राष्ट्रीय लोक अदालत: समझौते से 2.44 लाख मुकदमे खत्म, 26 करोड़ रुपये की वसूली हुई; जिला जज ने कही ये बात
Varanasi News: वाराणसी के सिविल कोर्ट में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 35 हजार 497 मुकदमों का निस्तारण हुआ। इसके पहले आयोजित कार्यक्रम में इस अदालत का महत्व बताया गया।

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राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला जज संजीव पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिला जज ने कहा कि आपसी समझौते के आधार पर मुकदमों के निस्तारण को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्राधिकरण के सचिव विजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला अदालत के 35,497 मुकदमों का निस्तारण हुआ। एनआई एक्ट के 142 वाद और बैंकों व कम्यूनिकेशन प्रीलिटिगेशन स्तर के 9262 वाद निस्तारित किए गए। जिला प्रशासन और अन्य विभागों द्वारा एक लाख 99 हजार 371 वादों का निस्तारण हुआ। श्रम विभाग के 33 और अन्य प्रकार के 235 वाद निस्तारित किए गए।
केस-1: मुकदमेबाजी भूल कर साथ रहने को हुए तैयार
जैतपुरा क्षेत्र की एक युवती और मीरघाट निवासी पति के बीच 2020 से भरण-पोषण के संबंध में मुकदमेबाजी चल रही थी। शनिवार को परिवार न्यायालय में दोनों ने आपसी समझौते के आधार पर मुकदमे का निस्तारण कराया। तय हुआ कि पति-पत्नी आपसी विवाद और मुकदमेबाजी को भूल कर अब एक साथ रहेंगे।
इसी तरह से पहड़िया क्षेत्र निवासी एक दंपती के बीच 2013 से तलाक के लिए मुकदमेबाजी चल रही थी। परिवार न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष दंपती ने आपसी सहमति से मुकदमेबाजी खत्म कर एक साथ रहने की बात कही। इस तरह से 12 जोड़े मुकदमेबाजी खत्म कर लोक अदालत में साथ रहने को तैयार हुए।
केस-2: 45 लाख रुपये का भुगतान कर केस खत्म कराया
शिवपुर निवासी प्रशांत सिंह ने एलएंडटी फाइनेंस कंपनी से 2022 में 45 लाख रुपये का व्यावसायिक लोन लिया था। लोन लेकर प्रशांत ने ट्रैक्टर एजेंसी खोली थी। मगर, उनकी ट्रैक्टर एजेंसी बंद हो गई और उन्होंने लोन भी नहीं चुकाया। इस पर फाइनेंस कंपनी ने कॉमर्शियल कोर्ट में वाद दाखिल किया था। लोक अदालत में प्रशांत सिंह ने 45 लाख रुपये का भुगतान कर मुकदमा खत्म कराया।
आंख की जांच हुई, बिके कैदियों के उत्पाद
राष्ट्रीय लोक अदालत में महमूरगंज के आरके नेत्रालय की ओर से आंख की जांच और दवा वितरण के लिए शिविर लगाया गया था। शिविर में वादकारियों ने आंख की जांच कराई। केंद्रीय कारागार के कैदियों द्वारा बनाए गए लकड़ी के खिलौने, दरी, गमछा, अचार, ब्रेड व बिस्किट का स्टॉल लगाया गया था। रामनगर के बाल संप्रेक्षण गृह, बालक बाल गृह, आफ्टर केयर होम के बच्चों के आर्ट क्राफ्ट और बैग को खरीदने के लिए भी वादकारी भीड़ लगाए रहे।