरा बना हुआ है, लेकिन वह नए भवन के पास हैं। ऐसे में तीमारदार वार्ड में भर्ती मरीजों को छोड़कर जाना मुनासिब नहीं समझते हैं। भर्ती मरीजों के तीमारदारों को मजबूरी में गैलरियों में ही रात गुजारनी पड़ रही है। खुले बरामदे और ठंडी हवा के बीच बैठकर पूरी रात जागना उनकी मजबूरी बन गई है। पुराने भवन में मरीज के साथ आए रियाज और उसका क्षेत्र के निवासी कमलेश नहीं बताया कि रात दिन एक जैसा हो गया है। रैन बसेरा दूर है, गैलरी में सोना पड़ रहा है। सर्द हवाओं से शरीर सिहर जाता है, हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।
परिसर में भी अलाव का उचित प्रबंध नहीं है, जिससे ठंड से राहत मिल सके। वहीं, कुछ वार्डों और खिड़कियों पर अस्थायी तौर पर पर्दे जरूर लगाए गए हैं, जिससे अंदर थोड़ी बहुत राहत मिल जाती है, लेकिन बाहर कदम रखते ही ठंड का असर साफ महसूस होता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर मेडिकल कॉलेज में मरीजों को लेकर आ रहे हैं तो मुकम्मल इलाज की जरूरत है।
मरीज के लिए न ही कंबल है और न ही अलाव है : भारतभारी। ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ गया है। ऐसे में सभी ठंड से बचने के उपाय तलाश कर रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेंवा का हाल देखा गया तो अव्यवस्था देखने को मिली। वहीं, सीएचसी बेंवा पर सुविधा नहीं मिल रही है।
सोमवार को डुमरियागंज क्षेत्र के बहेरिया गांव निवासी उर्मिला के स्वास्थ्य में गड़बड़ी के चलते इमरजेंसी वार्ड के एडमिट हैं। उनके परिजनों ने बताया की मरीज को कंबल नहीं दिया गया है। घर से चादर लाए हैं, उसी से काम चल रहा है। ठिठुरन भरी ठंड में हर कोई कांप रहा है। वार्डों में हीटर भी नहीं लगा है।
खिड़कियों में पर्दा न होने से हवा पास हो रही है। अस्पताल पर अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है। मरीजों के परिजन अस्पताल प्रांगण में दफ्ती व अन्य सामग्री जलाकर ठंड से निजात पाने की कोशिश कर रहे है। मरीज के साथ-साथ डाक्टरों के पास भी ठंड से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

मेडिकल कॉलेज के नए भवन में भर्ती मरीज। संवाद

मेडिकल कॉलेज के नए भवन में भर्ती मरीज। संवाद

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