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Pithoragarh News: हिमालय का कलेजा चीर गईं हिंद महासागर के करीब से उठी चीखें
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Mon, 08 Dec 2025 10:38 PM IST
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सुरेंद्र सिंह-फाइल फोटो।
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गोवा में 6–7 दिसंबर की काली रात को पिथाैरागढ़ के सुरेंद्र और चंपावत के मनीष का परिवार कभी न भूल पाएंगे। दोनों युवा रोजगार के लिए गए संसाधनविहीन दुर्गम हिमालयी क्षेत्र से दो हजार किलोमीटर से ज्यादा दूर समंदर किनारे रोजगार की खातिर गए थे। उनको क्लब में मेहमानों की सुविधाओं का ध्यान रखने का काम सौंपा गया था। उस रात नाइट क्लब में रात के साये में जश्न चल रहा था मगर महफिल पर मंडराई माैत ने इन घरों के चिराग बुझा दिए।
नाइट क्लब की आग ने बुझा दी जमराड़ी के सुरेंद्र के जीवन की लाै
तीन साल पहले हुई थी शादी, पत्नी की सूनी हो गई मांग, गांव में पसरा मातम
संवाद न्यूज एजेंसी
पिथौरागढ़। अरपोरा में संचालित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड में सीमांत जिले के मुनस्यारी क्षेत्र अंतर्गत जमराड़ी गांव निवासी सुरेंद्र सिंह (38) पुत्र अमर सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। सुरेंद्र पिछले कुछ महीनों से इसी नाइट क्लब में नौकरी कर रहा था और घटना के समय वह क्लब के भीतर मौजूद था।
हादसे की सूचना जैसे ही गांव पहुंची, पूरे जमराड़ी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बूढ़े माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी सदमे में बदहवास है। तीन साल पहले ही सुरेंद्र का विवाह हुआ था। दांपत्य जीवन के सपने अभी पूरे भी नहीं हुए थे कि मौत ने उसे बीच रास्ते ही छीन लिया। दंपति की कोई संतान नहीं है। उसे कुछ महीने पहले ही इस नाइट क्लब में नौकरी मिली थी।
परिजन बताते हैं कि सुरेंद्र मेहनती और जिम्मेदार युवक था। रोजगार के लिए वह घर-परिवार से दूर गोवा गया था ताकि माता-पिता और पत्नी को सुखी जीवन दे सके ...मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि हादसे की सूचना मृतक के परिजनों को दे दी गई है। सुरेंद्र का पार्थिव शरीर गोवा से उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है और मंगलवार को शव पिथौरागढ़ पहुंचेगा। गांव में जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, हर आंख नम हो रही है।
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बाराकोट के मनीष की मौत से आंसू बन गईं मां की उम्मीदें
संवाद न्यूज एजेंसी
लोहाघाट (चंपावत)। गोवा के नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने बाराकोट विकासखंड के नेत्र सलान गांव निवासी मनीष सिंह (23) की भी जान ले ली। मनीष क्लब की रसोई में काम करता था और हादसे के समय ड्यूटी पर था। जिस जवान बेटे को मां ने उम्मीदों के साथ काम पर भेजा था, अब उसके शव के आने का इंतजार कर रही है।
डेढ़ साल पहले मनीष काम के सिलसिले में गोवा गया था। परिवार को उम्मीद थी कि वह मेहनत से आगे बढ़ेगा, घर की आर्थिक हालत सुधरेगी। लेकिन आग की उस रात ने मां की गोद, पिता का सहारा और भाई का साया छीन लिया। मनीष की मौत की खबर गांव पहुंचते ही हर घर में मातम पसर गया। वह अपने दो भाइयों में सबसे बड़ा था और पूरे परिवार की उम्मीदों का सहारा था। पिता कृष्ण सिंह, मां मालती देवी, छोटा भाई संजय सिंह, बूबू जोगा सिंह और आमा ललिता देवी गहरे सदमे में हैं। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया है।
परिजनों ने बताया कि हादसे से कुछ घंटे पहले ही मनीष ने अपनी मां से फोन पर बात की थी। हाल-चाल पूछा था, यह कहा था कि थोड़ी देर बाद फिर बात करेगा लेकिन उसके बाद वह कॉल कभी नहीं आया। सोशल मीडिया पर गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की खबरें सामने आईं तो परिवार की धड़कनें बढ़ने लगीं। फोन पर बात नहीं हुई तो अनहोनी का डर गहरा गया। कुछ देर बाद गांव के ही एक युवक और मनीष की बुआ के बेटे ने उसकी मौत की पुष्टि की।
