UP: नौकरी का झांसा देकर 38 युवक युवतियों से ठगी, 11 गिरफ्तार; मुंबई-बिहार-झारखंड और यूपी के हैं आरोपी
Varanasi Crime News: वाराणसी के सारनाथ थाने की पुलिस ने एक मकान में छापा मार कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। मऊ के कोपागंज के इंदारा अहीरपुरा निवासी अमरेश यादव ने सारनाथ थाने में केस दर्ज कराया था।
विस्तार
टेक्सटाइल कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 38 युवकों और युवतियों से साइबर ठगी करने के आरआरएमवी कंपनी (टेक्सटाइल) के सीएमडी समेत 11 आरोपियों को सारनाथ और साइबर क्राइम थाने की टीम ने सोमवार सुबह पहड़िया के कृष्णा नगर कॉलोनी से गिरफ्तार किया।
आरोपियों के कब्जे से 22 फर्जी डिजिटल नियुक्ति पत्र, 19 रूम मैनेजमेंट फॉर्म व 10 मोबाइल फोन मिले। कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेज दिया है। आरोपियों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। पीड़ितों से पूछताछ करके ठगी की रकम का पता लगाया जा रहा है।
पुलिस लाइन सभागार में एडीसीपी वरुणा नीतू कात्यायन ने बताया कि आरोपियों में बिहार भभुआ कैमूर के कर्मापुर निवासी और कंपनी का सीएमडी रविप्रकाश, सुल्तानपुर के पूरे मिताई अहमद निवासी अमन वर्मा, प्रयागराज के होलागढ़ कस्तूरीपुर निवासी अनुराग, प्रयागराज करछना घरवारा निवासी प्रदीप कुमार, बिहार के मुजफ्फरपुर के करजा निवासी अनीस तिवारी, मुंबई ठाणे के कल्याण वेस्ट चिकन घर निवासी आलोक श्रीवास्तव, भदोही के सूर्यामा निवासी राजू शुक्ला, बिहार के वैशाली महुआ निवासी विकास कुमार, झारखंड धनबाद के कतरासगढ़ निवासी सुहेल शेख, प्रतापगढ़ के लालगंज सरदार केपुरवा निवासी मो. अय्यूब और गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के नरेंबुजुर्ग निवासी आकाश चंद्र हैं।
फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे जाते थे
एडीसीपी ने बताया कि मऊ के कोपागंज के इंदारा अहीरपुरा निवासी अमरेश यादव ने सारनाथ थाने में केस दर्ज कराया था। आरोप था कि कि टेक्सटाइल कंपनी में नौकरी का झांसा देकर धन उगाही की जा रही है। आरआरएमवी इंस्टीट्यूट की ओर से जॉब ऑफर देकर 10 हजार नकद, ठहरने के नाम पर 2830 रुपये और फर्जी नियुक्ति देकर युवक और युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके बाद रविवार शाम सारनाथ थाना प्रभारी शिवानंद सिसौदिया और उनकी टीम, साइबर क्राइम प्रभारी मनोज कुमार तिवारी की टीम ने पहड़िया के कृष्णानगर कॉलोनी के मकान में छापा मारा। इंस्टीट्यूट में 50 लोग मिले। युवक और युवतियों ने पुलिस को बताया कि नौकरी के नाम पर आरआरएमवी की ओर से फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा जाता है।
ब्रांच पर बुलाकर पैसे ऐंठते हैं। 2850 रुपये ठहरने और खाने के लिए लेते हैं। बाकी के पैसे कपड़े बेचने के नाम पर वसूला जाता है। क्लास शुरू करने पर पता चला कि नेटवर्किंग की तरह दो लोगों को जोड़कर चेन बनाना है। आरआरएमवी के कपड़े बेचने पर कमीशन का प्रलोभन दिया जाता है।
ऐसे फंस जाते थे युवा
नियुक्ति पत्र पर आरआरएमवी का नाम नहीं होता है। नियुक्ति पत्र में टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज पता पहड़िया और गारमेंट टेक्सटाइल इंडस्ट्री पहडि़या दर्ज होता है। आरोपी वेबसाइट https://zeriatex.com बनाकर ठगी करते थे।
मुनाफा नहीं होने के कारण एप से बनाना शुरू किए फर्जी नियुक्ति पत्र : एसीपी साइबर क्राइम विद्वुष सक्सेना ने कहा कि पूछताछ में सीएमडी रविप्रकाश ने बताया कि मित्र रविंद्र के साथ मिलकर कंपनी चलाते हैं। कंपनी में मुनाफा नहीं होने की वजह से अलग-अलग एप से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर विभिन्न राज्यों के युवक, युवतियों को ऑफर देकर बुलाते हैं। जब वह जाल में फंस जाते हैं तो उन्हें कपड़े बेचने का प्रशिक्षण देते है।
आर्थिक स्थिति के अनुसार पैसे लिए जाते हैं। आरआरएमवी की शाखा पर उन्हें नेटवर्क बनाकर कपड़े बेचने का काम दिया जाता है। नियुक्ति पत्र में दिए गए डाटा गारमेंट टेक्सटाइल बिजनेस से जुड़े होते थे। ऐसे में लोग आसानी से झांसे में आ जाते थे।
24 युवक और 14 युवतियों को बनाया निशाना
सारनाथ थानाध्यक्ष शिवानंद सिसौदिया ने बताया कि साइबर रेस्क्यू के दौरान 24 युवक और 14 युवतियों समेत 38 लोगों से फ्रॉड किया गया। पीड़ितों की जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं। ठगी के शिकार बहुत से बाहरी युवक, युवतियां बिना किसी कार्रवाई के कंपनी से जा चुके हैं। वह किसी कानूनी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते थे। उनसे भी संपर्क की कोशिश की जा रही है।