{"_id":"692894b619b443fc720a222b","slug":"beautification-of-the-ancient-kotli-vishnu-temple-opens-new-doors-for-tourism-pithoragarh-news-c-230-1-alm1001-135250-2025-11-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pithoragarh News: पौराणिक कोटली विष्णु मंदिर का सौंदर्यीकरण होने पर खुलते पर्यटन के नए द्वार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Pithoragarh News: पौराणिक कोटली विष्णु मंदिर का सौंदर्यीकरण होने पर खुलते पर्यटन के नए द्वार
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:43 PM IST
विज्ञापन
बनकोट स्थित कोटली विष्णु मंदिर में स्थापित मूर्ति। संवाद
विज्ञापन
गणाईगंगोली (पिथौरागढ़)। प्राचीन इतिहास समेटे तहसील के बनकोट कस्बे के पास पौराणिक विष्णु मंदिर को सौंदर्यीकरण की दरकार है। कोटली में नौवीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों की ओर से बनाए गए विष्णु मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यदि इस मंदिर का सौंदर्यीकरण होता तो इससे सीमांत जिले में धार्मिक पर्यटन के नए द्वार खुलते।
कोटली का ऐतिहासिक विष्णु मंदिर उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण और बलराम की स्वतंत्र दुर्लभ मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर के चारों ओर सात अन्य छोटे-छोटे देवालय हैं। मुख्य मंदिर के चारों ओर कोर्णिक भाग में लघु देव कुलिकाओं का निर्माण किया गया है। इन मंदिरों का निर्माण विभिन्न चरणों में किया गया है। केंद्र में भगवान विष्णु के मंदिर के चारों ओर सात अन्य लघु मंदिर निर्मित हैं। आठ मंदिरों के समूह में यह मुख्य मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। फंसाणा शैली में धूसर रंग के बलुए पत्थर से निर्मित मुख्य मंदिर पश्चिमाभिमुखी है। मंदिर वेदीबंध, जंघा एक्स आयताकार छत एवं शिखर पर आमलक के साथ निर्मित है।
मंदिर की वाह्य दीवारें सादी और अलंकरण विहीन हैं। गर्भगृह में विष्णु प्रतिमा के साथ शेषशायी विष्णु और गणेश की प्रतिमाएं भी हैं। अन्य छोटे मंदिर भी बलुए पत्थर से बने हैं जिनका गर्भगृह वर्गाकार है। इन मंदिरों में महिषासुरमर्दिनी, गंगा, यमुना, बाराह, बलराम आदि की प्रतिमाएं विद्यमान हैं। इस ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर तो घोषित किया गया लेकिन इसके सौंदर्यीकरण के प्रयास अब तक नहीं हुए। संवाद
पर्यटन की दृष्टि से हैं महत्वपूर्ण
जिला पंचायत सदस्य राजेश कुमार, बनकोट के प्रधान रोहित बनकोटी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कृष्ण अवतार सिंह बनकोटी का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से कोटली विष्णु मंदिर काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाना जरूरी है। अभिनेश बनकोटी ने बताया कि मंदिर के सौंदर्यीकरण और अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने को लेकर वह पूर्व में पर्यटन मंत्री से मिले हैं। मंत्री ने सौंदर्यीकरण का भरोसा दिलाया है। कहा यदि इस मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ यहां सुविधाओं का विस्तार होता तो धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण साबित होता। क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होते।
Trending Videos
कोटली का ऐतिहासिक विष्णु मंदिर उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण और बलराम की स्वतंत्र दुर्लभ मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर के चारों ओर सात अन्य छोटे-छोटे देवालय हैं। मुख्य मंदिर के चारों ओर कोर्णिक भाग में लघु देव कुलिकाओं का निर्माण किया गया है। इन मंदिरों का निर्माण विभिन्न चरणों में किया गया है। केंद्र में भगवान विष्णु के मंदिर के चारों ओर सात अन्य लघु मंदिर निर्मित हैं। आठ मंदिरों के समूह में यह मुख्य मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। फंसाणा शैली में धूसर रंग के बलुए पत्थर से निर्मित मुख्य मंदिर पश्चिमाभिमुखी है। मंदिर वेदीबंध, जंघा एक्स आयताकार छत एवं शिखर पर आमलक के साथ निर्मित है।
विज्ञापन
विज्ञापन
मंदिर की वाह्य दीवारें सादी और अलंकरण विहीन हैं। गर्भगृह में विष्णु प्रतिमा के साथ शेषशायी विष्णु और गणेश की प्रतिमाएं भी हैं। अन्य छोटे मंदिर भी बलुए पत्थर से बने हैं जिनका गर्भगृह वर्गाकार है। इन मंदिरों में महिषासुरमर्दिनी, गंगा, यमुना, बाराह, बलराम आदि की प्रतिमाएं विद्यमान हैं। इस ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर तो घोषित किया गया लेकिन इसके सौंदर्यीकरण के प्रयास अब तक नहीं हुए। संवाद
पर्यटन की दृष्टि से हैं महत्वपूर्ण
जिला पंचायत सदस्य राजेश कुमार, बनकोट के प्रधान रोहित बनकोटी, क्षेत्र पंचायत सदस्य कृष्ण अवतार सिंह बनकोटी का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से कोटली विष्णु मंदिर काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाना जरूरी है। अभिनेश बनकोटी ने बताया कि मंदिर के सौंदर्यीकरण और अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने को लेकर वह पूर्व में पर्यटन मंत्री से मिले हैं। मंत्री ने सौंदर्यीकरण का भरोसा दिलाया है। कहा यदि इस मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ यहां सुविधाओं का विस्तार होता तो धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण साबित होता। क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होते।