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Haridwar News: नेपाल में मोबाइल एसेसरीज-दीये बेचने की आड़ में घूमकर ढूंढते थे ग्राहक
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रानीपुर पुलिस के हत्थे चढ़े दोपहिया वाहन चोर बेहद शातिर हैं। आरोपी सुमित चौहान ने तीन साल तक नेपाल में मोबाइल एसेसरीज की दुकान चलाई है जबकि अजीजुर्रहमान उर्फ रहमान मलिक फेरी कर दीये बेचता था। दोनों भारत से वाहन चोरी कर नेपाल लेकर जाते थे और काम करने की आड़ में वाहनों को बेचने के लिए ग्राहक ढूंढते थे। नेपाल में बुलेट बाइक की डिमांड ज्यादा है और वहां बुलेट के लाखों रुपये मिल जाते हैं। दोनों अब तक 100 से ज्यादा वाहनों पर हाथ साफ कर चुके हैं। पुलिस की पांच घंटे से अधिक की पूछताछ में दोनों ने ये बातें कबूल की है।
रानीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शांति कुमार गंगवार के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि 2010 से वह लगातार दोपहिया वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में वाहन चोरी की वारदात करते रहे हैं। सुमित ने वाहन चोरी के साथ-साथ नेपाल में मोबाइल एसेसरीज की दुकान खोली हुई थी। वह दिल्ली की गफ्फार मार्केट से सामान खरीदकर वहां बेचता था। अजीजुर्रहमान उर्फ रहमान मलिक वहां दीये बेचता था। ये काम केवल पुलिस की नजरों में दिखाने के लिए था जबकि इसकी आड़ में दोनों चोरी के वाहन बेचने के लिए ग्राहक ढूंढते थे। चोरी की बाइकें नेपाल सीमा के पास छिपा देते थे। डिमांड मिलने पर जंगल वाले रास्तों से नेपाल में ले जाकर बेच देते थे।
एसपी सिटी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि नेपाल में बुलेट बाइक का प्रोडक्शन नहीं होता लेकिन फिर भी वहां इसक बाइक की ज्यादा मांग है। इसलिए यहां से चोरी हुई बुलेट की वहां अच्छी खासी रकम मिल जाती थी। आरोपी काफी वाहन पहले भी वहां बेच चुके हैं। दो बुलेट भी चोरी कर बेचने के लिए सीमा तक पहुंचा चुके थे।
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नेपाल की महिला से ही की है शादी
पुलिस के मुताबिक सुमित चौहान ने नेपाल में रहने के दौरान वहां की ही महिला से शादी भी कर ली थी। वह पिछले तीन साल से वहां लगातार दुकान चलाता रहा और एक महिला से संपर्क बढ़ने के बाद विवाह रचा लिया।
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एक पर 17 तो दूसरे पर 15 केस की बात कबूली
पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास होने की जानकारी भी दी है। सुमित पर 17 और अजीजुर्रहमान पर 15 मुकदमे दर्ज बताए गए हैं। प्रारंभिक जांच में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज होने की बात सामने आई है। इंस्पेक्टर शांति कुमार गंगवार ने बताया कि आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है। अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क साधकर मुकदमों की जानकारी जुटाई जा रही है।
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गिरोह सबको मिला था अलग-अलग काम
इंस्पेक्टर शांति कुमार गंगवार ने बताया कि गिरोह में शामिल आरोपी वाहन चोरी करने के बाद एक ठिकाने तक पहुंचाते थे। फिर वहां से आगे सीमा तक दूसरे व्यक्ति ले जाते थे। फिर जंगलों के रास्ते नेपाल तक पहुंचाने का काम किया जाता था। दोनों आरोपी शुरुआत में खुद ग्राहक ढूंढते थे। मगर बाद में उन्हें नेपाल में एक बड़ा खरीदार मिला जो वाहनों को खरीदने के बाद आगे बेचता था। स्प्लेंडर बाइक पहुंचाने पर 15 हजार तो बुलेट पर 30 हजार रुपये मिलते थे।
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रानीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शांति कुमार गंगवार के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि 2010 से वह लगातार दोपहिया वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में वाहन चोरी की वारदात करते रहे हैं। सुमित ने वाहन चोरी के साथ-साथ नेपाल में मोबाइल एसेसरीज की दुकान खोली हुई थी। वह दिल्ली की गफ्फार मार्केट से सामान खरीदकर वहां बेचता था। अजीजुर्रहमान उर्फ रहमान मलिक वहां दीये बेचता था। ये काम केवल पुलिस की नजरों में दिखाने के लिए था जबकि इसकी आड़ में दोनों चोरी के वाहन बेचने के लिए ग्राहक ढूंढते थे। चोरी की बाइकें नेपाल सीमा के पास छिपा देते थे। डिमांड मिलने पर जंगल वाले रास्तों से नेपाल में ले जाकर बेच देते थे।
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एसपी सिटी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि नेपाल में बुलेट बाइक का प्रोडक्शन नहीं होता लेकिन फिर भी वहां इसक बाइक की ज्यादा मांग है। इसलिए यहां से चोरी हुई बुलेट की वहां अच्छी खासी रकम मिल जाती थी। आरोपी काफी वाहन पहले भी वहां बेच चुके हैं। दो बुलेट भी चोरी कर बेचने के लिए सीमा तक पहुंचा चुके थे।
नेपाल की महिला से ही की है शादी
पुलिस के मुताबिक सुमित चौहान ने नेपाल में रहने के दौरान वहां की ही महिला से शादी भी कर ली थी। वह पिछले तीन साल से वहां लगातार दुकान चलाता रहा और एक महिला से संपर्क बढ़ने के बाद विवाह रचा लिया।
एक पर 17 तो दूसरे पर 15 केस की बात कबूली
पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास होने की जानकारी भी दी है। सुमित पर 17 और अजीजुर्रहमान पर 15 मुकदमे दर्ज बताए गए हैं। प्रारंभिक जांच में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज होने की बात सामने आई है। इंस्पेक्टर शांति कुमार गंगवार ने बताया कि आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है। अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क साधकर मुकदमों की जानकारी जुटाई जा रही है।
गिरोह सबको मिला था अलग-अलग काम
इंस्पेक्टर शांति कुमार गंगवार ने बताया कि गिरोह में शामिल आरोपी वाहन चोरी करने के बाद एक ठिकाने तक पहुंचाते थे। फिर वहां से आगे सीमा तक दूसरे व्यक्ति ले जाते थे। फिर जंगलों के रास्ते नेपाल तक पहुंचाने का काम किया जाता था। दोनों आरोपी शुरुआत में खुद ग्राहक ढूंढते थे। मगर बाद में उन्हें नेपाल में एक बड़ा खरीदार मिला जो वाहनों को खरीदने के बाद आगे बेचता था। स्प्लेंडर बाइक पहुंचाने पर 15 हजार तो बुलेट पर 30 हजार रुपये मिलते थे।