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अच्छी पहल: स्वच्छ हवा की दिशा में शहरी योजना का मॉडल बनेगी काशी, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हुई बैठक
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: वाराणसी ब्यूरो
Updated Fri, 09 May 2025 01:16 PM IST
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सार
Varanasi News: रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लो एमिशन जोन की बैठक हुई। इस दौरान काशी को स्वच्छ हवा की दिशा में शहरी योजना का मॉडल बनाने की पहल की गई।

बैठक में मौजूद अधिकारी
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
राहगीरी फाउंडेशन की ओर से बृहस्पतिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वायु प्रदूषण से निपटने और शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए हितधारक परामर्श की बैठक हुई। इसका उद्देश्य शहर में लो एमिशन जोन (एलईजेड) की रणनीति बनाना और लागू करना है। स्वच्छ हवा की दिशा में सतत शहरी योजना का मॉडल काशी को बनाया जाएगा।
मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि नागरिक सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। इस तरह की परिवर्तनकारी योजना में जनता की समझ और सहयोग बहुत्त जरूरी है। वाराणसी एक प्राचीन शहर है और हम सभी को मिलकर इसे साफ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाना है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि वाराणसी सिर्फ एक शहर नहीं है। यह एक जीवित विरासत है। इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के साथ हमें वढ़ते वायु प्रदूषण से भी निपटना होगा।
इसे भी पढ़ें; वाराणसी में छह अवैध निर्माण सील: VDA ने चलाया बुलडोजर, पुलिस रही माैजूद; बिना नक्शे के बने थे मकान
फाउंडेशन के सहयोग से लहरतारा अंडर फ्लाईओवर पुनर्विकास, 50 इलेक्ट्रिक वसों का सफल संचालन और ट्र अध्ययन के जरिये हमें सही दिशा मिल रही है। एलईजेड का क्रियान्वयन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा।
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एडीजी पीयूष मोर्डिया ने कहा कि वाराणसी की संकरी गलियां और पुरानी संरचनाएं ट्रैफिक और वाहनों की भीड़ को और चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक बाहनों को बढ़ावा देना, ट्रैफिक को नियंत्रित करना और एलईजेड जैसे कार्यक्रम जरूरी हो जाते हैं। फाउंडेशन की सह-संस्थापक सारिका पांडा भट्ट ने बैठक की सफलता के वारे में बताया। कहा कि हम पायलट प्रोजेक्ट, डेटा आधारित नीतियां और मजबूत विभागीय सहयोग के जरिए वाराणसी को एलईजेड का उदाहरण बनाएंगे।
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मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि नागरिक सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। इस तरह की परिवर्तनकारी योजना में जनता की समझ और सहयोग बहुत्त जरूरी है। वाराणसी एक प्राचीन शहर है और हम सभी को मिलकर इसे साफ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाना है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि वाराणसी सिर्फ एक शहर नहीं है। यह एक जीवित विरासत है। इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के साथ हमें वढ़ते वायु प्रदूषण से भी निपटना होगा।
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एडीजी पीयूष मोर्डिया ने कहा कि वाराणसी की संकरी गलियां और पुरानी संरचनाएं ट्रैफिक और वाहनों की भीड़ को और चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक बाहनों को बढ़ावा देना, ट्रैफिक को नियंत्रित करना और एलईजेड जैसे कार्यक्रम जरूरी हो जाते हैं। फाउंडेशन की सह-संस्थापक सारिका पांडा भट्ट ने बैठक की सफलता के वारे में बताया। कहा कि हम पायलट प्रोजेक्ट, डेटा आधारित नीतियां और मजबूत विभागीय सहयोग के जरिए वाराणसी को एलईजेड का उदाहरण बनाएंगे।
एलईजेड लागू करने में कई व्यावहारिक समस्याएं
एलईजेड लागू करने में कई व्यावहारिक समस्याएं होंगी, जैसे शहर की भौगोलिक स्थिति, जनता की सहमति, वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय। फिर भी सभी पक्षों ने मिलकर समाधान खोजने का संकल्प लिया।
वायु प्रदूषण की चुनौतियों पर हुई चर्चा
गाड़ियों से निकलने वाले धुएं और सड़कों की धूल से होने वाले वायु प्रदूषण की चुनौतियों पर चर्चा की गई। जो वाराणसी की हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। वाराणसी को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में शामिल किया गया है। जिससे इसकी वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
चर्चा में एक अहम पहलू ट्र (द रियल अर्बन इमिशन) नाम की पहल रही, जो वाराणसी में वाहनों से होने वाले असली प्रदूषण का डेटा जुटा रही है। इससे मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर एलईजेड रणनीति को और प्रभावी व शहर-विशेष बनाया जा सकेगा।
वायु प्रदूषण की चुनौतियों पर हुई चर्चा
गाड़ियों से निकलने वाले धुएं और सड़कों की धूल से होने वाले वायु प्रदूषण की चुनौतियों पर चर्चा की गई। जो वाराणसी की हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। वाराणसी को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में शामिल किया गया है। जिससे इसकी वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
चर्चा में एक अहम पहलू ट्र (द रियल अर्बन इमिशन) नाम की पहल रही, जो वाराणसी में वाहनों से होने वाले असली प्रदूषण का डेटा जुटा रही है। इससे मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर एलईजेड रणनीति को और प्रभावी व शहर-विशेष बनाया जा सकेगा।