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Pauri News: लिलियम ने दिखाई राह, अब गुलदाउदी, ग्लेडियोलस व गुलबहार से महकेगा पौड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, पौड़ी
Updated Tue, 18 Nov 2025 07:13 PM IST
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- दिसंबर माह से मृदा परीक्षण के बाद खेती शुरू होगी
लिलियम ने दिखाई राह, अब गुलदाउदी, ग्लेडियोलस व गुलबहार से महकेगा पौड़ी
फोटो
मुकेश चंद्र आर्य
पौड़ी। योजना सफल हुई तो आने वाले दिनों में पौड़ी जनपद को गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार जैसे फूलों की व्यावसायिक खेती के हब के रूप में भी जाना जाएगा। लिलियम की व्यावसायिक खेती की सफलता के बाद अब ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) और उद्यान विभाग ने ब्लॉक में इन फूलों की व्यावसायिक खेती के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। दिसंबर माह से मृदा परीक्षण के बाद खेती शुरू होगी। लिलियम की व्यावसायिक खेती कर मातृशक्ति फेडरेशन ने 9.45 लाख की वार्षिक आय प्राप्त की। इसी तर्ज पर गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार की भी खेती की जाएगी। बताया कि त्योहारी सीजन में गुलदाउदी का दस कली का गुलदस्ता 1500 रुपये तक बाजार में बिकता है। महिलाओं को हल्द्वानी में फूलों की खेती का व्यावसायिक व तकनीकी प्रशिक्षण, ग्रेडिंग, पैकेजिंग आदि की जानकारियां दी गई।
जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में रीप और उद्यान विभाग ने बंजर खेतों को फूलों की धरती बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। रीप के परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट ने बताया कि गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार फूलों की व्यावसायिक खेती के गुर सीखने के लिए समूहों के 10 सदस्यीय दल को एशिया की सबसे बड़ी फूलाें की मंडी गाजीपुर दिल्ली का भ्रमण कर मार्केटिंग, पैकेजिंग व ग्रेडिंग आदि की जानकारियां दी गई। मातृशक्ति स्वायत्त सहकारिता के अंतर्गत नौ गांवों के 54 स्वयं सहायता समूहों की 312 महिलाएं लिलियम की खेती के साथ अब अन्य फूलों का भी व्यावसायिक उत्पादन करेंगी।
बंजर खेतों में होगी बैमौसमी सब्जियां
- खेती के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र माने जाने वाले कोट ब्लॉक के बंजर खेतों में अब फूलों के साथ ही बेमौसमी सब्जियों का भी व्यावसायिक उत्पादन होगा। विभागों की ओर से ब्लॉक में 22 अनुदान आधारित पॉलीहाउस, सिचाईं के टैंक और घेरबाड़ आदि कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। विभाग ने 25 से 30 नाली भूमि पर पहले इस प्रकार के व्यावसायिक कार्य को शुरू करने का प्रोजेक्ट तैयार किया है।
क्या कहते हैं अफसर
- कोट ब्लॉक को फ्लोरिकल्चर व बेमौसमी सब्जी उत्पादन के हब के रूप में विकसित करने के लिए मौसम आधारित फूलों की खेती जल्द शुरू होगी। इसमें रीप, उद्यान व कृषि आदि विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। - गिरीश गुणवंत, मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी।
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फोटो
मुकेश चंद्र आर्य
पौड़ी। योजना सफल हुई तो आने वाले दिनों में पौड़ी जनपद को गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार जैसे फूलों की व्यावसायिक खेती के हब के रूप में भी जाना जाएगा। लिलियम की व्यावसायिक खेती की सफलता के बाद अब ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) और उद्यान विभाग ने ब्लॉक में इन फूलों की व्यावसायिक खेती के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। दिसंबर माह से मृदा परीक्षण के बाद खेती शुरू होगी। लिलियम की व्यावसायिक खेती कर मातृशक्ति फेडरेशन ने 9.45 लाख की वार्षिक आय प्राप्त की। इसी तर्ज पर गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार की भी खेती की जाएगी। बताया कि त्योहारी सीजन में गुलदाउदी का दस कली का गुलदस्ता 1500 रुपये तक बाजार में बिकता है। महिलाओं को हल्द्वानी में फूलों की खेती का व्यावसायिक व तकनीकी प्रशिक्षण, ग्रेडिंग, पैकेजिंग आदि की जानकारियां दी गई।
जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में रीप और उद्यान विभाग ने बंजर खेतों को फूलों की धरती बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। रीप के परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट ने बताया कि गुलदाउदी, ग्लेडियोलस और गुलबहार फूलों की व्यावसायिक खेती के गुर सीखने के लिए समूहों के 10 सदस्यीय दल को एशिया की सबसे बड़ी फूलाें की मंडी गाजीपुर दिल्ली का भ्रमण कर मार्केटिंग, पैकेजिंग व ग्रेडिंग आदि की जानकारियां दी गई। मातृशक्ति स्वायत्त सहकारिता के अंतर्गत नौ गांवों के 54 स्वयं सहायता समूहों की 312 महिलाएं लिलियम की खेती के साथ अब अन्य फूलों का भी व्यावसायिक उत्पादन करेंगी।
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बंजर खेतों में होगी बैमौसमी सब्जियां
- खेती के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र माने जाने वाले कोट ब्लॉक के बंजर खेतों में अब फूलों के साथ ही बेमौसमी सब्जियों का भी व्यावसायिक उत्पादन होगा। विभागों की ओर से ब्लॉक में 22 अनुदान आधारित पॉलीहाउस, सिचाईं के टैंक और घेरबाड़ आदि कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। विभाग ने 25 से 30 नाली भूमि पर पहले इस प्रकार के व्यावसायिक कार्य को शुरू करने का प्रोजेक्ट तैयार किया है।
क्या कहते हैं अफसर
- कोट ब्लॉक को फ्लोरिकल्चर व बेमौसमी सब्जी उत्पादन के हब के रूप में विकसित करने के लिए मौसम आधारित फूलों की खेती जल्द शुरू होगी। इसमें रीप, उद्यान व कृषि आदि विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। - गिरीश गुणवंत, मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी।