अनोखा अविष्कार: पिता-पुत्र ने बनाया प्रेशर से चलने वाला इंजन, ट्रेन, बस, ट्रक व ट्रैक्टर को बिजली देने का दावा
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रहने वाले पिता-पुत्र ने दावा किया है कि यह इंजन 24 घंटे तक बिजली दे सकता है। इसका नाम भार इंजन रखा गया है। इसमें 15 साल में केवल एक बार मोबिल या पानी डालना होता है।
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सोनभद्र के घोरावल ब्लॉक के लोहांडी गांव में मिस्त्री ओमप्रकाश मौर्य और उनके पुत्र सतीश मौर्य ने एक अनोखा इंजन बनाया है। यह इंजन डीजल, पेट्रोल, गैस, बैटरी या सोलर ऊर्जा की बजाय प्रेशर (भार) से चलता है।
उनके मुताबिक इस इंजन को चलाने के लिए किसी बाहरी ऊर्जा स्रोत की जरूरत नहीं होती। इसमें 15 साल में केवल एक बार मोबिल या पानी डालना होता है। इंजन से कोई प्रदूषण नहीं होता है।
उनका दावा है कि इस इंजन का उपयोग ट्रेन, बस, ट्रक और ट्रैक्टर जैसे वाहनों को 24 घंटे बिजली देने में किया जा सकता है। इस अनोखे अविष्कार को देखने के लिए आसपास के गांवों से लोग पहुंच रहे हैं।
सूचना पर पूर्व विधायक रमेश चंद्र दुबे ने भी लोहांडी गांव जाकर मशीन को देखा। आस-पास के गांव के अन्य लोग भी पिता-पुत्र के बनाए गए भार इंजन को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
ऐसे काम करेगा पंप
ओमप्रकाश मौर्य ने बताया कि इंजन को बोरिंग में लगाया गया है। इसे हैंडिल के माध्यम से चालू करना होता है। एक से दो मिनट तक हैंडिल घुमाकर इसे गति दी जाती है। इसके बाद इंजन चलने लगता है। तेज गति के माध्यम से इंजन में प्रेशर पैदा होता है, जिसके माध्यम से वह काम करने लगता है। हैंडिल के माध्यम से उसे बंद किया जाता है। बताया कि ऑटोमेटिक प्रेशर इंजन में अभी और सुधार की जरूरत है। इसके लिए बजट और संसाधन की व्यवस्था की जा रही है।