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अब सीधे कोल यार्ड तक सड़क मार्ग से शुरू हुई कोयले की आपूर्ति
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अनपरा परियोजना व निगम प्रबंधन का प्रयास रंग लाया। अभूतपूर्व कोयला संकट का सामना कर रही निगम की सबसे बड़ी परियोजना के कोल यार्ड तक आखिरकार सड़क मार्ग से कोयले की आपूर्ति शुरू हो गई। अभी तक सड़क मार्ग से कोयला ककरी वारफॉल तक ही पहुंच रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की बढ़ी कीमत के मद्देनजर देश के विद्युत उत्पादक संयंत्रों के कोयले के लिए कोल इंडिया पर बढ़ती निर्भरता के कारण अचानक रेल रैक की भारी कमी उत्पन्न हो गई। परिणामस्वरूप बिजली घरों में कोयले की आपूर्ति बाधित होने से परियोजनाओं में कोयले का स्टॉक दिन-प्रतिदिन कम होता गया। प्रदेश के बिजली घर भी विकट स्थिति का सामना करने लगे। आलम यह रहा कि प्रचंड गर्मी में बिजली की बढ़ी मांग को देखते हुए जहां परियोजनाओं को अधिकाधिक उत्पादन करने का दबाव झेलना पड़ रहा था। वहीं दूसरी तरफ कोयले की समस्या बढ़ती ही जा रही थी।
उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अनपरा परियोजना में जहां दो दिन का कोयला भी शेष नहीं रह गया। वहीं निजी क्षेत्र की लैंको में तो आधे दिन का भी कोयला नहीं बचा। तमाम जतन के बाद भी रेल रैक न बढ़ने से उच्च स्तर से भी खदान के नजदीक स्थित बिजली घरों को सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए। अनपरा परियोजना प्रबंधन के अनुसार शनिवार से सीधे कोल यार्ड तक सड़क मार्ग से कोयला परिवहन शुरू हो गया है। शनिवार को पहले दिन आठ तो दूसरे दिन रविवार को 40 वाहन कोयला लेकर यार्ड तक पहुंचे। शुरू में रास्ते से परिचित न होने के कारण चालकों को यार्ड तक पहुंचने में कुछ परेशानी हो रही है मगर आगामी महीनों में स्थिति सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है।
दो नंबर गेट से हो रहा वाहनों का प्रवेश
प्रबंधन ने जाम की समस्या से बचने के लिए दो नंबर गेट के समीप स्थित शैलो गेट से कोयला लदे वाहनों को यार्ड तक ले जाने का निर्णय लिया है। मुख्य मार्ग पर अधिक देर तक वाहन खड़े न होने पाएं इसके लिए चालक गेट पर सिर्फ एनसीएल का चालान दिखाकर प्रवेश पा रहे हैं। आगे वाहनों की संख्या और बढ़ने के संभावना जताई जा रही है।
वाहनों की संख्या 200 तक करने की योजना
प्रबंधन के अनुसार कोयला परिवहन में लगे वाहनों की संख्या 200 तक करने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। कोशिश है कि सड़क मार्ग से प्रतिदिन यार्ड तक छह से आठ हजार टन कोयले की आपूर्ति हो सके। इससे रैक लोडिंग-अनलोडिंग के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी।
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उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अनपरा परियोजना में जहां दो दिन का कोयला भी शेष नहीं रह गया। वहीं निजी क्षेत्र की लैंको में तो आधे दिन का भी कोयला नहीं बचा। तमाम जतन के बाद भी रेल रैक न बढ़ने से उच्च स्तर से भी खदान के नजदीक स्थित बिजली घरों को सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए। अनपरा परियोजना प्रबंधन के अनुसार शनिवार से सीधे कोल यार्ड तक सड़क मार्ग से कोयला परिवहन शुरू हो गया है। शनिवार को पहले दिन आठ तो दूसरे दिन रविवार को 40 वाहन कोयला लेकर यार्ड तक पहुंचे। शुरू में रास्ते से परिचित न होने के कारण चालकों को यार्ड तक पहुंचने में कुछ परेशानी हो रही है मगर आगामी महीनों में स्थिति सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है।
दो नंबर गेट से हो रहा वाहनों का प्रवेश
प्रबंधन ने जाम की समस्या से बचने के लिए दो नंबर गेट के समीप स्थित शैलो गेट से कोयला लदे वाहनों को यार्ड तक ले जाने का निर्णय लिया है। मुख्य मार्ग पर अधिक देर तक वाहन खड़े न होने पाएं इसके लिए चालक गेट पर सिर्फ एनसीएल का चालान दिखाकर प्रवेश पा रहे हैं। आगे वाहनों की संख्या और बढ़ने के संभावना जताई जा रही है।
वाहनों की संख्या 200 तक करने की योजना
प्रबंधन के अनुसार कोयला परिवहन में लगे वाहनों की संख्या 200 तक करने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। कोशिश है कि सड़क मार्ग से प्रतिदिन यार्ड तक छह से आठ हजार टन कोयले की आपूर्ति हो सके। इससे रैक लोडिंग-अनलोडिंग के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी।