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Pithoragarh News: धारचूला, मुनस्यारी और पिथौरागढ़ रेंज में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ीं
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Thu, 04 Dec 2025 10:19 PM IST
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पिथौरागढ़। जंगलों का विखंडन, बस्तियों और कृषि क्षेत्र का विस्तार, जंगल में ईंधन-चारा संग्रह, जलवायु परिवर्तन, लावारिस पशुओं की बढ़ती संख्या और जनजागरूकता की कमी जैसे कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष को और गंभीर बना रहे हैं। जनपद में धारचूला, मुनस्यारी और पिथौरागढ़ रेंज के गांवों में तेंदुआ, भालू, जंगली सूअर, बंदर, ततैया और सांप से संबंधित घटनाएं अधिक बढ़ रही हैं। यह बात प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) आशुतोष सिंह ने बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर आयोजित समीक्षा बैठक में कही।
प्रभागीय वनाधिकारी ने जिले के संवेदनशील क्षेत्रों, संघर्ष के प्रकार, जोखिम कारकों और वर्तमान प्रतिक्रिया तंत्र पर पीपीटी प्रस्तुति देते हुए विस्तृत जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम आशीष भटगांई ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष जनपद के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, त्वरित प्रतिक्रिया व संयुक्त प्रयास करना जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें। रात के समय अत्यंत आवश्यक होने पर ही समूह में बाहर निकलने का प्रयास करें।
डीएम ने इस संबंध में सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में रात्रिकालीन गश्त और निगरानी बेहतर करने को कहा। साथ ही विद्यालयों, समुदायों और ग्राम सभाओं में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने और उरेडा को संवेदनशील स्थलों पर सोलर लाइटें लगाने के निर्देश दिए।
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प्रभागीय वनाधिकारी ने जिले के संवेदनशील क्षेत्रों, संघर्ष के प्रकार, जोखिम कारकों और वर्तमान प्रतिक्रिया तंत्र पर पीपीटी प्रस्तुति देते हुए विस्तृत जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम आशीष भटगांई ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष जनपद के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, त्वरित प्रतिक्रिया व संयुक्त प्रयास करना जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें। रात के समय अत्यंत आवश्यक होने पर ही समूह में बाहर निकलने का प्रयास करें।
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डीएम ने इस संबंध में सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में रात्रिकालीन गश्त और निगरानी बेहतर करने को कहा। साथ ही विद्यालयों, समुदायों और ग्राम सभाओं में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने और उरेडा को संवेदनशील स्थलों पर सोलर लाइटें लगाने के निर्देश दिए।

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