{"_id":"6908fbacf283d5e8e7087155","slug":"the-devuthani-fair-concludes-with-the-coronation-of-ugrasena-sitapur-news-c-102-1-stp1003-143458-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sitapur News: उग्रसेन के राज्याभिषेक के साथ देवोत्थानी मेले का समापन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Sitapur News: उग्रसेन के राज्याभिषेक के साथ देवोत्थानी मेले का समापन
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर             
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 12:29 AM IST
        
       
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                कुतुबनगर। उग्रसेन राज्याभिषेक के मंचन के साथ कस्बे में चल रहे दो दिवसीय देवोत्थानी एकादशी मेले का सोमवार को समापन हो गया। लीला मंचन में कलाकारों के शानदार प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इसमें दिखाया गया कि उग्रसेन मथुरा के राजा थे। कंस द्वारा राजा उग्रसेन को छल से बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया जाता है।  
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
इसके बाद मंचन में दिखाया गया कि देवकी की आठवीं संतान कंस का काल होने की आकाशवाणी के बाद कंस ने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया था। दुष्ट मामा कंस को हराने के बाद श्रीकृष्ण ने न सिर्फ मथुरा को शांति प्रदान की बल्कि धर्म और न्याय की पुनर्स्थापना भी की। कंस के शासन में कैद और अपमानित किए गए महाराज उग्रसेन को उनके सिंहासन पर दोबारा आसीन किया गया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, पुष्पवृष्टि, वेद मंत्रों का उच्चारण और ब्राह्मणों द्वारा शुभाशीष के बीच श्रीकृष्ण ने महाराज उग्रसेन का राज्याभिषेक कराया।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
इस अवसर पर मथुरावासियों ने उल्लास और कृतज्ञता के साथ राजा उग्रसेन का स्वागत किया। राजा उग्रसेन ने जनता को भरोसा दिलाया कि उनका शासन धर्म, दया, न्याय और कल्याण का होगा। श्रीकृष्ण ने भी प्रण किया कि वे सदैव धर्म की रक्षा करेंगे और राष्ट्र व प्रजा के हित में कार्य करेंगे। इस मौके पर संत नीरज दास खाकी, दिनेश चंद्र गुप्ता, राजबहादुर सिंह, नैमिष गुप्ता, चंद्र किशोर शर्मा, संदीप शर्मा, गोपीनाथ गुप्ता, अनिल वर्मा, आकाश शर्मा, सूरज आदि मौजूद रहे।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                -- -- केबी मिश्रा-- --  
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                इसके बाद मंचन में दिखाया गया कि देवकी की आठवीं संतान कंस का काल होने की आकाशवाणी के बाद कंस ने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया था। दुष्ट मामा कंस को हराने के बाद श्रीकृष्ण ने न सिर्फ मथुरा को शांति प्रदान की बल्कि धर्म और न्याय की पुनर्स्थापना भी की। कंस के शासन में कैद और अपमानित किए गए महाराज उग्रसेन को उनके सिंहासन पर दोबारा आसीन किया गया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, पुष्पवृष्टि, वेद मंत्रों का उच्चारण और ब्राह्मणों द्वारा शुभाशीष के बीच श्रीकृष्ण ने महाराज उग्रसेन का राज्याभिषेक कराया।
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            इस अवसर पर मथुरावासियों ने उल्लास और कृतज्ञता के साथ राजा उग्रसेन का स्वागत किया। राजा उग्रसेन ने जनता को भरोसा दिलाया कि उनका शासन धर्म, दया, न्याय और कल्याण का होगा। श्रीकृष्ण ने भी प्रण किया कि वे सदैव धर्म की रक्षा करेंगे और राष्ट्र व प्रजा के हित में कार्य करेंगे। इस मौके पर संत नीरज दास खाकी, दिनेश चंद्र गुप्ता, राजबहादुर सिंह, नैमिष गुप्ता, चंद्र किशोर शर्मा, संदीप शर्मा, गोपीनाथ गुप्ता, अनिल वर्मा, आकाश शर्मा, सूरज आदि मौजूद रहे।