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Chamoli News: एस्ट्रोवीक में बर्ड वॉचिंग का रोमांच, 30 से अधिक प्रजातियां दिखीं
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Sun, 23 Nov 2025 07:14 PM IST
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फोटो
पर्यटक बोले- बेनीताल पहाड़ में अर्थव्यवस्था, रोजगार और रिवर्स पलायन का बन सकता है मजबूत मॉडल
संवाद न्यूज एजेंसी
कर्णप्रयाग। एस्ट्रोविलेज बेनीताल में आयोजित एस्ट्रोवीक-3 के तीसरे दिन पर्यटकों ने क्षेत्र की 30 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों को करीब से देखा। साथ ही विशेषज्ञों ने इनके बारे में पर्यटकों को जानकारी दी। यहां पहुंचे पर्यटकों ने कहा कि बेनीताल पहाड़ी क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था, स्थानीय रोजगार और रिवर्स पलायन का एक मजबूत मॉडल बन सकता है। आयोजकों ने यहां पहुंचे पर्यटकों को प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न इलाकों से 30 से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे हैं। रविवार को पर्यटकों ने यहां विभिन्न तरह की पक्षियों की प्रजातियों को नजदीकी से देखा जिसमें हिमालयन बुलबुल, कोल टिट, हिमालयी गिद्व, फिंच आदि पक्षियां शामिल थीं। साथ ही यहां डार्क स्काई टूरिज्म, बर्डिंग और नेचर टूरिज्म, ट्रेकिंग और मेडो एक्सपीरियंस और लैंडस्केप और एस्ट्रो फोटोग्राफी सत्र भी हुआ। पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि एस्ट्रोवीक-3 में आए लोग विभिन्न खगोलीय गतिविधियों सहित अन्य कार्यक्रमों को देखकर रोमांचित हैं। पर्यटक जुगल भराली ने बताया कि बेनीताल एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। निश्चित ही यहां पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। लैंडस्केप फोटोग्राफी मेंटर शाहिद हाशमी ने कहा कि यहां बर्फीले पहाड़, घास के मैदान और गांव की जीवन धारा हर फ्रेम में झलकती है। एस्ट्रोग्राफर और मेंटर अजय तलवार ने बताया कि बेनीताल जैसे स्थान दुर्लभ हैं। यहां आकाश स्वयं एक कक्षा है। हर फ्रेम सीख, रोजगार और प्रेरणा तीनों देता है। इस मौके पर प्रकृति प्रेमी प्रवीण भनोट, कैप्टन अनिल सिंगरू, कमलेश कांडपाल, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता चंद्रेशखर चौहान, कर्नल रवि झल्डियाल, डॉ अमिताभ थपलियाल आदि मौजूद रहे।
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पर्यटक बोले- बेनीताल पहाड़ में अर्थव्यवस्था, रोजगार और रिवर्स पलायन का बन सकता है मजबूत मॉडल
संवाद न्यूज एजेंसी
कर्णप्रयाग। एस्ट्रोविलेज बेनीताल में आयोजित एस्ट्रोवीक-3 के तीसरे दिन पर्यटकों ने क्षेत्र की 30 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों को करीब से देखा। साथ ही विशेषज्ञों ने इनके बारे में पर्यटकों को जानकारी दी। यहां पहुंचे पर्यटकों ने कहा कि बेनीताल पहाड़ी क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था, स्थानीय रोजगार और रिवर्स पलायन का एक मजबूत मॉडल बन सकता है। आयोजकों ने यहां पहुंचे पर्यटकों को प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न इलाकों से 30 से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे हैं। रविवार को पर्यटकों ने यहां विभिन्न तरह की पक्षियों की प्रजातियों को नजदीकी से देखा जिसमें हिमालयन बुलबुल, कोल टिट, हिमालयी गिद्व, फिंच आदि पक्षियां शामिल थीं। साथ ही यहां डार्क स्काई टूरिज्म, बर्डिंग और नेचर टूरिज्म, ट्रेकिंग और मेडो एक्सपीरियंस और लैंडस्केप और एस्ट्रो फोटोग्राफी सत्र भी हुआ। पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि एस्ट्रोवीक-3 में आए लोग विभिन्न खगोलीय गतिविधियों सहित अन्य कार्यक्रमों को देखकर रोमांचित हैं। पर्यटक जुगल भराली ने बताया कि बेनीताल एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। निश्चित ही यहां पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। लैंडस्केप फोटोग्राफी मेंटर शाहिद हाशमी ने कहा कि यहां बर्फीले पहाड़, घास के मैदान और गांव की जीवन धारा हर फ्रेम में झलकती है। एस्ट्रोग्राफर और मेंटर अजय तलवार ने बताया कि बेनीताल जैसे स्थान दुर्लभ हैं। यहां आकाश स्वयं एक कक्षा है। हर फ्रेम सीख, रोजगार और प्रेरणा तीनों देता है। इस मौके पर प्रकृति प्रेमी प्रवीण भनोट, कैप्टन अनिल सिंगरू, कमलेश कांडपाल, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता चंद्रेशखर चौहान, कर्नल रवि झल्डियाल, डॉ अमिताभ थपलियाल आदि मौजूद रहे।
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