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लैंको में कोयला संकट गहराया, आधी लोड पर चल रहीं इकाइयां
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निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना अनपरा सी में दिन-प्रतिदिन कोयला संकट गहराता जा रहा है। बढ़ते कोयला संकट के कारण बिजली की बढ़ी मांग के दौर में भी परियोजना की दोनों इकाइयों को आधे लोड पर चलाया जा रहा है।
देश के बिजली घरों में व्याप्त कोयला संकट का सर्वाधिक दुष्प्रभाव प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराने वाली लैंको परियोजना पर पड़ रहा है। दो महीने से लगातार आवश्यकता से कम कोयले की आपूर्ति के कारण परियोजना में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है। अब इकाइयों का संचालन सिर्फ परियोजना को प्रतिदिन होने वाली कोयले की आपूर्ति पर निर्भर है। प्रबंधन के अनुसार हाल में परियोजना को सिर्फ एमजीआर की दो-तीन रैक ही कोयले की आपूर्ति हो पा रही है। इस प्रकार परियोजना को रोज छह हजार एमटी के करीब कोयले की आपूर्ति हो पा रही है। इसका असर इकाइयों के संचालन पर पड़ रहा है। मंगलवार को परियोजना की स्थापित क्षमता 1200 मेगावाट के सापेक्ष महज 625 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा था। प्रबंधन के अनुसार कोयले की आपूर्ति में सुधार की सतत कोशिश की जा रही है। उम्मीद है आगामी दिनों में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
अनपरा की इकाइयां फुल लोड पर
दूसरी तरफ बेतहाशा उमस के कारण मंगलवार को दिन भर प्रदेश में बिजली की मांग 21 हजार मेगावाट के आसपास बनी रही। इससे सिस्टम कंट्रोल के निर्देश पर निगम के बिजली घरों से थर्मल बैकिंग हटा ली गई। इसका असर निगम के उत्पादन पर भी देखने को मिला। मंगलवार शाम तक निगम का उत्पादन बढ़कर 4800 मेगावाट पार कर गया था।
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दूसरी तरफ बेतहाशा उमस के कारण मंगलवार को दिन भर प्रदेश में बिजली की मांग 21 हजार मेगावाट के आसपास बनी रही। इससे सिस्टम कंट्रोल के निर्देश पर निगम के बिजली घरों से थर्मल बैकिंग हटा ली गई। इसका असर निगम के उत्पादन पर भी देखने को मिला। मंगलवार शाम तक निगम का उत्पादन बढ़कर 4800 मेगावाट पार कर गया था।