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Nainital News: सेक्शन के हिसाब से स्कूलों में बच्चों को अच्छी और कमजोर श्रेणी में नहीं बांटा जाएगा

संवाद न्यूज एजेंसी, नैनीताल Updated Sat, 20 Dec 2025 02:18 AM IST
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There will be no division of children into good and weak categories in schools based on their sections.
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हल्द्वानी। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, पॉलीटेक्निक और मेडिकल कॉलेज समेत सभी शैक्षणिक संस्थाएं जहां छात्र संख्या सौ है, वहां काउंसर रखना अब अनिवार्य हो गया है। आवासीय संस्थाओं में आत्महत्या को प्रेरित करने वाली चीजों को अब नहीं रखा जाएगा। यही नहीं, स्कूलों में सेक्शन के हिसाब से बच्चों को अच्छी और कमजोर श्रेणी में बांटना आदेश के खिलाफ माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में भी यह नियम लागू हो गया है। देश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान आत्महत्या करने के मामले सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 बिंदुओं के साथ निर्देश जारी किए थे. जिसमें हर राज्य को प्राइवेट कोचिंग सेंटर के लिए नियमावली बनाने के लिए भी कहा गया था।
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नैनीताल जिले में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए डीएम की ओर से आठ सदस्यीय नियंत्रण समिति का गठन कर लिया गया है। मुख्य शिक्षाधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। कमेटी में एसएसपी, सीएमओ, उच्च शिक्षा निदेशालय से नामित अधिकारी मनोवैज्ञानिक प्रो. रश्मि पंत, समाज कल्याण विभाग से नामित हरमन माइनर स्कूल के प्रधानाचार्य महिमा भट्ट, रजिस्ट्रार कुमाऊं विश्वविद्यालय और जिला प्रोबेशन अधिकारी शामिल हैं।
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इन बिंदुओं के साथ लागू होंगे नियम
कमेटी की प्रत्येक तीन महीने में बैठक होगी। बीते दिन पहली बैठक में 15 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया जिसमें 100 से ज्यादा संख्या होने पर काउंसलरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कोचिंग संस्थानों के बच्चों के लिए सीएमओ स्तर से काउंसलर रखे जाएंगे। केंद्र की मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित उपयोगी जानकारी बच्चों को बताई जाएगी। टीचिंग और गैर टीचिंग स्टाफ को स्कूल की ओर से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विकलांग और पिछड़े वर्ग के बच्चों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में बच्चों की समस्याओं के निवारण के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा जिसमें शिकायत बॉक्स शौचालयों में भी रखा जाएगा ताकि कोई भी विद्यार्थी खासकर लड़कियां अपनी शिकायत बगैर नाम के उसमें डाल सकेंगी। हर स्कूल में अभिभावक और टीचर के संवेदनीकरण के लिए कार्यशाला होगी। सभी संस्थान अपने यहां का रिकार्ड बगैर बच्चे के नाम का तैयार करेंगे। शैक्षणिक संस्थानों में अतिरिक्त एक्टिीविटी होंगी। करियर काउंसलिंग को प्राथमिकता दी जाएगी। बच्चों में आत्मविश्वास जगाने के लिए हॉस्टल ऑनर को ट्रेनिंग दी जाएगी।

सभी शिक्षण संस्थाओं में काउंसलर रखना अब अनिवार्य हो गया है। डीएम के निर्देश पर बनी कमेटी की प्रत्येक तीन महीने में बैठक होगी। बीते दिन पहली बैठक में 15 बिंदुओं पर निर्णय ले लिया गया है। नियमों का पूरी तरह पालन करने के लिए सभी को पत्र भेजा जा रहा है।
- गोविंद राम जायसवाल, सीईओ नैनीताल
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