uttarakhand News: सिडकुलकर्मी से हुई 10 लाख की ठगी, घर बनाने के लिए बैंक से लिया था लोन
हल्द्वानी में सिडकुल के फैक्टरी कर्मी पंकज कुमार ने घर बनाने के लिए बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लिया था। साइबर ठगों ने उसे आरटीओ चालान संबंधी लिंक भेजा। इसे खोलते ही आरोपियों ने उसका मोबाइल क्लोन किया और दो बार में यह रकम पार कर ली।
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हल्द्वानी में सिडकुल के फैक्टरी कर्मी पंकज कुमार ने घर बनाने के लिए बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लिया था। साइबर ठगों ने उसे आरटीओ चालान संबंधी लिंक भेजा। इसे खोलते ही आरोपियों ने उसका मोबाइल क्लोन किया और दो बार में यह रकम पार कर ली। एएसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
पंकज कुमार निवासी शिवाशीष काॅलोनी रामपुर रोड ने पुलिस को सौंपी तहरीर में कहा है कि उसके मोबाइल पर 16 नवंबर को आरटीओ चालान संबंधी मैसेज आया। इसमें एक लिंक दिया गया था। जब उस लिंक को खोला गया तो उसके फोन पर सेव नंबरों पर यह मैसेज खुदबखुद चला गया और फोन बंद हो गया।
बाद में फोन खोला तो उसमें सब ठीक था लेकिन शाम को दो बार में पांच-पांख रुपये डेबिट होने का मैसेज आया। उसने इस संबंध में बैंक में संपर्क किया तो जिस खाते में रुपये गए थे उसकी जानकारी दी गई।
हेल्पलाइन नंबर पर नहीं मिला रिस्पांस
पंकज के अनुसार ठगी का पता चलने पर 1930 में दो बार कॉल किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई। इसके बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई। बाद में उसने एचडीएफसी बैंक की शहर शाखा में भी संपर्क किया। पंकज के अनुसार उसने यह रकम होम लोन के तौर पर ली थी जिसे साइबर ठगों ने उड़ा लिया। उसने पुलिस से रकम बरामद करने की मांग की है।
न खोलें एपीके फाइल
साइबर ठगों ने नया तरीका अपना लिया है। वे अब एपीके फाइल भेजकर लोगों को लुभा रहे हैं। यदि मोबाइल पर एपीके फाइल आए तो इसे न खोलें। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरटीओ का चालान होने पर फोन पर एसएमएस भेजा जाता था, इसके अतिरिक्त और कोई व्यवस्था नहीं है।
साइबर ठगी के इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जिस खाते में रुपये ट्रांसफर हुए है उसकी जानकारी जुटाई जा रहा है। - मनोज कत्याल, अपर पुलिस अधीक्षक

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