मनीष के ताऊ देव सिंह ने बताया कि मनीष का शव दिल्ली से सोमवार दोपहर गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। उसके मामा वीरेंद्र सिंह और चाचा मदन सिंह भी शव के साथ आ रहे हैं। मंगलवार को स्थानीय श्मशान घाट में पूरे गांव की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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पिथौरागढ़। अरपोरा में संचालित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड में सीमांत जिले के मुनस्यारी क्षेत्र अंतर्गत जमराड़ी गांव निवासी सुरेंद्र सिंह (38) पुत्र अमर सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। सुरेंद्र पिछले कुछ महीनों से इसी नाइट क्लब में नौकरी कर रहा था और घटना के समय वह क्लब के भीतर मौजूद था।
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हादसे की सूचना जैसे ही गांव पहुंची, पूरे जमराड़ी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बूढ़े माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी सदमे में बदहवास है। तीन साल पहले ही सुरेंद्र का विवाह हुआ था। दांपत्य जीवन के सपने अभी पूरे भी नहीं हुए थे कि मौत ने उसे बीच रास्ते ही छीन लिया। दंपति की कोई संतान नहीं है। उसे कुछ महीने पहले ही इस नाइट क्लब में नौकरी मिली थी।
परिजन बताते हैं कि सुरेंद्र मेहनती और जिम्मेदार युवक था। रोजगार के लिए वह घर-परिवार से दूर गोवा गया था ताकि माता-पिता और पत्नी को सुखी जीवन दे सके ...मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि हादसे की सूचना मृतक के परिजनों को दे दी गई है। सुरेंद्र का पार्थिव शरीर गोवा से उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है और मंगलवार को शव पिथौरागढ़ पहुंचेगा। गांव में जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, हर आंख नम हो रही है।
बाराकोट के मनीष की मौत से आंसू बन गईं मां की उम्मीदें
संवाद न्यूज एजेंसी
लोहाघाट (चंपावत)। गोवा के नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने बाराकोट विकासखंड के नेत्र सलान गांव निवासी मनीष सिंह (23) की भी जान ले ली। मनीष क्लब की रसोई में काम करता था और हादसे के समय ड्यूटी पर था। जिस जवान बेटे को मां ने उम्मीदों के साथ काम पर भेजा था, अब उसके शव के आने का इंतजार कर रही है।
डेढ़ साल पहले मनीष काम के सिलसिले में गोवा गया था। परिवार को उम्मीद थी कि वह मेहनत से आगे बढ़ेगा, घर की आर्थिक हालत सुधरेगी। लेकिन आग की उस रात ने मां की गोद, पिता का सहारा और भाई का साया छीन लिया। मनीष की मौत की खबर गांव पहुंचते ही हर घर में मातम पसर गया। वह अपने दो भाइयों में सबसे बड़ा था और पूरे परिवार की उम्मीदों का सहारा था। पिता कृष्ण सिंह, मां मालती देवी, छोटा भाई संजय सिंह, बूबू जोगा सिंह और आमा ललिता देवी गहरे सदमे में हैं। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया है।
परिजनों ने बताया कि हादसे से कुछ घंटे पहले ही मनीष ने अपनी मां से फोन पर बात की थी। हाल-चाल पूछा था, यह कहा था कि थोड़ी देर बाद फिर बात करेगा लेकिन उसके बाद वह कॉल कभी नहीं आया। सोशल मीडिया पर गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की खबरें सामने आईं तो परिवार की धड़कनें बढ़ने लगीं। फोन पर बात नहीं हुई तो अनहोनी का डर गहरा गया। कुछ देर बाद गांव के ही एक युवक और मनीष की बुआ के बेटे ने उसकी मौत की पुष्टि की।
मनीष के ताऊ देव सिंह ने बताया कि मनीष का शव दिल्ली से सोमवार दोपहर गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। उसके मामा वीरेंद्र सिंह और चाचा मदन सिंह भी शव के साथ आ रहे हैं। मंगलवार को स्थानीय श्मशान घाट में पूरे गांव की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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