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Pithoragarh News: 1971 के युद्ध में शामिल पूर्व कर्नल शेर सिंह खाती का निधन
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sun, 07 Dec 2025 11:30 PM IST
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पूर्व कर्नल शेर सिंह खाती (फाइल फोटो)
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पिथौरागढ़ । 1971 के युद्ध में शामिल गंगोलीहाट के चौली गांव और वर्तमान में पांडेगांव, पिथौरागढ़ निवासी शेर सिंह खाती (83) का दिल्ली में इलाज के दौरान चार दिसंबर को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया। पुत्र शौर्य चक्र विजेता कर्नल चंद्रप्रकाश खाती ने चिता को मुखाग्नि दी।
शेर सिंह खाती का जन्म तीन अप्रैल 1942 को सूबेदार मेजर खुशाल सिंह खाती के घर हुआ। स्नातक के बाद वह सेना में कमीशन से 12 जनवरी 1967 को आर्म कॉप्स ऑफ सिग्नल्स में बतौर अधिकारी शामिल हुए। कमांड तीन डिविजन सिग्नल रेजिमेंट में सेवा के दौरान वह 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल हुए। उन्होंने 28 साल तक सेना में विभिन्न पदों पर सेवा की। 30 अप्रैल 1994 को वह सेना से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए।
खाती भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों के हितों के लिए अनेक कार्य किए। पूर्व पालिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती ने बताया कि एक माह पूर्व सांस लेने की दिक्कत होने पर उन्हें पिथौरागढ़ स्थित सेना अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजन उन्हें दिल्ली ले गए, जहां निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व कर्नल करम सिंह बिष्ट, जिपं अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, पूर्व विधायक चंद्रा पंत, भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, दायित्वधारी गणेश भंडारी समेत कई लोगों ने शोक जताया है। संवाद
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शेर सिंह खाती का जन्म तीन अप्रैल 1942 को सूबेदार मेजर खुशाल सिंह खाती के घर हुआ। स्नातक के बाद वह सेना में कमीशन से 12 जनवरी 1967 को आर्म कॉप्स ऑफ सिग्नल्स में बतौर अधिकारी शामिल हुए। कमांड तीन डिविजन सिग्नल रेजिमेंट में सेवा के दौरान वह 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल हुए। उन्होंने 28 साल तक सेना में विभिन्न पदों पर सेवा की। 30 अप्रैल 1994 को वह सेना से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए।
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खाती भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों के हितों के लिए अनेक कार्य किए। पूर्व पालिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती ने बताया कि एक माह पूर्व सांस लेने की दिक्कत होने पर उन्हें पिथौरागढ़ स्थित सेना अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजन उन्हें दिल्ली ले गए, जहां निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व कर्नल करम सिंह बिष्ट, जिपं अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, पूर्व विधायक चंद्रा पंत, भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, दायित्वधारी गणेश भंडारी समेत कई लोगों ने शोक जताया है। संवाद

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